वर्षों से जा रहे थे बाबा की सेवा करने, कोई बतायेगा वो ही इतना क्यों जले..?

महाकाल सेवक सत्यनारायण सोनी के परिजनों ने उठाया सवाल, पत्नी का बुरा हाल

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। धुलेंडी के दिन भगवान महाकाल के गर्भगृह में हुए अग्निकांड में मौत का शिकार हुए महाकाल सेवक सत्यनारायण सोनी के परिजन घटना से काफी दुखी हैं। मंगलवार को उनके निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वाले नियमित दर्शनार्थियों के समक्ष उनकी पत्नी ने बिलखते हुए कहा-वो तो रोज बाबा की सेवा करने जाते थे, ऐसा क्या हुआ जो वो (श्री सोनी) इतना जल गये और उनको बाबा ने अपने पास ही बुला लिया।

सत्यनारायण सोनी
सत्यनारायण सोनी

श्री सोनी की धर्मपत्नी और परिजनों द्वारा उठाया गया यह सवाल वाकई महत्वपूर्ण है। वे ही क्यों? सभी यह जानने का हक रखते हैं कि आखिर उस दिन क्या हुआ था और किसकी गलती से इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें श्री सोनी को अपनी जान गंवाना पड़ी। श्री सत्यनारायण सोनी धुलेंडी के दिन 25 मार्च को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में हुए अग्रिकांड में बुरी तरह झुलस गये थे। करीब 45 प्रतिशत झुलसे श्री सोनी का इंदौर और बाद में मुंबई तक इलाज कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। शुगर पेशेंट होने के कारण उनकी हालत मेें सुधार नहीं हो सका। करीब 15 दिन तक मौत से संघर्ष के बाद बुधवार 10 अप्रैल को उनका इलाज के दौरान निधन हो गया था।

वर्षों बाबा महाकाल की सेवा की, घर-परिवार की हालत सामान्य

सत्यनारायण सोनी ने करीब 45 से अधिक बरस तक भगवान महाकाल की सेवा की। वे रोज सुबह तीन बजे महाकाल मंदिर पहुंचते और भस्मारती के दौरान बाबा का सेवक बनकर पुजारी व मंदिर व्यवस्था में सहयोग करते। यह सेवा वह नि:शुल्क करते थे। उन्होंने यह काम कितनी ईमानदारी से किया, यह उनका घर देखकर समझा जा सकता है।

महाकाल मंदिर से सीधे-सीधे जुड़े लोगों ने बिल्डिंगे तान ली है तो दूसरी ओर सोनी का परिवार आज भी साधारण पैतृक घर में ही निवास करता है। परिवार में पत्नी सीताबाई, तीन पुत्र राजेश, सुनील और अनिल है। बेटी ज्योति दाणे का इंदौर में विवाह हो चुका है। यहां परिवार में पत्नी के अलावा पुुत्र-पुत्र वधु और उनके बच्चे हैं। जीवन यापन का एकमात्र साधन बरसो पुरानी चूड़ी की दुकान है।

परिजनों ने कहा-हमें किसी से शिकायत नहीं

श्री सोनी के परिजनों ने बताया कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से किसी से कोई शिकायत नहीं है। मंदिर समिति और स्थानीय जिला प्रशासन ने उन्हें घटना के बाद खूब सहयोग किया। पूरे इलाज का खर्चा भी प्रशासन ने उठाया। इंदौर-मुंबई इलाज के लिए आने-जाने से लेकर दवाइयों का खर्च भी प्रशासन ने उठाया। मध्यप्रदेश शासन और मंदिर समिति की ओर से उन्हें १-१ लाख रुपए की आर्थिक मदद भी मिल चुकी है। उनके बेटों ने कहा हमें किसी से शिकायत नहीं है, लेकिन इतना जरूर जानना चाहते हैं कि आग किसके कारण लगी जिस कारण श्री सोनी को अपनी जान गंवाना पड़ी।

इनका कहना

गर्भगृह में हुए अग्निकांड की जांच चल रही है लगभग हर मुद्दे पर जांच होगी और जल्दी ही इसकी रिपोर्ट भी पेश की जायेगी। महाकाल सेवक सत्यनारायण सोनी को मंदिर समिति द्वारा एक लाख रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जा चुका है। आगे भी जो नियमानुसार मदद संभव होगी, उसका निर्णय मंदिर समिति की बैठक में किया जायेगा। मंदिर समिति की श्री सोनी के साथ पूरी संवेदना है। – मृणाल मीणा, प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति

महाकाल के घर देर है, अंधेर नहीं- न्याय जरूर होगा…

कहते हैं भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। और यह बात काफी हद तक सही भी है। उसी प्रकार उज्जैनवालों को भी महाकाल पर पूरा भरोसा है। उसके दरबार में कभी अन्याय नहीं होता.. न्याय जरूर होता है। इस मामले में न्याय जरूर होगा। प्रशासन की जांच चल रही है, भले ही इसकी धीमी गति कई सवाल उठाये, लेकिन कानून अपना काम जरूर करेगा।

हालांकि कुछ बिंदु ऐसे हैं जो जांच रिपोर्ट पर सवाल उठायेंगे जैसे- घटना के बाद लंबे समय से पुलिस में प्राथमिकी दर्ज नहीं होना, श्री सोनी का मृत्यु पूर्व कथन नहीं लिया जाना, झुलसे लोगों के बयान नहीं होना, घटना के वीडियो साफ-साफ बयां कर रहे हैं कि घटना के दिन स्प्रे सिलेंडर से गुलाल उड़ाई गई जिससे हादसा हुआ।

बोरियों में गुलाल भस्म आरती में ले जाया गया था लेकिन अंतरिम रिपोर्ट में स्प्रे सिलेंडर का जिक्र तक नहीं है। श्री सोनी की मृत्यु के बाद धारा ३०४ में मुकदमा दर्ज नहीं होना…. आदि बहुत से ऐसे सवाल हैं जो सभी के सामने खड़े हैं। लेकिन फिर भी उज्जैनवालों को भरोसा है कि महाकाल न्याय जरूर करेंगे..।

पचास लाख रुपए का मुआवजा दिये जाने की मांग उठाई नियमित दर्शनार्थियों ने

नियमित दर्शनार्थी मंगलवार दोपहर महाकाल सेवक सत्यनारायण सोनी के निवास पर शोक व्यक्त करने पहुंचे। परिवार की स्थिति को देखते हुए संगठन ने प्रशासन से परिवार को कम से कम 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की मांग की है। दोपहर को श्री महाकाल नियमित दर्शन भोग आरती संगठन के सदस्यगण अजीत मंगलम् और रूपसिंह बुंदेला के नेतृत्व में महाकाल सेवक श्री सोनी के नाई गली अवंतीपुरा स्थित निवास पर पहुंचे व उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

इस मौके पर अनिल पांचाल, पारस कुमार जैन, अशोक कपूर, अरुण शर्मा, ओमप्रकाश वर्मा, गीता रामी, राजेंद्र वर्मा, महेंद्र रामी, विजय सिंह, डॉ. हेमलता बिलावल, राजेंद्र मीणा, मनीष सैनी, मुकेश शर्मा, आशा तिवारी सहित कई लोग साथ थे। नियमित दर्शनार्थियों ने भी जब श्री सोनी के परिवार की स्थिति देखी तो उनका दिल पसीज गया।

संगठन के संयोजक अजीत मंगलम्, सचिव रूपसिंह बुंदेला ने जिला प्रशासन और खासकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की है कि श्री सोनी के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाये। इसके लिए वे जल्दी ही उन्हें ज्ञापन भी देंगे।

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