मेंटेनेंस के नाम पर हो रही बार-बार बिजली कटौती ने छीना लोगो का सुख चैन

हर एक घण्टे में हो रही है 10 से 12 बार गुल होती है बिजली

धार, अग्निपथ। जहां एक ओर सरकार आम जनता को सुविधा देने की बात करती है वहीं दूसरी ओर अभी बिजली कटौती से आम जनता परेशानी झेल रही है। ग्रमीण क्षेत्रों में विद्युत कटौती की समस्या से जहां आम जनता पस्त है, वहीं जिम्मेदार नेता व अधिकारी मस्त हैं। वे जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए बंद एसी दफ्तरों व बंगलों से बाहर नहीं निकलना चाहते। आए दिन कभी मेंटेनेंस के नाम पर तो कभी अन्य कारणों से कही घंटे बिजली काट दी जाती है, लेकिन उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है।

जिले सहित प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में सरप्लस बिजली का दावा करने वाली सरकार 24 घंटे बिजली गाँवो में सप्लाई नहीं कर पा रहीं है। इससे कृषि, लघु उद्योग धंधे व व्यापार सहित तमाम कार्य प्रभावित होते हैं। बिजली कटौती से कोई भी अछूते इससे अस्पताल में मरीजों व डॉक्टरों को परेशानी झेलनी पड़ती है। डॉक्टरों को कई बार कैंडल या टार्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता है। वही गर्मी से ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है वही गर्मी में यह हाल है तो बरसात के दिनों में तो बिजली आपूर्ति की हालत और खराब हो जाती है। जरा सा हवा का झोंका चला नहीं कि तारों के महाजाल में स्पार्किंग होने लगती है। कई स्थानों पर तारों के टूट कर गिरने या स्पार्किंग होने से जान-माल का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है। शायद ही कोई गली या मुहल्ला हो जहां तारों का मकडज़ाल न लगा हो।

पुराने तारों को बदलकर उसके स्थान पर नए तार लगाने के लिए कई बार शिकायत नागरिकों द्वारा की जाती है, लेकिन विभागीय अफसर ध्यान नहीं देते। वही जब परेशानी आती है देखा जाता है बिजली आपूर्ति को सरकार ने जब से निजी हाथों में सौंपा है तब से यह समस्या आम हो गई है। बिजली बिल आने की तो गारंटी है, लेकिन बिजली कब आएगी और कब जाएगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। बिजली से जलापूर्ति व्यवस्था भी जुड़ी है। अगर सुबह-शाम बिजली कटी तो नागरिकों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि बिजली व्यवस्था को इस तरह दुरुस्त करे कि नागरिकों को सहूलियत हो। बिजली कटौती की पूर्व सूचना अवश्य दें, ताकि लोग अपनी आवश्यकताओं की समय से पहले पूर्ति कर सकें।

सभी जगह चरमाई व्यवस्था

क्या गांव क्या शहर जिला मुख्यालय सहित के क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है। पिछले महिने भर से जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में अघोषित रूप से बिजली आपूर्ति बंद कर दी जा रही है। लगातार हो रही बिजली की आंख मिचौली से ग्रमीण व नगरवासी परेशान हैं। यहां बिजली के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। इससे लोगों में आक्रोश बढऩे लगा है। जहा एक ओर पहले गर्मी से लोग परेशान हैं।

वही मई के आखरी सप्ताह से ही तापमान बढ़ गया है। यहां बिना किसी सूचना के बिजली गुल कर दी जाती है। इससे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ जाती है। थोड़े से मौसम में बदलाव आने पर अचानक अनावश्यक रूप से बिजली गुल कर दी जाती है। लगातार कटौती से जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी की धमक तेज हुई है हवाओं ने उमस बढ़ा दिया है। गर्मी से घरों में कैद लोग उमस से परेशान होने लगे हैं अघोषित कटौती आफत बनकर आई है न घर में चैन है न बाहर जाने से।

लोगों के समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें जब फोन लगाकर जिम्मेदारों से पूछते है तो कहते है कि मेंटनेंस का कार्य चल रहा है जल्द बिजली आ जाएगी हर समय मेंटेनेंस का बहाना देकर बिजली को काटा जा रहा ।

दिन हो या रात बिजली कटौती जारी

रात होते ही अंधेरा छा जाता है वहीं अधिकांश हर रोज रात को भी लाइट कटौती की जाती है वही रात बच्चों व लोगों को काफी परेशानी होती है जिसके कारण लोग घरों के बाहर छतों पर सोना शुरू कर दिया है वहीं ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत करी मगर ग्रेट पर जिसकी ड्यूटी रहती है वह सुनने को तैयार नहीं है इस विषय में जिम्मेदार अधिकारियों इस ओर ध्यान नही दे रहे है व हर बार लाइट फाल्ट या कुछ खराबी का बहाना कर लेते है वही ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की करने का नियम है मगर वह नियम अनुसार हो नही रही बस अधिकारियों द्वारा कागजो पर कार्य हो रहा है वही गांवों में घंटो बिजली की कटौती की जा रही है। वही जबकि कृषि सिंचाई के लिए हर दिन 10 घंटे बिजली किसानों को दी जाने का नियम है मगर जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नही दे रहे है।

जनता की परेशानी

भीषण गर्मी में जीना मुश्किल हो रहा है बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चों को हो रही है, क्षेत्र में सुबह से शाम के बीच में बार- बार बिजली बंद की जा रही है और हद तो तब हो जाती है जब दोपहर की दोपहर में कटौती काफी परेशान कर रही है – नारायण कामदार सरपंच गांव सकतली

बिजली कटौती से ज्यादा परेशानी आ रही है दिन तो दिन रात को भी कटौती से सोना दुस्वार हो गया है। घण्टो बिजली आँख निचोली खेल रही है सरकार ओर जिम्मेदारो को इस ओर ध्यान देना चाहिए – जमनालाल यादव किसान

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