दत्तीगांव ने बताया कोरोना काल में राज धर्म क्या होता है

बदनावर (अल्ताफ मंसूरी)। संकट काल में जो राजा जनता के हर दुख में शामिल हो वह अपने उत्तरदायित्व का शत प्रतिशत निर्वहन करें, यही राज धर्म है। इस कसौटी पर बदनावर क्षेत्र के विधायक एवं उद्योग मंत्री राजा राजवर्धन सिंह दत्तीगांव खरे उतरे हैं।

चाणक्य ने अर्थशास्त्र में लिखा था।
प्रजासुखे सुखं राज्ञ: प्रजानां च हिते हितम्।
नात्मप्रियं प्रियं राज्ञ: प्रजानां तु प्रियं प्रियम्।।
(अर्थात्-प्रजा के सुख में राजा का सुख है, प्रजाके हित में उसका हित है। राजा का अपना प्रिय (स्वार्थ) कुछ नहीं है, प्रजा का प्रिय ही उसका प्रिय है।)

अपनी उत्कृष्ट सेवा से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव प्रदेश क्या पूरे देश के लिए एक सेवा का मॉडल बन गए हैं।आपने ने स्वयं रोगी कल्याण समिति बदनावर को 5 लाख रुपए दान देकर दानदाताओं को प्रेरित किया और देखते ही देखते रोगी कल्याण समिति के पास एक करोड़ रुपए के लगभग जमा हो गए। सााथ ही शासकीय अस्पताल को लाखों रुपए के मेडिकल उपकरण, ऑक्सीजन प्लांट व क्षेत्र को कई एंबुलेंंस की सौगात मिली है। अपने जीवन की परवाह ना कर के क्षेत्र में लगातार दौरे किए हैं।

सुलझे हुए एवं दूरदर्शी राजनेता, अपने विधायक और उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की वजह से इस समय यहां सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लोगों को अन्य जगह की तुलना में जितनी सुविधाएं मिल रही है उसका पूरा पूरा श्रेय दत्तीगांव को ही दिया जा सकता है। आज यह माना जा रहा है कि यदि वे बदनावर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे होते तो संभव है, इस भयावह कोरोना काल के दौर में बदनावर क्षेत्र के साथ ही आसपास के विभिन्न गांव खेड़ों के मरीजों को उतनी चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं मिल पाती जितनी कि इस समय उन्हें मिल है।

दूसरी लहर में अस्पताल में जितनी जल्दी आईसीयू वार्ड एवं कोविड केयर सेंटर शुरू हुआ है तथा तमाम जरूरी उपकरणों के साथ ही चिकित्सा स्टाफ को पदस्थ किया गया है वह काबिले तारीफ है। जबकि आज भी अन्य कई विधानसभा क्षेत्र में कोरोना महामारी से निपटने के लिए उतनी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है जितनी कि वर्तमान संकटपूर्ण हालात में अत्यंत जरूरी है।

इस वजह से दूर-दूर के मरीजों ने गंभीर हालत में भी बदनावर आकर अपना इलाज करवाया। जहां उम्मीद रहती है कि उन्हें ऑक्सीजन के साथ ही अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधा अवश्य मिल जाएगी और जिससे उनकी जान बच जाएगी।

दत्तीगांव अपने प्रभाव के कारण चिकित्सा सुविधा के साथ ही ऑक्सीजन की उपलब्धता भी समय पर करवाने में सफल रहे हैं। जहां भी विभिन्न गांव नगरों के अस्पतालों में ऑक्सीजन समय पर नहीं मिल रही है और जरूरतमंद लोगों को बड़ी मुश्किल से मुंह मांगे दाम पर जुगाड़ करना पड़ रहा था। किंतु बदनावर में आईसीयू एवं केयर सेंटर के साथ ही आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को ऑक्सीजन देकर उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया गया।

आपके प्रयासों से कश्यप स्वीटनर्स द्वारा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। आज यह सोच कर ही सिहरन पैदा होती है कि यदि बदनावर विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व दत्तीगांव जैसा संवेदनशील व्यक्ति नहीं करता तो वर्तमान हालातों से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता। क्योंकि कई जगह आज भी लोगों को नाना प्रकार की चिकित्सा सुविधा जुटाने में असहनीय परेशानी का सामना करना पड़ा जूझना पड़ा।

दत्तीगांव ने कोरोना महामारी की आहट सुनाई देने के पहले से ही अस्पताल में 10 बेड का कोविड आईसीयू वार्ड तैयार करवा दिया था जो समय पर चालू कर दिया गया और महामारी की भयावहता को देखते हुए 50 बेड का कोविड केयर सेंटर भी सुरक्षित स्थान पर मात्र 4 दिनों में चालू करवाया गया। जब स्थिति की गंभीरता दिखाई दी तो निजी स्तर पर सरदार पटेल हॉस्पिटल पिटगारा को भी शुरू करवाने में देर नहीं की। और फिर आइसोलेशन वार्ड चालू करवाने में तनिक भी लेट लाली नहीं की।

दत्तीगांव को क्षेत्र की जनता की ओर से इसलिए भी शाबाशी दी जाना चाहिए कि उन्होंने इस बार किसी भी तरह की चिकित्सा सुविधा को समय पर उपलब्ध करवाने में कोई कोताही नहीं बरती और मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री तथा जिले में इस संकट की घड़ी में सभी विभागों से तालमेल बनाए रखकर काम कर रहे कलेक्टर आलोक कुमार सिंह , पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह व बदनावर में एसडीएम वीरेंद्र कटारे व एसडीओपी देवेंद्र यादव के साथ ही तहसीलदार अजमेरसिंह गौड़, टीआई सीबी सिंह, सीबीएमओ डॉ एसएल मुजाल्दा, बीएमओ- कोविड प्रभारी डॉ संदीप श्रीवास्तव, केयर सेंटर प्रभारी डॉ बीएल पाटीदार तथा उनके सहयोगी चिकित्सक व स्टाफ, सीएमओ आशा भंडारी, सीईओ तीजा पंवार समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सामंजस्य कायम करवा कर तथा अपने राजनीतिक सहयोगियों मनोज सोमानी, मनोज सोलंकी, अक्षय शर्मा, जय सूर्या व सभी समाज सेवी संस्थाओं एवं सक्रिय कई कार्यकर्ताओं के साथ समय पर जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के अलावा क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और कोरोना कफ्र्यू की अवधि के दौरान समझाइश देकर उसका पालन करवाने में कामयाब रहे हैं। और अब तक किसी तरह का विवाद सतह पर नहीं आया है। जैसा कि गत वर्ष अंदरूनी तौर पर देखा गया था।

यह दत्तीगांव के व्यक्तित्व का ही कमाल है कि वे कभी भी और किसी भी स्तर पर अपने प्रभाव व मुलायम स्वभाव का खूबसूरत इस्तेमाल कर प्रशासकीय तंत्र से अपना काम बखूबी करवा लेते हैं और कभी ऐसा सुनाई नहीं देता कि बना के इस काम में राजनीति आड़े आ गई है या किसी तरह की पार्टी की गुटबाजी। इन सबसे परे रहकर दत्तीगांव ने इस गहरे संकट काल के समय जिस तरह की भूमिका का निर्वाह किया है उसे देखते हुए एक बार फिर यही उम्मीद की जा सकती है कि वे राजनीति को परे रखकर इस क्षेत्र के लोगों के दुख दर्द को दूर करने के लिए इसी तरह व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से सदैव सजग रहेंगे। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि राजा राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने मतदाता के हर वोट की कीमत चुकाने में सफल रहे हैं।

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