हे महाकाल, कांग्रेस में दूसरे सिंधिया पैदा न हो; देश-विरोधी और बंटाधार भारत में पैदा ना हो

उज्जैन में कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह ने सिंधिया पर उंगली उठाई तो सिंधिया ने भी ट्विटर पर तुरंत भेजा जवाब

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में कांग्रेस संगठन की नब्ज टटोलने आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को एक ऐसा बयान दे दिया है जिसकी वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच फिर से राजनैतिक वॉक युद्ध शुरू हो गया है। उज्जैन में दिग्विजय सिंह ने बयान दिया- हे, प्रभु, है महाकाल, दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा न हो। इस बयान के सामने आने के कुछ ही घंटे बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी जवाब ट्विट आ गया। उन्होंने लिखा- हे प्रभु, है महाकाल कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाधार, भारत में पैदा ना हो।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह फिलहाल मध्यप्रदेश की ऐसी विधानसभा सीटों का दौरा कर रहे है जो लंबे वक्त से कांग्रेस के खाते में नहीं आई है और जिन पर भाजपा एक तरफा जीत हांसिल करती रही है। इसी सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री गुरूवार रात उज्जैन पहुंचे। शुक्रवार को उन्होंने यहां उज्जैन उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के बीएलए, ब्लॉक व मंडल अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग चार बैठकें ली है।

कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से पहले दिग्विजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसी संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर टिप्पणी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री से जब सवाल किया गया कि कांग्रेस की प्रदेश में यदि फिर से सरकार बनती है तो इस बात की क्या गारंटी है कि कांग्रेस की सरकार को फिर किसी ज्योतिरादित्य सिंधिया से खतरा नहीं होगा।

इस सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह की टिप्पणी थी- हे प्रभु, है महाकाल दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा न हो। विधायको के बागी हो जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में जो लोग कांग्रेस में है, हम उन्हीं में से जीत की संभावनाएं वाले चेहरे तलाशेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन्हें चुनाव लड़ाया जाएगा, वे कांग्रेस के प्रति वफादार रहे।

उन्होंने कहा कि दलबदल कानून को ओर भी सख्त बनाने की जरूरत है। जो लोग दल बदले उन पर कम से कम 6 साल चुनाव लडऩे और अन्य किसी संवेधानिक पद पर नियुक्ति पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

दिग्गी राजा के बोल-वचन

  • जब मैंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी तब प्रदेश पर 23 हजार करोड़ का कर्ज था, तब भाजपा वालों ने जमकर हंगामा किया। अब प्रदेश पर 3 लाख 50 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है लेकिन भाजपा वाले चुप बैठे है।
  • भाजपा के विधायक खरीदों आंदोलन में राजा-महाराजा बिक गए लेकिन गरीब, पिछड़े और दलित वर्ग के विधायक कांग्रेस के साथ ही खड़े रहे। इस देश में जो विचारधारा से जुड़ा हुआ है वह कभी नहीं बिकेगा।
  • मुख्यमंत्री अब लाड़ली बहना, बेरोजगार भांजा योजना ला रहे है, 20 साल में इनकी नींद नहीं खुली। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने कमलनाथ सरकार के वक्त शुरू की गई बेरोजगारों को भत्ता देने की योजना बंद क्यों कर दी।
  • नोटबंदी और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार के लोग दावा कर रहे थे कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा। उल्टा कश्मीर के शांत क्षेत्रों में भी आतंकवादी घटनाएं होने लगी है। पूंछ में हुआ हमला इसी का परिणाम है। तीन साल में कश्मीर में 1033 आतंकी घटनाएं हुई है और 177 जवान शहीद हुए है।
  • महाकालेश्वर मंदिर के परिसर का निर्माण हो या ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की प्रतिमा का काम, हर जगह गुजरात के ठेकेदार क्यों है। शंकराचार्य की मूर्ति के निर्माण में तो चीन की मदद ली जा रही है। प्रदेश सरकार तीन लोगों को इसी सिलसिले में चीन भेजने जा रही है।
  • अडाणी की डिफेंस प्रोडक्शन की एक कंपनी में चायना का भी एक डायरेक्टर है, क्या यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है।
  • शिवराज जी की 2100 घोषणाएं ऐसी है जो अभी तक पूरी नहीं हुई है। इन पर अमल ही नहीं हो सका।
  • महाकालेश्वर मंदिर का व्यवसायीकरण कर दिया गया है। महाकालेश्वर मंदिर के पास संघ ने जमीन लेकर उसका भी व्यवसायीकरण कर दिया। ये जनबल की नहीं धनबल वाली विचारधारा से प्रेरित लोग और धनबल की ही सरकार है।

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