रामलला के दरबार में दंडवत सीएम डॉ. मोहन यादव

कैबिनेट के साथ किए भगवान राम के दर्शन किये सीएम ने, मंदिर में गाई राम धुन

उज्जैन. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने परिवार के साथ अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन किए। सीएम और उनकी पत्नी ने भगवान राम के सामने दंडवत होकर प्रणाम किया। भगवान रामलला के मंदिर में सीएम ने पूरी कैबिनेट के साथ राम धुन श्रीराम, जय राम जय जय राम भी गाई।

दर्शन के बाद सीएम ने कहा- जीवन धन्य हो गया। प्रभुराम का दर्शन कई जन्मों के पुण्य कर्मों का प्रसाद होता है। ऐसा लगा प्रभु श्रीराम अपने रूप में साक्षात विराजमान हैं। यही कामना की है कि भगवान राम सब पर कृपा करें। हमारी सनातन संस्कृति की ध्वजा इसी तरह लहराती रहे। इससे पहले अयोध्या पहुंचे सीएम और उनकी टीम का यहां जोरदार स्वागत किया गया। मंत्रियों ने जय श्री राम के नारे लगाए।

कैलाश विजयवर्गीय ने बस में ही भजन गाया राम आए हैं तो राम राज्य लाएंगे। इससे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव और उनकी कैबिनेट के सभी साथी ने केबिनेट की मीटिंग की फिर भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट से विशेष विमान से अयोध्या के लिए रवाना हुए।

भोपाल में डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, मंत्री परिषद की अगली बैठक में मंत्री मंडलीय उप समिति बनाकर धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को जोड़ा जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित देवस्थानों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय क्षेत्र के देवस्थानों के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी इसमें शामिल रहेंगे।

सभी विभाग देवस्थानों के विकास के लिए कार्ययोजना बनाकर इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। सीएम ने कहा, राज्य शासन का उद्देश्य है कि मंदिर, देवस्थान के साथ सामाजिक चेतना और समरसता का भी केंद्र बनें। मंदिरों में सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक कार्य संपन्न हों। अयोध्या धाम सहित प्रदेश के अंदर और प्रदेश के बाहर स्थित प्रमुख देवस्थानों में राज्य सरकार द्वारा धर्मशालाएं विकसित करने की दिशा में पहल की जाएगी। दूसरे राज्य की सरकारों को भी मध्यप्रदेश स्थित देवालयों में उनके राज्य की तरफ से धर्मशालाएं विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने शनिवार को उज्जैन में कहा था, हमारी मंशा है कि अगर उचित जगह मिल जाएगी तो मध्यप्रदेश से जाने वाले लोगों के लिए मप्र भवन का निर्माण भी अयोध्या में कराया जाएगा। सरयू नदी के किनारे सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर घाट बनाने का काम भी किया जाएगा।

80 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आसाम, गोवा और उत्तर प्रदेश की कैबिनेट अयोध्या आकर रामलला का दर्शन कर चुकी है। इसके अलावा श्रीलंका, मॉरिशियस, फिजी और नेपाल का प्रतिनिधि मंडल यहां आकर रामलला का दर्शन कर चुका है। 22 जनवरी 2024 को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद करीब 80 लाख श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर चुके हैं।

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