क्रेडिट कार्ड का डाटा लेकर ठगी करने वाले 3 आरोपी हिरासत में

गाजियाबाद से उज्जैन लाई राज्य सायबर सेल की टीम

उज्जैन, अग्निपथ। क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पाइंट बढ़ाने का झांसा देकर सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ हुई लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल गैंग के 3 आरोपियों को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से राज्य सायबर सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। गैंग के 2 सदस्य फरार है। हिरासत में आये आरोपियों के खाते का उपयोग ठगी की राशि ट्रांसफर करने में किया गया था।

राज्य सायबर सेल जोन उज्जैन की पुलिस अधीक्षक डॉ. रश्मि खर्या ने बताया कि एमपीईबी से सेवानिवृत्त अधिकारी केएल मलिक के साथ डेढ़ वर्ष पहले 5 लाख 97 हजार की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई थी। शिकायत दर्ज कराते हुए मलिक ने बताया था कि उनके पास कॉल आया था और कहा गया कि आपके क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते पर रिवार्ड पाइंट के साथ कैश बैक दिया जा रहा है। कॉल करने वाले ने क्रेडिट कार्ड के साथ खाते की जानकारी लेने के बाद कुछ ओटीपी भेजे। जिसे प्राप्त करने के बाद मलिक के खाते से दो बार में 50 हजार रूपये ट्रांसफर कर लिये गये।

वहीं क्रेडिट कार्ड पर 4 लाख का लोन भी प्राप्त कर खाते से एक लाख रूपये से अधिक निकाल लिये। करीब 6 लाख की धोखाधड़ी होने पर मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। लगातार एक टीम ऑनलाइन ठगी करने वालों की तलाश में लगी थी। डेढ़ साल बाद जानकारी सामने आई कि ऑनलाइन ठगी गई राशि उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के चंदौसी में रहने वाले तीन युवको के खातों में ट्रांसफर हुई थी।

राज्य सायबर सेल की टीम गाजियाबाद के चंदौसी पहुंची और दबिश देकर आकाश पिता मुन्नालाल शर्मा, विभु उर्फ आदित्य पिता विनीत वाष्र्णेय के साथ पवन पिता स्व. विनोद वाष्र्णेय को गिरफ्तार कर उज्जैन लाया गया। तीनों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होने अपने बैंक खाते कमीशन पर विवेक तोमर को दिये थे। खातों में राशि आने के बाद उन्हे साढे तीन हजार से 15 हजार तक का कमीशन दिया गया।

तीनों की पूछताछ में सामने आये विवेक तोमर की तलाश करने पर वह फरार होना सामने आया। पुलिस अधीक्षक डॉ. खर्या ने बताया कि ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी की तलाश जारी है।

हिरासत में आये तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। तीनों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक आरडी कानवा, अमित परिहार, देवराजसिंह रावत, मोहनसिंह सौलंकी, एसआई सत्येंद्रसिंह, एएसआई हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, आरक्षक कमल सिंह वरकडे, सुनिल पंवार, महिला आरक्षक तृप्ति लोधी, रजनी निंगवाल की भूमिका रही। पूरी टीम चार दिनों तक गाजियाबाद और उत्तरप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर दबिश देने के बाद तीनों को हिरासत में लेकर उज्जैन लौटी थी।

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