उज्जैन में डॉग बाइट के रोज 25 केस

जिला अस्पताल में 100 इंजेक्शन ही शेष है रैबिज

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर में आवारा घूमने वाले डॉगों के हमले में लोग घायल होकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। यहां पर उनको रैबीज का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। वर्तमान में जिला अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध हैं। लेकिन इनकी डिलीवरी भोपाल से होने के कारण इसका कम स्टॉक जिला अस्पताल में भिजवाया जाता है। ऐसी ही स्थिति कमोबेश प्रदेश के हर अस्पताल में रहती है।

नगरनिगम की कृपा से शहर में दिनोंदिन गली मोहल्लों में आवारा डॉग घूम रहे हैं। इनकी संख्या पर नियंत्रण नहीं होने के कारण यह चौराहों पर एकत्रित होकर वाहन से निकलने वाले लोगों पर हमला कर रहे हैं। वही गली मोहल्लों के आवारा डॉग भी लोगों को काटकर चोटिल कर रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 20-25 डॉग बाइट के शिकार लोग पहुुंचकर रैबीज का इंजेक्शन लगवा रहे हैं। यहा पर दूसरा और तीसरा डोज लेने के लिये भी मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिला अस्पताल में इंजेक्शन खत्म होने की कगार पर पहुंच गये हैं।

डॉग की नसबंदी ही उपाय

नगरनिगम के पास डॉगों की बढ़ती संख्या को कम करने को लेकर कोई उपाय नहीं हैं। इनको शहर से बाहर भी नहीं भेजा जा रहा है। पूर्व में इनको पकड़ कर शहर से बाहर भी भेजा जाता था। लेकिन अब डॉगों की नसबंदी की जा रही है। यह मुहिम भी कभी कभी चलाई जाती है। जिसके चलते आवारा डॉगों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।

अस्पताल में रैबीज की कमी

रैबीज की डिलीवरी सीमित संख्या में होने के कारण इन इंजेक्शन की उपलब्धता जिला अस्पताल में कम ही रहती है। बीच बीच में यह समाप्त भी हो जाते हैं। ऐसे में डिलीवरी मांगने के काफी समय बाद रैबीज के इंजेक्शनों को जिला अस्पताल पहुंचाया जाता है। इंजेक्शन रूम की महिला इंचार्ज ने बताया कि अब उनके स्टॉक में केवल 100 बाऊल ही शेष बचे हैं। यदि इसी तरह से डॉग बाइट के मरीज आते रहे तो यह स्टॉक भी शीघ्र समाप्त हो जायेगा।

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