आर्मी मेजर की मां ने महाकाल मंदिर में जलद्वार-कालागेट से प्रवेश को लेकर मचाया बवाल

सभामंडप में आधे घंटे तक हंगामा

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में जब से प्रोटोकाल की नई व्यवस्था लागू हुई है, तब से प्रतिदिन कोई न कोई मंदिर में आकर हंगामा मचा रहा है। मंगलवार को भोग आरती के दौरान एक आर्मी मेजर की मां ने जोरदार हंगामा मचाते हुए प्रवेश का प्रयास किया। हालत यह हो गई थी कि पुलिसकर्मी द्वारा समझाये जाने के बावजूद वो मान नहीं रही थी।

आखिरकार मंदिर प्रशासन ने उसको दर्शन के लिये प्रवेश करवा कर बला को टाल दिया। एक अन्य घटना में प्रोटोकाल से दर्शन करने आई महिला अधिकारी ने दर्शन के बाद टिकट के रुपये देने से प्रोटोकाल कर्मी को इंकार कर दिया।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा गजट नोटिफिकेशन निकाल कर प्रोटोकाल से दर्शन करने वालों के मानक तय कर दिये हैं। ऐसे में इस प्रपत्र में उल्लेखित जिन लोगों के नाम नहीं हैं। वे मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद करने पर उतारू हो गये हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को भोग आरती के बाद हुआ।

हुआ यूं कि हैदरबाद तेलंगाना से एक आर्मी मेजर की मां अपने भांजे के साथ भगवान महाकाल के दर्शन के लिये आई। वह प्रोटोकाल कार्यालय पहुंची तो ना समझी में उसने केवल एक 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट ले लिया। आर्मी मेजर की मां के पास आई कार्ड था। वह किसी तरह से काला गेट तक पहुंच गई। यहां पर मौजूद गेट निरीक्षक मुकेश गुजराती और अन्य ने उनके द्वारा आर्मी का आई कार्ड दिखाने के बाद भी प्रवेश नहीं दिया। गेट निरीक्षक का कहना था कि 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट लेकर आओ तब प्रवेश दिया जायेगा।

इस पर महिला ने हंगामा करना शुरू कर दिया। गेट पर मौजूद महिला पुलिसकर्मी से भी महिला समझ नहीं रही थी। उसका कहना था कि आर्मी परिवार की वह है। इसलिये उसको प्रवेश दिया जाना चाहिये। हालांकि उसके साथ आये हरीश नाम के भांजे ने उसको समझाने की कोशिश की, लेकिन वह समझने के लिये तैयार नहीं थी।

मुझको यहां तक कैसे आने दिया गया?

आर्मी मेजर की मां का कहना था कि जहां से टिकट ली थी, वहां उसको कह दिया गया था कि उनका आई कार्ड चल जायेगा। ऐसे में वह 4 नंबर के दोनों गेटों को पार करते हुए काला गेट तक कैस पहुंच गई। यह आश्चर्य का विषय है। संभवत तालमेल का अभाव होने के कारण ऐसा हुआ हो। लेकिन मंदिर के अधिकारियों को सभी गेटों पर गजट नोटिफिकेशन की एक कापी रखवा देना चाहिये। ताकि विवाद की स्थिति में सामने वालों को उसे दिखाकर समझाया जा सके।

विवाद को टालने के लिये दिया प्रवेश

मंदिर के गेट पर तैनात कर्मचारियों ने तो उससे कह दिया कि टिकट लेकर आ जाओ तक प्रवेश दिया जायेगा। लेकिन महिला का कहना था कि अब उसको इतनी दूर टिकट लेने के लिया जाना पड़ेगा। काफी समय तक सभामंडप में महिला इधर से उधर टहलती रही और कोसती रही। इस दौरान मंदिर के अधिकारी भी वहां से गुजरे लेकिन स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने को इस विवाद से दूर रखना ही बेहतर समझा। लेकिन एक प्रभारी अधिकारी ने आखिरकार विवाद को टालने के लिये उसको मंदिर में प्रवेश के लिये जाने दिया।

दर्शन के बाद रुपये देने से किया इंकार

प्रोटोकाल कर्मियों को अधिकारियों के लिये अपनी जेब से टिकट कटवाना परेशानी का सबब बन रहा है। विगत 5 फरवरी की शाम को आपातकालिन गेट से काली साड़ी में महिला अधिकारी ने 4 लोगों के साथ दर्शन के लिये प्रवेश किया। प्रोटोकाल कर्मी मोहनीश गरुड़ भी साथ में थे। महिला अधिकारी ने गर्भगृ़ह से तो उसके साथ के चार लोगों ने नंदीहाल से दर्शन किये। लेकिन बाद में जब प्रोटोकाल कर्मी ने उससे टिकट के रुपये मांगे तो उसने देने से इंकार कर दिया। उसका कहना था कि कलेक्टर, एडीएम से बात करुंगी। उसकी अधिकारियों से बात करवा दो।

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