महिला की मौत के जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधक, नर्स व दो स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ प्रकरण दर्ज

निजी अस्पताल में असुरक्षित हुए प्रसव करने के बाद हुई मौत

धार, अग्निपथ। शहर के निजी अस्पताल में असुरक्षित प्रसव करने व कुछ घंटों के बाद की मौत के मामले में कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही शुरु कर दी है। प्रथम दृष्टया पूरा मामला अस्पताल प्रबंधन, स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित बगैर डिग्री धारक नर्स की लापरवाही का सामने आया है। इसी आधार पर पुलिस ने अस्पताल संचालक और दो डॉक्टरों सहित चार लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस के मुताबिक पाटीदार अस्पताल संचालक विष्णु पिता पुराजी पटेल, डॉ लीना पति अजेश माइकल, डॉक्टर नीरज पिता जंगलु बागडे सहित नर्स प्रमिला पति अजीत सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। डॉ लीना माईकल शहर की सबसे बड़ी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, डॉ माइकल का बडा क्लीनिक भी आदर्श सडक़ पर बना हुआ है। धार का यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें अस्पताल प्रबंधन सहित डॉक्टरों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्यवाही शहर में हुई हो। इधर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम भी गठित की गई है।

यह था मामला पूरा

रतलाम निवासी मृतिका आरजू पति वीरेंद्र सांखला उम्र 21 साल का मायका धार में है। महिला का पहला बच्चा सामान्य प्रसव से तीन साल पहले हुआ था, महिला आरजू दूसरी बार गर्भवती हुई, गर्भवती होने पर रतलाम के शासकीय अस्पताल सहित निजी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ लीना माइकल से एएनसी चेकअप होता रहा। 9 सितंबर 2023 को अंतिम बार एएनसी चेकअप के बाद डॉ. माइकल ने पाटीदार चिकित्सा सेवा संस्थान धार में भर्ती होने की पर्ची दी गई।

12 सितंबर 2023 को महिला को लेबर पेन होने पर परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां पर नर्स प्रमिला विक्टर द्वारा जांच शुरु की गई व परिजनों को बताया गया कि थ्री फिंगर डायलेटेशन हैं, इसके कारण नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। साथ ही नर्स ने परिजनों को बताया कि डॉ माइकल धार में नहीं हैं, उनके हाथ का उपचार इंदौर में चल रहा है। कुछ देर बाद नर्स ने ऑपरेशन करने की बात कही व डॉ बागडे को जानकारी दी। हालांकि दोपहर करीब 12-40 बजे नर्स ने ही नार्मल डिलीवरी करवा दी। महिला ने 3 किलो 700 ग्राम के बच्चें को जन्म दिया।

पेट में दर्द, इंदौर में मौत

जबरदस्ती ऑक्सिटॉक्सिन इंजेक्शन देकर नर्स प्रमिला के द्वारा प्रसव कराने से ट्रॉमेटिक पीपीएच हो रहा था। उसे ब्लड भी चढ़ाया गया। परिजनों के कहने पर कि आरजू की तबियत बिगड़ रही है पेट में दर्द हो रहा है। ब्लीडिंग भी हो रही है तब रात्रि 9 बजे डॉ. नीरज बागडे ने आकर आरजु को देखा और टी-चौईधराम हास्पिटल इन्दौर ले जाने को कहा। रात्रि 11 बजे टी-चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर पहुंचने पर आरजु की स्थिति और भी खराब हो गई।

डा. मिनाक्षी शर्मा स्त्री रोग विशेषज्ञ टी चौईथराम हास्पिटल द्वारा जांच की गई एवं आईसीयू में रखकर 32 घंटे तक भर्ती रखकर मल्टीपल ट्रांसफ्यूजन किये तथा दिनांक 14/09/2023 को प्रात: 6.20 पर आरजु की मृत्यु हो गई। जिसके बाद परिजनों द्वारा इस मामले में धार पुलिस अधीक्षक सहित स्वास्थ्य अधिकारी को एक शिकायत की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एक दल गठित किया गया था, दल जांच के लिए उस दौरान निजी अस्पताल भी पहुंचा था।

ये कमियां मिली अस्पताल में

जांच दल ने पुलिस को बताया कि पाटीदार चिकित्सालय सेवा संस्थान धार की समिति में कोई भी चिकित्सक नहीं है। 100 बैड की स्वीकृति है किंतु भवन की क्षमता कम होकर अव्यवस्थित संस्था है। मेजर सर्जरी की कोई व्यवस्था नही है। ड्यूटी पर डॉ. आयुर्वेदिक पद्धति के है। आरजु पति वीरेंद्र सांखला को दिनांक 12 सितंबर 2023 को किसी भी डॉक्टर ने भर्ती नहीं किया फिर भी उसे ले जाकर इलाज शुरू कर दिया गया एवं अनस्किल्ड नर्स प्रमिला विक्टर ने असुरक्षित प्रसव करवा दिया। प्रबंधक के द्वारा मरीज आरजु की न तो ओपीडी बनाई और न आयपीडी बनाई और ना ही केस शीट बनाई गई।

हेड नर्स प्रमिला के पास कोई डिग्री डिप्लोमा नहीं है फिर भी उससे लेबर रूम में कार्य करवाया जा रहा है। और वह अपनी मर्जी से कई वर्षों से असुरक्षित प्रसव करवा रही है। दोपहर 1 बजे से रात्रि 8.20 तक प्रबंधक ने प्रसूता की को ई देखभाल नहीं की यह भी पता नही किया कि उसे ब्लीडिंग हो रही है या नही। और ना ही सोनोग्राफी कराई और ना ही आवश्यक सर्जरी करवाने के प्रबंध किया गया। प्रसव कक्ष में पाटोग्राफ (प्रसुति के प्रोगेस का रिकार्ड) भी नहीं है। जिससे प्रसुता की गंभीरता का आकलन नही हो सका। रक्तस्राव रोकने के कोई प्रयास नहीं किए गए, पाटीदार चिकित्सा सेवा संस्थान द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का पालन नही किया जा रहा है।

पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज

डॉ. लीना माईकल द्वारा एएनसी चेकअप किया था भर्ती की सलाह दी गई थी लेकिन सोनोग्राफी नही करवाई यदि सोनोग्राफी उस समय या दिनांक को पाटीदार हॉस्पिटल धार में भर्ती समय की गई होती तो बच्चे का वजन 3 किलो 700 ग्राम पता चल जाता। डा. लीना माईकल द्वारा मरीज आरजु एवं उसके परिजनों को स्पष्ट सलाह दे पाती की बच्चे का वजन अत्यधिक है। सामान्य प्रसव संभव नहीं है ऑपरेशन सीजर करना पड सकता है। जांच समिति द्वारा सौंपे गए आवेदन के आधार पर ही पुलिस ने कार्यवाही शुरु की है। थाना प्रभारी समीर पाटीदार के अनुसार आवेदन प्राप्त होने पर पुलिस के द्वारा अस्पताल प्रबंधक, नर्स, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही शुरु कर दी है।\

ये भी रही गलतियां

1- मृतिका आरजु कि डिलेवरी एवं अनस्किल्ड पर्सन (अकुशल महिला) प्रमिला विक्टर जिसकी योग्यता मात्र 10 वी के द्वारा करवाई गई जिसके कारण बच्चेदानी फटी और अत्यधिक रक्तस्राव हुआ। यहां पर पाटीदार चिकित्सा सेवा संस्थान की शत प्रतिशत गलती है। कि उनके द्वारा इस प्रकार कि नियुक्त क्यो की गई।

2- पाटीदार अस्पताल अस्पताल मे कोई योग्यताधारी चिकित्सक भी नहीं है। प्रमिला नर्स के द्वारा गंभीर लापरवाही की गई इसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है। अत: संस्था का पंजीयन निरस्त किया जाना उचित होगा। जांच के दौरान कुछ दिनों के लिए अस्पताल बंद रह चुका है।

3- इंदौर में मरीज आरजु को आय.सी.यु. में भर्ती किया गया, वेंटिलेटर पर रखा गया मल्टीपल ट्रांसफ्यूजन दिए गए जिससे मरीज आरजु को हायपरकेलिमिया हुआ, जो कि कार्डियक अरेस्ट का कारण बना और मरीज आरजु की मृत्यु हुई।

4- जांच में दो लाख रुपए की अवैध वसूली की बात भी सामने आई है।

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