शव देने से मना नहीं कर सकेंगे निजी अस्पताल, मध्यप्रदेश में नई गाइडलाइन

बिल बकाया तब भी नि:शुल्क वाहन से पहुंचानी होगी डेड बॉडी

उज्जैन, अग्निपथ। प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक अब इलाज के दौरान मरीज की मौत होने पर बकाया बिल की वसूली के लिए डेड बॉडी देने से मना नहीं कर सकेंगे। उन्हें शव परिजन के सुपुर्द करना ही होगा। इतना ही नहीं, मृतक के परिजन की जरूरत को समझते हुए संबंधित नगरीय निकाय से कोऑर्डिनेट कर निशुल्क शव वाहन मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी हॉस्पिटल संचालक की होगी।

यह व्यवस्था स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने दी है। उन्होंने इसके लिए डेड बॉडी मैनेजमेंट गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा बीते साल की गई सिफारिशों के आधार पर बनी है। डॉ. सुदाम खाड़े ने निजी अस्पतालों में नई व्यवस्था को लागू करने के लिए गाइडलाइन नर्सिंग होम एसोसिएशन और नर्सिंग होम संचालकों को भेजी है।

गाइडलाइन के अनुसार निजी अस्पताल या नर्सिंग होम में मरीज की मौत होने पर शव की सुपुर्दगी परिजन को नहीं होने तक शव को बॉडी फ्रीजर में सुरक्षित रखना होगा। इस दौरान शव को सम्मानजनक प्रोटोकॉल में रखना भी सुनिश्चित करना होगा।

मध्यप्रदेश के 24 पूर्व मंत्रियों को बेदखली का नोटिस

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में बंगला खाली नहीं करने वाले पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है। ऐसे 28 नेताओं के बंगले के बाहर नोटिस चस्पा किया है। इनमें 24 पूर्व मंत्री और 4 पूर्व विधायक शामिल हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो शिवराज सरकार में मंत्री थे, लेकिन डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्री पद नहीं मिला।

संबंधित अफसरों का कहना है कि बंगला खाली नहीं किया, तो 10 दिन का एक और नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ताला तोडक़र जबरन बंगला खाली कराया जाएगा। पूर्व मंत्रियों में कमल पटेल, उषा ठाकुर, मीना सिंह, दीपक जोशी, इमरती देवी, रामपाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया समेत 28 नेताओं के नाम हैं।

संपदा संचालनालय गृह विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ‘संबंधित पूर्व मंत्री व विधायक लोक परिसर का अनधिकृत उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में नियमों के मुताबिक उन्हें लोक परिसर से बेदखल किया जाने का प्रावधान है, इसलिए लोक परिसर (बेदखली) अधिनियम 1974 (क्रमांक 46 सन 1974) की धारा 4 की उपधारा (1) में प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए बंगला खाली न करने का कारण बताएं।

प्रस्तावित बेदखली आदेश को क्यों न अंतिम रूप में लागू किया जाए। इन सभी को पहले चरण में दिए गए नोटिस में 29 फरवरी तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया, जिसकी अवधि खत्म हो गई है। ये नोटिस अब बंगलों पर चस्पा किए गए हैं।

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