परमेश्वर सम्पूर्ण प्रकृति में विद्यमान है, उसे बस आध्यात्मिक दृष्टि से देखने की आवश्यकता है-मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मुख्यमंत्री उज्जैन में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के विमर्श कार्यक्रम में हुए शामिल

उज्जैन, अग्निपथ। भारत आध्यात्मिकता से विश्व विजयी बनो। यह विमर्श हमारा मूल दृष्टिकोण है। हम मूलत: आध्यात्मिक हैं। हमारा मूल दृष्टिकोण आध्यात्मिक है। सम्पूर्ण प्रकृति में परमेश्वर निहित है। उसे बस आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्त के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इतिहास में हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान समाहित है। कुंभ का मेला नक्षत्र के अनुसार होता है। प्रत्येक बारह वर्ष में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है। बाकी जगह आयोजित होने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है, लेकिन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है।

सिंहस्थ में विवेकानन्द एवं रामकृष्ण मिशन के मानने वाले भी आते हैं। परमेश्वर पूरी सृष्टि में विद्यमान है। डॉ.यादव ने कहा कि आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की विकास यात्रा है। उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टेण्डर्ड टाईम की गणना होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु ने विदेशियों को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं, लेकिन यह भावना प्राचीनकाल से ही हमारे मन में है कि पौधों में भी जीवन होता है।

विमर्श कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एकनाथ रनाडे के विचारों पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमार के विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक ध्येयनिष्ठ जीवन का विमोचन किया। इस अवसर पर स्मिता दीदी ने तीन ओंकार प्रार्थना की प्रस्तुति दी। नन्दन जोशी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। मानस भट्टाचार्य ने एकल गीत का गायन किया।

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष पद्मडॉ.निवेदिता भिंड ने कहा कि आध्यात्मिकता केवल एक उपासना तंत्र नहीं है अपितु आध्यात्मिकता के सम्बन्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि स्वभाव ही आध्यात्मिकता है। अपनेपन के दायरे में जो आता है, वह आध्यात्मिकता है। जो व्यक्ति परिवार, समाज और देश के बारे में सोचता है, वह आध्यात्मिकता ही है। व्यक्ति का विस्तृत स्वरूप परिवार है। परिवार का विस्तृत स्वरूप समाज है। समाज का विस्तृत स्वरूप राष्ट्र है और राष्ट्र का विस्तृत स्वरूप ही सम्पूर्ण विश्व है। व्यक्ति अपना स्वाभाविक जीवन जीते हुए नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करता है, वह सब आध्यात्मिकता ही है।

डॉ.निवेदिता भिंड ने कहा कि भारत ने जब कोरोना का वेक्सीन बनाया तो न केवल अपने लोगों को दिया अपितु विश्व के 110 देशों को भी नि:स्वार्थ भाव से दिया। वहीं रूस, यूक्रेन की जंग में भारतीय के अलावा अन्य देशों के नागरिकों को भी वहां से निकाला। यह सब हमारी आध्यात्मिकता की ताकत है।

महाकाल लोक बनने से उज्जैन की आर्थिक प्रगति तेज

कार्यक्रम में मौजूद प्रबुद्धजन।

प्रबंध निदेशक इंजीनियरिंग प्रा.लि. के प्रतीक पटेल ने कहा कि उज्जैन में जब से महाकाल लोक बना है, तब से उज्जैन का आर्थिक विकास उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। आर्थिक विकास तेज गति से हो रहा है। आज इन्दौर से ज्यादा होटल उज्जैन में है। उज्जैनवासियों ने इन्वेस्ट किया तो उनके मन्दिर भी सम्पन्न हुए। पटेल ने कहा कि महाकाल लोक बनने से उज्जैनवासियों के जीवन में बहुत आर्थिक बदलाव आया है। पहले मुझे लोग कहते थे कि मन्दिरों पर इन्वेस्ट करने से कोई लाभ नहीं, लेकिन आज चहुंओर सम्पन्नता आई है।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि जो व्यक्ति सफल हो रहा है तो उसे प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को क्रिटिसाइज न करें अपितु अपनी बुद्धि एवं प्रतिभा पर भरोसा रखें। पटेल ने कहा कि आज हमें अपनी संस्कृति, इतिहास एवं सभ्यता पर गर्व होता है। विचार-विमर्श कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।

राज्यपाल पटेल एवं मुख्यमंत्री यादव का हेलीपेड पर हुआ स्वागत

प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव रविवार को अल्प प्रवास पर उज्जैन आये। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सांसद वी.डी. शर्मा का आगमन भी स्थानीय हेलीपेड पर हुआ। सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, डॉ.चिन्तामणि मालवीय, सतीश मालवीय ने पुष्पगुच्छ भेंटकर सभी अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर पूर्व विधायक रोड़मल राठौर, बहादुर सिंह चौहान, ताराचंद गोयल, विवेक जोशी, बहादुर सिंह बोरमुंडला, राजपाल सिंह सिसौदिया, सत्यनारायण खोईवाल, सचिन सक्सेना, विशाल राजौरिया एवं संभागायुक्त डॉ.संजय गोयल, डीआईजी अनिल कुमार कुशवाह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा आदि भी उपस्थित थे।

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