क्षिप्रा की गंदगी पर छिड़ी राजनैतिक रार

कांग्रेस के पूर्व मंत्री के बयान पर भाजपा जिलाध्यक्ष बोले आंदोलन नहीं भागीदारी निभायें

देवास, अग्निपथ। मकर सक्रांति पर पवित्र नदियों में पर्व स्नान की परम्परा है। इसी को देखते हुए जिले से बहने वाली पवित्र क्षिप्रा नदी में व्याप्त गंदगी को लेकर राजनैतिक रार छिड़ गयी।

क्षिप्रा नदी में फैली गंदगी किसी से छिपी हुई नहीं है। वर्षों से इसकी स्वच्छता के स्वर उठते रहे है। मकर सक्रांति पर स्रान से दो दिन पहले प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सोनकच्छ के विधायक सज्जन वर्मा कांग्रेस नेताओं के साथ क्षिप्रा के तट पर पंहुच गये। वर्मा ने सोशल मीडिया के कैमरे के सामने कलेक्टर साहब को फोन लगाया, कहा हम क्षिप्रा तट पर खड़े हैं, तमाम सारे गांव वाले है, …मकर सक्रांति है, बहुत ही बुरी स्थिति है, बाप रे बाप कितनी बदबू आ रही है। नगर निगम को बोलो कलेक्टर साहब, बहुत…बैठे है। ग्राम पंचायत नहीं नगर निगम के अधीन है, पोकलेंड भिजवाना पडेÞगी। इसके बाद वर्मा ने कैमरे के सामने कहा कि गांव वालों के आव्हान पर हम आये है।

देवास नगर निगम, देवास जिला प्रशासन नाकारा है, मैं तो उज्जैन प्रशासन को भी नाकारा कहुंगा। यह पानी बहकर तो वहीं जाएगा। यही नहीं प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार को धर्म के नाम पर पाखंड करने वाली बताते हुए कहा कि जब चुनाव आते है तो मंदिर-मस्जिद करने लग जाते है, बाद में भुल जाते है, क्या इन्हे पता नहीं है कि मकर सक्रांति का त्यौहार आने वाला है, इसकी तो 14 तारीख भी निश्चित है, हजारो, लाखो लोग स्रान करने आते है, फिर सफाई क्यों नहीं की गयी।

सज्जन वर्मा के बयानों का जवाब समझाईश भरे अंदाज में देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई भी बात को संज्ञान में आए तो उसे आन्दोलन नहीं बनाया जाना चाहिये, बल्कि जनभागीदारी भी निभानी चाहिये।

Next Post

प्राचीन ज्ञान का व्यावहारिक प्रयोग होना चाहिए : मेनन

Fri Jan 14 , 2022
उज्जैन, अग्निपथ। हमारे शास्त्रों में निहित ज्ञान राशि की गहराई में जाते हुए इस ज्ञान का व्यावहारिक प्रयोग होना चाहिए। ऐसे आयोजन मार्गदर्शक होते हैं। प्राचीन व अर्वाचीन ज्ञान-विज्ञान की पद्धति का समन्वय करते हुए लोककल्याण की योजना आवश्यक है। कल्पवल्ली के अवसर पर आयोजित शोध संगोष्ठी की अध्यक्षता करते […]