नगर परिषद-नपा, राजस्व-नजूल में जमीनों की नूरा कुश्ती

झाबुआ। एक समय था जब सरकार कहा करती थी ‘सरकारी सम्पति आपकी अपनी है इसकी सुरक्षा कीजिये’ सरकारी सम्पतियों को लेकर जब सरकारी विभागों में ही नूराकुश्ती चले तो सोचा जा सकता है कि भ्रष्ट सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली जिले में किस कदर का कार्य कर रही होगी।

जिले में यूं तो अधिकांश भूमियां नजूल, राजस्व और वन विभाग के अधीन है। कुछ भूमियां अन्य विभागों को हस्तांतरित हो चुकी, तो कुछ पर किसी विभाग ने अन्य विभाग की भूमियों पर अपना अधिकार जमाते हुए न केवल कब्जा कर लिया अपितु अपनी मोटी स्वार्थ सिद्धि भी कर ली। ऐसा भी नहीं है कि इन सबकी जानकारी जिम्मेदार राजस्व और नजूल को नहीं है।

आश्चर्य तो यह कि ‘मुझे पता नहीं, अपने बताया तो दिखवाता हूं, नियम विरुद्ध होगा तो नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी’। जैसे जुमलों के वर्जन देने वाले अधिकारी लिखित शिकायत होने के बाद भी एक-दूसरे पर आई बला टालने का कार्य कर अपने कर्तव्य की इतिश्री में लगे रहते हैं।

यूं तो जिले में कई नगर परिषदों में कई मामले भूमियों को लेकर चल रहे जिनमें थांदला नगर परिषद द्वारा नजूल भूमियों, लोकनिर्माण विभाग की भूमि के साथ ही एनजीटी का उल्लंघन कर सरकारी नाले पर दुकानें तानने का, तो पेटलावद में भी सरकारी भूमि और उद्यान को उजाड़ काम्प्लेक्स निर्माण का सामने आया। जहां शिकायत होने पर एसडीएम ने कार्यवाही करते हुए कार्यों पर रोक लगाई।

जिले की थांदला नगर परिषद तो पूरे जिले में ऐसे कार्यों में एक कदम आगे है। ताजा मामला जिला मुख्यालय का आया जो जिले की थांदला, पेटलावद नगर परिषद के उलट है। यहां सज्जन रोड पर हाल ही में यहां स्वास्थ्य विभाग ने आम रास्ता ही बंद कर दिया। जबकि राजस्व नियमानुसार आम रास्ता चाहे वह किसी निजी भूमि से भी होकर निकल रहा और रिकार्ड में रास्ता दर्ज है तो उसे अवरुद्ध नहीं किया जा सकता।

इसी उद्देश्य से नगरपालिका जिसकी भूमि है ने पूर्व में दुकानें बनाने के दौरान रास्ता छोड़ दिया था। कुछ वर्षों पूर्व नपा की भूमि के पीछे स्थित स्वास्थ्य विभाग की भूमि जहां अतिक्रमणकर्ताओं ने कब्जा कर लिया था। नपा, राजस्व और पुलिस ने मिलकर न केवल हटाया, अपितु अतिक्रमणकर्ताओं हेतु रामदास कालोनी का निर्माण कर उन्हें बसाया। आम रास्ता होने से मरीजों को चिकित्सालय के नेत्र विभाग, मलेरिया विभाग के साथ ही अस्पताल में जाने का सुगम रास्ता था।

इस संबंध में सीएमओ एलएस डोडिया ने निर्माणकर्ता स्वास्थ्य विभाग से बिना अनुमति निर्माण और बिना राजस्व सीमांकन करवाएं निर्माण करने पर आपत्ति भी दर्ज करवाई। स्वास्थ्य विभाग की मनमानी इन दिनों जोरों पर है। पूर्व में विभाग ने चिकित्सालय के आगे दो द्वार बंद कर दिए, तो अब चिकित्सकों के निवास के पास से गुजरने वाले आम रास्ते को बंद कर जनहित के विरुद्ध कार्य किया, लेकिन नजूल और राजस्व विभाग अब भी खामोश है।

जिम्मेदारों की खामोशी से आमजन में कई प्रकार की शंकाएं, कुशंकाएं बनी हुई है। इन्हें तो जिलेभर में राजस्व और नजूल भूमियों पर सरकारी व गैर सरकारी कब्जे विभाग की भ्रष्ट क्रयप्रणाली उजागर कर रहा है।

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