हनी ट्रेप: गैंगरेप में फंसे किसान व सचिव बेकसूर निकले, खारजी तय

किसान को फंसाने के लिए शातिरों ने रची थी साजिश, एएसपी ने जांच रिपोर्ट आईजी को सौंपी

उज्जैन, अग्निपथ। आठ माह पूर्व घट्टिया के एक किसान व पंचायत सचिव पर लगा गैंगरेप का आरोप झूठा निकला, जिससे प्रकरण में खारजी होना तय हो गया है। हालांकि मामले में पांच आरोपियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है, लेकिन जांच पूरी कर मंगलवार को केस डायरी आईजी को सौंपने के कारण एक बार फिर चर्चा में आ गया।

आगर रोड स्थित घट्टिया निवासी किसान उमरावसिंह (50) व पानबिहार पंचायत सचिव सुमेरसिंह दोस्त है। दोनों की आगर स्थित ग्राम कानड़ निवासी रेखाबाई से दोस्ती थी। करीब आठ माह पूर्व उमराव ने 1.50 करोड़ रुपए में जमीन का सौदा किया था। ग्राम रामपूर भूंडवास के श्यामसिंह को इसका पता चल गया। उयने मौसेरे भाई ग्राम जलवा निवासी विक्रम सिंह,दोस्त बहादूरसिंह घट्टिया के बनेसिंह बंजारा, प्रेमगिरी व रानूबाई की मदद से उमराव को फांसकर मोटी राशि वसूलने की योजना बनाई।

सभी ने रेखा को किसी तरह धमकाकर उसकी मदद से 10 जनवरी को उमराव व सुमेरसिंह को महिदपुर बुलाया। यहां श्याम ने साथियों की मदद से दोनों को पकड़ा। बताया कि रेखा उसकी रिश्ते में बहन है और दोनों ने उसके साथ रेप किया है। आरोप लगाकर सभी ने उमराव व सुमेर को बंधकर बनाकर मारपीट कर थाने में रेप केस दर्ज करने की धमकी दे समझौते के नाम पर मोटी रकम मांगी। मजबूरी में उमराव ने 35 लाख रुपए में सौदा तय कर अगले दिन देनेेेे की लिखा-पढ़ी कर दी।

हाईकोर्ट से राहत

अगले दिन 11 जनवरी को श्याम आदि उमराव को रुपए देने के लिए कॉल करते रहे,जबकि वो और सुमेर ने तात्कालिन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल को शिकायत कर झूठा केस दर्ज होने की आशंका जता दी। लेकिन जांच से पहले ही श्याम ने रेखा पर दबाव बनाकर उमराव व सुमेर पर राघवी थाने में गैंगरेप का केस दर्ज करा दिया।

इस पर दोनों ने इंदौर हाईकोर्ट में गुहार लगा दी। उनके द्वारा एसपी को दिए आवेदन व श्याम द्वारा रुपए मांगने की मोबाईल रिकार्डिंग देख हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए डीएनए जांच करवाने और आईजी संतोष सिंह को सीनियर अधिकारी से मामले की जांच करवा कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।

सच उजागर होते ही धराए

मामले में एएसपी आकाश भूरिया ने दोनों को तलब किया। पूरा माजरा सामने आने पर साजिशकर्ताओं को बुलाकर उनके एक दूसरे से संबंधों का पता लगाया। कथित गैंगरेप का आरोप लगाने वाले दिन याने 10 जनवरी की उनकी सुमेर व उमराव की मोबाईल लोकेशन निकाली। रेखा से पूछताछ की तो उसने कबूल दिया कि श्याम आदि ने धमकी देकर रेप का झूठा केस दर्ज कराया था।

रेखा ने कोर्ट में भी धारा 164 के बयान में भी उक्त बात कही। नतीजतन पुलिस ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। मामले में प्रेम फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने सभी को जेल भेजकर चालान भी पेश कर दिया।

राघवी थाने में जनवरी में दर्ज रेप केस में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच की है। मामले में आरोपियों को वसूली के लिए फंसाना पाए जाने पर साजिशकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है। मामले में जांच पूरी होने पर आईजी को रिपोर्ट सौंप रहे है।

– आकाश भूरिया,एएसपी

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