दादा के फार्म में आते ही, समर्थक मैदान में

2023 चुनाव के लिए, तराना विधानसभा क्षेत्र में बने नए समीकरण

कायथा, (दिनेश शर्मा) अग्निपथ। राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। कुछ समय पहले ही राष्ट्रीय और प्रदेश के साथ ही जिले की राजनीति में भी भुला दिए गए भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया (दादा) के एकाएक पार्टी के सबसे ताकतवर संसदीय बोर्ड में एंट्री होते ही, पूरे जिले के साथ-साथ तराना विधानसभा के समीकरण भी पूरी तरह बदल गए हैं।

लंबे समय से उपेक्षा व राजनीतिक वनवास झेल रहे दादा समर्थक पूरी ताकत से संगठन में सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है कि जिले की घट्टिया और तराना विधानसभा सीट पर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्यनारायण जटिया के समर्थक को टिकट मिल सकती है। इसी कारण तराना विधानसभा क्षेत्र में दादा के समर्थकों ने सक्रिय होकर विधानसभा की तैयारियां शुरू कर दी है।

वर्तमान में तराना विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, भाजपा और संघ परिवार की परंपरागत गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है, जिसमें सबसे बड़ा नाम खुद डॉक्टर जटिया के पुत्र राजकुमार जटिया का माना जा रहा है। सामाजिक समीकरण उनके पक्ष में है। इसके साथ ही डॉक्टर जटिया के समर्थक पूर्व विधायक ताराचंद गोयल, युवा जिला पंचायत सदस्य ओम राजोरिया भी प्रमुख दावेदार है।

इसके अलावा यहां से पूर्व विधायक रोडमल राठौर भी सशक्त दावेदार है। सांसद अनिल फिरोजिया भी यहां से विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक है, लेकिन राजनीतिक जानकार लोगों का मानना है कि पार्टी उनको 2024 में फिर से लोकसभा के लिए मैदान में उतारेगी। इसलिए पार्टी तराना विधानसभा क्षेत्र से किसी नए चेहरे पर दांव लगाना चाहती है।

क्योंकि कांग्रेस के वर्तमान विधायक महेश परमार यहां पर बहुत सक्रिय हैं, और उनकी कार्यशैली को देखते हुए भाजपा को यहां से किसी मजबूत चेहरे को मैदान में उतारना पड़ेगा, इसलिए संघ और संगठन यहां से किसी ऐसे युवा चेहरे को मैदान में उतारना चाहेगी जिसका कोई विरोध ना हो, और जो जनता में भी स्वीकार्य हो।

इनकी रहेगी महत्वपूर्ण भूमिका

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सत्यनारायण जटिया के एक बार फिर पावर में आते ही तराना विधानसभा क्षेत्र के उनके कट्टर समर्थक, मदन सांखला, अशोक वक्त, विजय जयसवाल सौदानसिंह सिसौदिया, कन्हैयालाल राठौर एक बार फिर तराना की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। क्योंकि इन लोगों ने दादा क्या बुरे समय में भी उनका साथ नहीं छोड़ा है, ऐसे में माना जा रहा है कि दादा के पावर में आते ही अब दादा भी इनको शीघ्र ही उपकृत करने वाले हैं।

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