स्कूल संचालक के फर्जीवाड़े से 75 बच्चे नहीं बैठ सकेंगे परीक्षा में, नाराज पालकों ने किया चक्कजाम

स्कूल की मान्यता खत्म होने के बाद भी बच्चों के भविष्य के साथ किया खिलवाड़

धार, अग्निपथ। ग्राम राजोद में स्थित निजी स्कूल के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा से वंचित रह गए हैं। सोमवार सुबह जब विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे तो उनके पास प्रवेश पत्र नहीं था। स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को परीक्षा के पहले प्रवेश-पत्र देने की बात कही थी किंतु प्रवेश पत्र नहीं होने से विद्यार्थियों को कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया। पूरे साल पढाई करने के बाद आज अचानक परीक्षा में शामिल नहीं होने से नाराज विद्यार्थी सहित पाठकों ने बदनावर-सरदारपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया, सूचना के बाद राजोद पुलिस टीम मौके पर पहुंची व परिजनों से चर्चा की जा रही है।

ग्राम राजोद के अर्चना विद्यापीठ स्कूल में कक्षा 10वीं व 12वीं में इलाके के कई गांवों के बच्चों को प्रवेश दिया गया था। साल के अंत में अब बोर्ड परीक्षा की बारी आई तो बच्चे परीक्षा से वंचित रह गए है। सोमवार को 10वीं बोर्ड परीक्षा के 31 विद्यार्थी व 12वीं कक्षा के 44 से अधिक विद्यार्थियों को अभी तक प्रवेश पत्र नहीं मिला हैं। जिसके कारण ही चक्काजाम किया गया है।

अर्चना विद्यापीठ स्कूल प्रबंधन पर बच्चों के भविष्य का खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए पलकों ने प्रशासन से तुरंत ही बच्चों के भविष्य को देखते हुए निर्णय लेने की बात कही। साथ ही उक्त निजी स्कूलों संचालको पर कार्यवाही की मांग की है। मौके पर सरदारपुर एसडीएम विशाल धाकड़ सहित आला अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों के पालकों से चर्चा की।

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

विद्यार्थियों के पालकों के अनुसार आज से कक्षा दसवीं के बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ हुई है। 6 फरवरी से 12वीं के बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ होना है। ऐसे में विद्यालय द्वारा बच्चों को परीक्षा के प्रवेश पत्र नहीं दिए गए तथा कल रात तक आज सुबह दिए जाने की बात कही जा रही थी। आज सुबह भी जब विद्यालय पहुंचे तो विद्यार्थियों को प्रवेश पत्र नहीं मिले। इसके बाद बच्चों का भविष्य अधर में अटक गया है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित हो गए हैं ऐसे में प्रशासन तुरंत ही कार्रवाई करें और इन बच्चों के भविष्य को लेकर निर्णय ले।

स्कूल प्रबंधन पर दर्ज कराएंगे केस: डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मण सिंह देवड़ा के मुताबिक बच्चो को लेकर मामला हुआ है वही स्कूल संचालक की गलती से हुआ है जो स्कूल संचालन के लिए मापदंड रहते हैं व स्कूल द्वारा पूरे नहीं किए थे इसलिए स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई थी वही 2020 से स्कूल को संचालन बंद था। हमारे यहां से भी पूर्व में सूचना देगी दी गई थी इनके द्वारा 10 वीं 12 वीं के बच्चे को एडमिट दिया है वह गलत है इसको बच्चों के पालक द्वारा हमें संपर्क करने पर पता चला एडमिट कार्ड नहीं मिल रहा है हमने भी हमारे उच्च अधिकारी को इस मामले में अवगत कराया। वही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा। पूर्व में हमने स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन स्कूल संचालित होने पर इसको नोटिस दिए थे।

इनका कहना

अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत ने बताया कि ग्राम राजोद में स्कूल संचालित किया जा रहा था जिसकी 2020 से मान्यता नहीं थी। जिला शिक्षा अधिकारी को इस तरह के स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। बच्चों के लिए जो भी व्यवस्थाएं जरूरी होंगी करवाई जाएंगी।

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