सौगात: जिला अस्पताल को 3, माधव नगर को मिला 1 डॉक्टर मेडिसिन का

Ujjain District Hospital

बडऩगर, नागदा और महिदपुर के स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी होंगे 1-1 डॉक्टर पदस्थ

उज्जैन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश सहित उज्जैन जिले में शासन ने एमडी डॉक्टर मेडिसीन के पदस्थी के आदेश निकाल दिये हैं। उज्जैन जिले को भी 7 डॉक्टर्स की सौगात मिली है। इस तरह से पूरे प्रदेश में 60 से उपर क्लास वन डॉक्टर्स की पदस्थी कर विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया गया है। दैनिक अग्निपथ पहले ही उज्जैन जिले में डॉक्टर्स की कमी को लेकर समय समय पर समाचार प्रकाशित कर शासन का ध्यानाकर्षण करवाता रहा है।

प्रदेश शासन ने लोकसेवा आयोग से चयनित क्लास वन एमडी मेडिसीन के डॉक्टरों की पदस्थी को हरी झंडी दे दी है। पूरे प्रदेश में 67 डॉक्टर्स विभिन्न विशेषज्ञता के पदस्थ किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सूची में उज्जैन जिले को भी 7 डॉक्टर्स की सौगात मिली है।

इनमें उज्जैन के जिला अस्पताल को 3 डॉक्टर्स अभिमन्यु निगम, दिव्येश लाड, श्वेता सोनी एमडी मेडिसीन के मिले हैं। इसी तरह माधव नगर अस्पताल को डॉ. अंकित अग्रेय पदस्थ होने जा रहे हैं। वहीं बडऩगर अस्पताल में उज्जैन जिला अस्पताल के संविदा डॉक्टर मधुसूदन राजावत को पदस्थ किया गया है। जयवद्र्धन वर्मा को सिविल हास्पीटल महिदपुर और नागदा सीएच में हिमांशु सिंह को पदस्थ करने के आदेश निकाले गये हैं।

2 वर्ष बाद एमडी मेडिसीन के मिले

उज्जैन का जिला और माधव नगर अस्पताल एमडी मेडिसीन की कमी से जूझ रहा था। केवल दो डॉक्टर्स डॉ. एचपी सोनानिया और डॉ. अजय निगम दोनों की अस्पतालों में पदस्थ होकर किला लड़ा रहे थे। लेकिन हाल ही में डॉ. अजय निगम सेवानिवृत्त हो गये और केवल एक डॉक्टर्स के भरोसे जिला और माधव नगर अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। इसी बीच संविदा डॉक्टर मधुसूदन राजावत भी पदस्थ हुए। लेकिन एमडी मेडिसीन डॉक्टर्स की कमी को पूरा नहीं किया जा सका।

ऐसे में हाल ही में आज 20 मई से 30 मई तक के अर्जित अवकाश लेकर डॉ. राजावत भी अवकाश पर जा रहे थे। ज्ञात रहे कि अब डॉ. राजावत भी संविदा की जगह बडऩगर अस्पताल में परिवीक्षा अवधि पर दो वर्ष के लिये पदस्थ किये गये हैं। उनको पूर्णकालिक सेवा का अवसर दिया गया है।

दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि

उज्जैन जिले में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित क्लास वन डॉक्टर्स को शासन ने पदस्थी के आदेश निकाले हैं। वह दो वर्ष के लिये परिवीक्षा अवधि में रहकर अपनी सेवाएं देंगे। इसके बाद उनको नियमित किया जायेगा। शासन ने 18 मई को पदस्थी को लेकर डॉक्टर्स की सूची जारी की है। अभी फिलहाल यह सूची उज्जैन नहीं पहुंची है। शीघ्र ही अस्पतालों में चल रही डॉक्टर्स की कमी पूरी होगी और मरीजों को शासकीय अस्पतालों में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर्स की अच्छी सेवाएं मिल सकेंगी।

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