ट्रेंचिंग ग्राउंड बना नगर निगम का कालापानी

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए गोंदिया स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड अब कालापानी के समान बन गया है। जिन भी अधिकारियों-कर्मचारियों की आयुक्त अंशुल गुप्ता के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही है, उन्हें शहर से 15 किलोमीटर दूर ट्रेचिंग ग्राउंड ही भेजा जा रहा है। शुक्रवार को फिर से पीएचई के उपयंत्री को गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड के पर्यवेक्षक का काम सौंप दिया गया है। पिछले 1 महीने में यहां 4 लोग अटैच किए जा चुके है।

शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के तीन कर्मचारियों के कार्यभार में बदलाव के आदेश जारी किए। भंडार प्रभारी अशोक रघुवंशी को पीएचई कंट्रोल रूम का प्रभारी बना दिया गया। उपयंत्री सुभाष मुवेल को उंडासा जल यंत्रालय, सीवेज पंप हाउस के काम के साथ-साथ हेंडपपं, पॉवर पंप और फाउंटेन के संचालन-संधारण का प्रभारी बनाया गया है।

पीएचई के कंट्रोल रूम प्रभारी उपयंत्री मिथिलेश त्रिवेदी को कंट्रोल रूम से हटाकर गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड के पर्यवेक्षण का काम दे दिया गया। एक महीने में गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर अटैच किए गए वे चौथे अधिकारी हैं। मिथिलेश त्रिवेदी से पहले मुकेश गर्ग, राजेश तिवारी और मनीष भावसार को गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर अटैच किया गया है। राजेश तिवारी और मनीष भावसार तो निलंबित होकर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचे है।

अपर आयुक्त के लेपेटे में आ गए बाबू

जोन क्रमांक 5 में पदस्थ लिपिक भूपेंद्र वेगड़ को अपर आयुक्त स्थापना आदित्य नागर के गुस्से का सामना करना पड़ गया है। दरअसल, अपर आयुक्त नागर निलंबित प्रभारी कार्यपालन यंत्री पियूष भार्गव से जुड़े एक मामले की जांच कर रहे है। भार्गव पर एक आरोप यह भी है कि उन्होंने फ्रीगंज निवासी दिनेश कुमार फुलवानी को गैर कानूनी तरीके से नोटिस जारी किया था, इस प्रकरण में लिपिक भूपेंद्र वेगड़ की भी संलिप्तता रही है। अपर आयुक्त ने वेगड़ को अपने कार्यालय में बुलाकर पूरा घटनाक्रम जाना। कुछ मुद्दो पर वेगड़ द्वारा गलत जानकारी दिए जाने के बाद अपर आयुक्त ने उन्हें फटकार भी लगाई। शुक्रवार शाम यह अफवाह भी रही कि वेगड़ को निलंबित कर दिया गया है, हालांकि ऐसी कोई कार्यवाही उनके विरूद्ध फिलहाल नहीं हुई है।

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