महाकाल मंदिर वरिष्ठ पुजारियों में विवाद फिर शुरू, शिकायतों का दौर चला

एक-दूसरे पर लगाए कई आरोप, 11 मई के विवाद के बाद 3 जून को फिर से हुई नूराकुश्ती

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दो वरिष्ठ पुजारियों के बीच विवाद उपजने के बाद शिकायती आवेदनों का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां पुजारी प्रदीप गुरु ने प्रशासक को शिकायती आवेदन दिए हैं। वहीं दूसरे पुजारी महेश गुरु ने भी प्रशासक सहित मुख्यमंत्री को अखिल विश्व पुजारी महासंघ के लैटर हेड पर शिकायती आवेदन दिया है। दोनों ने 11 मई और 3 जून को हुई घटना का शिकायती आवेदन प्रशासक को भी सौंपा है।

पिछले माह की 11 मई को महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में हुए विवाद के बाद 3 जून को फिर विवाद की स्थिति बनी। जब प्रात: 4 बजे गर्भ ग्रह के पट खुलने के पश्चात पुलिस महानिदेशक व उनके परिजनों को पुजारी प्रदीप गुरु नंदीहाल में बैठा रहे थे। प्रशासक को दिए गए शिकायती आवेदन में पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि उस दौरान महेश पुजारी ने गर्भगृह निरीक्षक रितेश शर्मा को डराया कि आज भस्मारती में पंचामृत पूजन में मेरे अतिरिक्त कोई भी अन्य पुजारी हाथ नहीं डालेगा।

वहां पर मौजूद नेमनुकदार पुजारी कपिल व्यास को भी महेश पुजारी ने कहा कि आज आप मंजन नहीं करना। दोनों को मंजन करने से वंचित रखा गया। लेकिन जब मैं गर्भगृह में पंचामृत पूजन करने गया तो महेश पुजारी द्वारा भगवान महाकालेश्वर की वेदोक्त परंपरा के तहत मंत्र उपचार करने से रोका गया।

निरीक्षक रितेश शर्मा द्वारा निर्देशित कर उनको मंजन करने से रुकवाया। महेश पुजारी उकसा कर झगड़ा करना चाहते थे। परंतु उनके द्वारा शांत रहने पर गर्भगृह में उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। वहीं उन्होंने महेश पुजारी को एक ईष्र्यालू और झगड़ालू आदमी बताया। पुजारी प्रदीप गुरु ने प्रशासक से गर्भगृह की आवाज सहित सीसीटीवी फुटेज निकालकर निरीक्षक रितेश शर्मा व नेमनुक पुजारी कपिल व्यास से बीतचीत कर महेश पुजारी पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

11 मई को दिए आवेदन का मजमून

वहीं पहले शिकायती आवेदन में पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि गर्भगृह में पूजन के दौरान पुजारी प्रतिनिधि महेश पुजारी द्वारा दानदाता और उनसे अनुचित व्यवहार करने तथा पूजन अर्चन में व्यवधान उत्पन्न कर के मंदिर की शांति भंग करने की भी शिकायत पुजारी प्रदीप गुरु ने की है। 11 तारीख को हुई उक्त घटना सुबह 9.30 से 10 बजे के बीच हुई है जिसमें इंदौर निवासी दानदाता विष्णु बिंदल और जेके सीमेंट समूह के प्रमुख अपने परिवार सहित बाबा के दर्शन पूजन करने आए थे। इस दौरान उन्होंने 1500 रुपए की विशेष दर्शन रसीद प्रति व्यक्ति के मान से शुल्क लेकर गर्भ गृह में पूजन किया था। सभी ने तय किया था कि सामूहिक पूजा नहीं करेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पूजन सामग्री उच्च मापदंडों की ही अर्पण करने हेतु लाई गई थी। इस दौरान महेश पुजारी अनाप-शनाप बोलते रहे। उन्होंने एक पंडित और महिला को गर्भगृह में घुसाने का प्रयास किया जिसका विरोध उनके द्वारा किया गया। उन्होंने आगे भी महेश पुजारी द्वारा उनके भाई दिलीप पुजारी प्रशांत पुजारी और उनके पुत्र यश पुजारी के साथ अप्रिय घटना निर्मित करने की संभावना व्यक्त की।

सीएम को शिकायती आवेदन भेजा

विवाद बढ़ता देख महेश पुजारी ने सीएम हाउस को शिकायती पत्र भेजा है। महेश पुजारी ने पत्र में प्रदीप गुरु द्वारा सीएम से नज़दीकियों का जिक्र करते हुए मंदिर की छवि धूमिल करने व महाकाल मंदिर के पंडितों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। रविवार रात को वायरल अखिल विश्व पुजारी महासंघ की ओर से सीएम को लिखे गए पत्र में प्रदीप गुरु पर सिलसिलेवार आरोप लगाए गए हैं।

पत्र में प्रदीप गुरु द्वारा नियम विरुद्ध पूजा सामग्री अर्थात गुलाल कुकू और पंचामृत अधिक मात्रा में शिवलिंग पर चढ़ाने, अपने यजमानों को 15 मिनट तक गर्भगृह में रोककर पूजन अर्चन करने तथा शिवरात्रि पर्व पर भस्म आरती के दौरान 755 लीटर शिवलिंग पर चढ़ाने को सीधा-सीधा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना बताया है।
इनका कहना-नियमानुसार दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
गणेशकुमार धाकड़, प्रशासक

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