बाटला हाउस एनकाउंटर : इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के हत्यारे आतंकी आरिज खान की सजा पर बहस खत्म, कोर्ट शाम को 4 बजे सुनाएगी सजा

नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट में सोमवार को 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी कराए दिए गए आतंकी आरिज खान की सजा पर सुनवाई हुई। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने शाम चार बजे तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सजा पर बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने आतंकी आरिज खान के लिए फांसी की मांग की। पुलिस ने कहा कि इस आतंकी ने उनके होनहार इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा (Inspector Mohan Chand Sharma) को मौत के घाट उतारा है। यह आतंकी मृत्युदंड का ही अधिकारी है।

साकेत कोर्ट ने आतंकी आरिज खान पिछले सोमवार को इस मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरिज उर्फ जुनैद के मौका-ए-वारदात पर मौजूद होने को साबित करने में सफल रहा है।

जानकारी के अनुसार, 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए थे और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। 44 साल के मोहन चंद शर्मा को 19 सितंबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के बाटला हाउस में छिपे हुए पांच संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ने के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

कोर्ट ने 8 मार्च को आरिज खान को हत्या, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचरियों पर हमला, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारी को गंभीर रूप से जख्मी करने, आर्म्स एक्ट समेत अन्य आरोपों में दोषी करार दिया था। अदालत ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा एवं दो जख्मी पुलिसकर्मियों के पारिवारिक, सामाजिक एवं आर्थिक हालात की जानकारी देने के निर्देश जांच अधिकारी को दिए हैं। अदालत ने कहा है कि इसके हिसाब से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने पर विचार किया जाएगा।

इससे पहले 2013 में एक आतंकी शहजाद अहमद को इस मामले में सजा हो चुकी है। बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान दोनों वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे, जबकि इनके तीन साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद साजिद पुलिस के हाथों मारे गए थे।

कौन है आरिज खान?

गौरतलब है कि आरिज खान 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता है। इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। उस वक्त आरिज खान पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला गया था। आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था।

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