नियमों में बदलाव:अब लाइफ सर्टिफिकेट जमा बनवाने के लिए नहीं देना होगा आधार, सरकार ने पेंशनरों को दी बड़ी राहत

नई दिल्ली। पेंशनरों को अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन प्रमाणपत्र) पाने के आधार कार्ड की जरूरत नहीं होगी। नए नियम के तहत अब पेंशनरों को डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिए आधार कार्ड को ऑप्शनल बना दिया गया है। इसके अलावा संदेश ऐप (Sandesh App) और सार्वजनिक ऑफिसों में अटेंडेंस लगाने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को ऑप्शनल कर दिया गया है।

पहले लाइफ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी था आधार
कई पेंशनरों ने शिकायत की थी कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिये कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिए आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ऑप्शनल बना दिया गया है।

हर साल जमा करना होता है लाइफ सर्टीफिकेट
हर पेंशन पाने वाले व्यक्ति को हर साल नवंबर में पेंशन अकाउंट वाले बैंक में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। लाइफ सर्टिफिकेट इस बात का प्रूफ होता है कि पेंशनर के ज़िंदा है। इसे जमा नहीं करने पर पेंशन मिलना बंद हो सकता है। 2017 से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करन की सुविधा दी गई थी।

संदेश के लिए भी जरूरी नहीं आधार
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के अलावा सरकारी ऑफिस में अटेंडेंस लगाने के लिए अनिवार्य किया गया संदेश ऐप के लिए भी आधार वैरिफिकेशन को अनिवार्य से हटाकर ऑप्शनल कर दिया है। संदेश इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप है जो सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बनाया गया है। अब सरकारी कर्मचारियों को इसके जरिए ही हाजिरी लगानी होती है।

इसी साल लॉन्च हुआ था संदेश
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने इसी साल फरवरी में वॉट्सऐप की तरह एक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ‘संदेश लॉन्च किया था। वॉट्सऐप की तरह संदेश से भी मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के जरिए किसी के साथ भी मैसेजिंग की जा सकती है।पहले इसे सभी सरकारी कर्मियों के लिए ही शुरू किया गया था, लेकिन इसे अब सभी लोगों के लिए शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा संदेश ऐप (Sandesh App) और सार्वजनिक ऑफिसों में अटेंडेंस लगाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

संदेश का इंटरफेस अन्य इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप की तरह ही है। दो प्लेटफॉर्म के बीच चैट हिस्ट्री का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है लेकिन सभी चैट्स का ई-मेल पर बैकअप रखा जा सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स एक वैलिड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी के जरिए संदेश पर अपना अकाउंट बना सकते हैं। इस पर वाट्सऐप की तरह ग्रुप बना सकते हैं। मैसेज ब्रॉडकास्ट कर सकते हैं, मैसेज फॉरवर्ड कर सकते हैं।

अभी तक सिर्फ 100 लोगों ने ही किया डाउनलोड
संदेश ऐप को 16 फरवरी को लॉन्च किया गया था। गूगल प्ले स्टोर के जरिए इसे तब से लेकर अब तक सिर्फ 100 लोगों ने भी डाउनलोड किया है। ऐसे में इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि लोगों को ये ऐप कुछ खास रास नहीं आ रहा है।

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