कोल्ड वायरस: बच्चों में निमोनिया और बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा

ठंड को दूर रखने का इंतजाम रखना जरूरी, कोरोना के मरीज रहें सावधान

उज्जैन, अग्निपथ। ठंड बढ़ गई है, जिसके चलते बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कोल्ड वायरस का अटैक शुरू हो गया। इसमें बच्चों में सांस का निमोनिया हो रहा है। चरर्क अस्पताल के शिशु विभाग, प्राइवेट अस्पतालों तथा क्लीनिक पर हर दिन सर्दी-खांसी व बुखार के करीब 70-80 मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चों में श्वास का निमोनिया पाया जा रहा है। सदी-खांसी के साथ में बच्चों को तेज बुखार आ रहा है। मरीजों को ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय लग रहा है।

चिकित्सकों ने बच्चों के इलाज के दौरान पाया है कि रात में घर से बाहर निकलने के दौरान व घर का तापमान मेंटेन नहीं होने की वजह से कोल्ड वायरस बच्चों के श्वास से सीधे अंदर पहुंच रहा है। बच्चों के अलावा 50 प्लस के लोगों को भी सर्दी-खांसी व बुखार आ रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों में श्वास का निमोनिया पाया जा रहा है। इसमें उन्हें लगातार खांसी चल रही है। ऐसे में परिवार के लोगों को चाहिए कि खांसी को दबाने वाली दवाइयां बच्चों को नहीं दें, नहीं तो 15 दिन में फिर से बीमारी दोबारा हो जाएंगी। इसमें बच्चे की खांसी ठीक होने में और समय लग सकता है। इस दौरान बुखार आने पर हर 6 घंटे में मरीज को दवाई दी जाना चाहिए।

स्ट्रोक का खतरा भी

ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। विशेष रूप से 50 प्लस है या पुरानी बीमारियों से ग्रसित जिसमें शुगर, मोटापा व ब्लड प्रेशर होने वाले लोगों को अवेयर रहना होगा। जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया अचानक ठंड बढऩे से नसों में सिकुडऩ व कडक़पन आ जाता है और मरीजों को हार्ट अटैक, लकवा व पैर सुन्न होने की शिकायत हो सकती है। खासकर ऐसे मरीज जिन्हें कोरोना हुआ था, उनके दिल की मांसपेशियां कमजोर हो गई है, ऐसे लोगों को ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा बना हुआ है।

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