रिकवरी करने पहुंचे बैंक मैनेजर के साथ मारपीट

उज्जैन, अग्निपथ। लोन रिकवरी के लिये गये बैंक मैनेजर पर लोन लेने वाले ने अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट की और चाकू खोल लिया। मारपीट में घायल मैनेजर ने नीलगंगा थाने पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई है।

म.प्र. ग्रामीण बैंक नागझिरी में मैनेजर नरेशपाल सिंह शुक्रवार शाम टीम के साथ बैंक से लोन लेने वाले दीपक श्रीवास से रिकवरी के लिये मेवाड़ा ढाबे के समीप उसकी दुकान पर पहुंचे थे। जहां रिकवरी को लेकर दीपक ने विवाद शुरु कर दिया और अपने साथियोंं को बुला लिया। सभी ने मिलकर बैंक मैनेजर के साथ मारपीट की और चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। मारपीट में घायल मैनेजर ने नीलगंगा थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की।

पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराने के बाद दीपक और उसके तीन-चार अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए दीपक और अंकित को हिरासत में ले लिया है। मैनेजर के अनुसार दीपक ने बैंक से 2018 में दुकान पर 5 लाख का लोन लिया था, लेकिन किश्त जमा नहीं कर रहा था, जिसकी रिकवरी के लिये टीम के साथ मेवाड़ा ढाबे के पास उसकी दुकान पर पहुंचे थे।

वृद्ध मजदूर पर हमला कर कुत्ते ने काटी नाक

उज्जैन, अग्निपथ। दोस्त के साथ नाश्ता कर रहे वृद्ध पर शुक्रवार सुबह कुत्ते ने हमला कर दिया। वृद्ध के गिरने पर कुत्ता नाक काट ली। वृद्ध को दोस्त और लोगों ने बचाकर अस्पताल पहुंचाया।

गुजरात के दाहोद का रहने वाला जुगलकिशोर पिता भूरेलाल (56) पिछले वर्ष उज्जैन आया था और मजदूरी का काम कर रहा है। सुबह दोस्त के साथ महाकाल मंदिर दर्शन करने गया था, जहां से दोनों पैदल जिला अस्पताल के पीछे होटल पर पहुंचे और नाश्ता करने लगे। उसी दौरान सडक़ पर घूम रहे कुत्ते ने जुगलकिशोर पर हमला कर दिया, वह गिर पड़ा और कुत्ते ने उसकी नाक काट ली। दोस्त अजय दुबे और लोगों ने उसे बचाकर कुत्ते का भगाया, लेकिन नाक का आधा हिस्सा कुत्ता ले जा चुका था। खून से लथपथ हो चुके जुगल को दोस्त जिला अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उपचार के लिये भर्ती किया है।

बडऩगर के वृद्ध पर भी हमला

गुरुवार देर शाम बडऩगर के ग्राम पिठौरा से जुमन पिता बाबूखां (60) को परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जुमन खां पर मवेशियों को चारा डालते वक्त कुत्ते से हमला किया और उसकी भी नाक काट ली थी। परिजनों का कहना था कि कुछ समय से गांव में कुत्ता हर किसको को अपना शिकार बना रहा है। शहर में आवारा मवेशियों और कुत्तो का पकडऩे के लिये नगर निगम द्वारा मुहिम चलाई जाती है, काफी समय से निगम की मुहिम बंद पड़ी है। शहर के हर गली-मोहल्ले में कुत्तों का आतंक बना हुआ है। प्रतिदिन कुत्तों का शिकार 20 से 25 लोग उपचार के लिये जिला अस्पताल पहुंचते है। कुत्तों के साथ ही मवेशियों की सं या भी हर मार्ग पर एक बार फिर से बढ़ती जा रही है। बावजूद निगम की पशु पकड़ों मुहिम शुरु नहीं हो पा रही है।

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