छुट्टी से लौटे अपर आयुक्त मनोज पाठक फजीते में पड़े
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में पिछले कुछ दिनों से दागी अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने की मुहीम छिड़ी हुई है। इस मुहिम के बीच मंगलवार शाम को एक अजीब वाकया भी हुआ है। लंबी छुट्टी के बाद अपर आयुक्त मनोज पाठक ने वापस आकर अपनी आमद दी तो उनकी आमद को स्वीकार ही नहीं किया गया। एक लेटर जारी कर उन्हें कह दिया गया कि आप पहले भोपाल संचालनालय जाकर वहां से रीलिव लेटर लेकर आईए।
दरअसल, अपर आयुक्त मनोज पाठक को निर्वाचन कार्य के लिए नगरीय प्रशासन संचालनालय ने 20 मई को आदेश जारी कर निर्वाचन कार्य हेतु भोपाल मुख्यालय पर अटैच किया था। जैसे ही संचालनालय आदेश जारी हुआ नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने उन्हें उज्जैन नगर निगम से रीलिव भी कर दिया। मनोज पाठक भोपाल न जाते हुए छुट्टी पर चले गए। 31 मई मंगलवार को छुट्टी से लौटकर उन्होंने नगर निगम में अपनी ज्वाइनिंग के लिए आवेदन दिया था।
इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। मनोज पाठक को एक लेटर जारी कर कह दिया गया कि आपको उज्जैन नगर निगम से नगरीय प्रशासन संचालनालय के लिए रीलिव किया गया था, लिहाजा संचालनालय से रीलिव का लेटर आने तक यहां आपको दोबारा ज्वाइनिंग नहीं दी जा सकती है।
जहां चलता था सिक्का, वहीं नहीं मिली ज्वाइनिंग
अपर आयुक्त मनोज पाठक के पास कुछ दिन पहले तक नगर निगम की स्थापना शाखा का प्रभार हुआ करता था। वे लंबे वक्त तक स्थापना के प्रभारी रहे। चंद दिनों में ही माहौल बदल गया। जिस विभाग में मनोज पाठक की अनुमति के बिना कोई कागज नहीं सरकता था, वहीं से उन्हें उनसे भी जूनियर उपायुक्त स्थापना पूजा गोयल ने ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया। पाठक को जो लेटर जारी हुआ है, उसे आयुक्त के निर्देश पर उपायुक्त स्थापना पूजा गोयल ने ही जारी किया है।