गुरू खा गये लड्डू, अफसर क्यों बचा रहे

महाकालेश्वर मंदिर shikhar
  • कैमरा बता रहा – गणेश मंडपम् बेरिकेड्स में रुपए लेकर दर्शन कराने चांदी द्वार से ले गये
  • मंदिर समिति प्रशासक कह रहे – दर्शनार्थियों के पास पुजारी कोटे के टिकट थे, ले जाने वाला अनधिकृत था

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। 4 हजार रुपए लेकर 5 लोगों को गर्भगृह से दर्शन कराने के मामले में गुरुवार को मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने अपना पक्ष जाहिर करते हुए कहा कि उक्त दर्शनार्थियों के पास पुजारी कोटे के दर्शन टिकट थे। सिर्फ उन्हें ले जाने वाला व्यक्ति अनधिकृत था, जिसकी जानकारी नहीं है। मंदिर समिति पंडे-पुजारियों को कार्ड जारी कर रही है। ऐसे में अनधिकृत व्यक्ति स्वयं ही बाहर हो जायेंगे।

प्रशासक सोनी के बयान निश्चित एक मंझे हुए प्रशासनिक अधिकारी के शब्द कहे जा सकते हैं, लेकिन यह बयान कई सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस नेता संतोष दरबार ने प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता के माध्यम से कलेक्टर को शिकायत की थी कि एक पंडे-पुजारी वेशधारी युवक ने चार हजार रुपए लेकर 5 लोगों को चांदी द्वार से गर्भगृृह में प्रवेश कराया और दर्शन करवाये। इस शिकायत की पुष्टि बुधवार दोपहर सीसीटीवी कैमरे के रिकार्ड के माध्यम से हो भी गई। संतोष दरबार दोपहर को युवा कांग्रेस के उत्तर क्षेत्र अध्यक्ष दीपेश जैन के साथ मंदिर समिति कार्यालय गये और वहां उन्होंने सीसी टीवी रिकार्ड में पंडे-पुजारी वेशधारी युवक को रुपए लेकर गर्भगृह में प्रवेश कराने का फुटेज भी दिखा दिया। उस वक्त प्रशासक ने शिकायतकर्ता को कहा था कि उक्त युवक की पहचान करने के बाद उस पर कार्रवाई की जायेगी।

दैनिक अग्निपथ में खबर छपते ही बनी रही चर्चा में

यह पूरी घटना गुरुवार के दैनिक अग्निपथ के अंक में प्रकाशित होने के बाद दिनभर मंदिर में चर्चा में बनी रही। कुछ लोगों का कहना था कि गुरु ने तो लड्डू खा लिया, अब समिति वाले ‘लड्डू’ की तलाश में घूमते रहो।

क्या है पुजारी कोटे की दर्शन अनुमति का नियम

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी-पुरोहित को भस्मारती, गर्भगृह जलाभिषेक दर्शन व शीघ्र दर्शन का कोटा मंदिर समिति ने दिया है। जिसके तहत पुजारी को अपने यजमान के नाम-नंबर प्रोटोकाल अधिकारी को देना होता है और प्रोटोकाल कार्यालय से अनुमति रसीद बनती है। पैसा भी रसीद बनाते वक्त ही जमा कराया जाता है। यह रसीद दो जगह चैक होती है और इसके बाद भी अनुमतिधारी मंदिर में प्रवेश कर पाता है।

मिलीभगत से व्यापार का केंद्र बना दिया मंदिर को

इस पूरे मामले के शिकायतकर्ता कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में महाकाल के दर्शन के लिए भी दर्शनार्थियों से पैसा वसूला जा रहा है और निर्धारित शुल्क की आड़ में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। महाकाल के कतिपय कर्मचारियों और बाहरी एजेंटों की मिलीभगत से बड़ा रैकेट वहां काम कर रहा है। सरकार से जुड़े संगठन और संघ ने वीआईपी दर्शन का ठेका ले रखा है। कांग्रेस की मांग है कि वहां के सभी कर्मचारियों की उच्च स्तरीय पुलिस वेरिफिकेशन हो, उसके बाद ही वहां योग्य कर्मचारियों की पदस्थापना हो और दर्शन व्यवस्था पूर्णत: नि:शुल्क की जाये।

कुछ सवाल जिनके जबाव की तलाश

  • 1. मंदिर के अंदर रुपए लेकर गर्भगृृह मेंं कोई भी कैसे ले जा सकता है। जबकि रसीद बनाने का काम तो मंदिर समिति के काउंटर पर होता है। रसीद गेट पर दिखाने पर ही अंदर एंट्री मिलती है। फिर ये लोग गणेश मंंडप में आने के बाद गुरू को रुपए देकर गर्भगृह में कैसे एंट्री दे सकते हैं?
  • 2. अगर पुजारी प्रोटोकाल के जरिए रसीद बनी है तो उसका लेनदेन गर्भगृह के बाहर अनधिकृत व्यक्ति कैसे कर सकता है?
  • 3. यह सब कुछ नियमानुसार नहीं है तो फिर मंदिर समिति पूरे मामले में दोषी पर क्या कार्रवाई कर रही है?

Next Post

इंदौर के 150 चौराहे फ्री वाई-फाई जोन बनेंगे

Thu Apr 27 , 2023
बजट भाषण में महापौर बोले- अयोध्या-वाराणसी तक अटल सिटी बसें भी चलेंगी इंदौर, अग्निपथ। इंदौर नगर निगम का सालाना बजट (7500 करोड़ रुपए) गुरुवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में पेश किया। इंदौर के लोगों पर इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। शहर के […]