डॉ. छजलानी ने कोरोना पीडि़तों को व्हाट्सएप से दिया परामर्श, 4 हजार मरीज हुए स्वस्थ्य

महिदपुर, अग्निपथ। कोरोना संक्रमण के कहर के दौरान अनहोनी से डरे हुए पीडि़त के परिजन जब अस्पतालों में भर्ती होने से लेकर अतिआवश्यक मेडिकल सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब शहर के रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर ने मोबाइल, फोन और व्हाट्सएप के जरिए 4 हजार से ज्यादा कोविड-19 से पीडि़तों का इलाज किया। अब यह सारे मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।

जिला क्षय अधिकारी के पद से रिटायर्ड टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय छजलानी ने बीते साल के अप्रैल से लेकर इस साल मई तक यानी साल भर में मोबाइल, फोन, व्हाट्सएप एवं वीडियों कॉलिंग के जरिए इंदौर सहित वापी, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, भोपाल, सीहोर, रतलाम, मंदसौर, छिंदवाड़ा के मरीजों का इलाज कर पूरी तरह से ठीक कर दिया।

ऐसे किया व्हाट्सएप के जरिए कोरोना मरीजों का इलाज

डॉक्टर छजलानी ने बताया कि तब अस्पतालों में भर्ती होने के लिए मरीजों को आसानी से न तो मेडिकल बेड मिल रहे थे नहीं डॉक्टर मिल पा रहे थे क्योंकि सभी सरकारी एवं निजी डाक्टरों पर बहुत ज्यादा दबाव था।

जब कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या डॉक्टर एवं अस्पतालों के हिसाब से बहुत ज्यादा थी। तब उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक एवं व्हाट्सएप के जरिए कोरोना से घबराए लोगों को समझाया इलाज के लिए अस्पताल जाने की जरूरत तब तक नहीं है जब तक की स्थिति यानी मरीज की हालत गंभीर ना हो। इसका इलाज घर पर रहकर भी किया जा सकता है। यदि किसी को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं या वह महसूस करते हैं तो वह मेरे मोबाइल पर संपर्क कर सकते हैं।

इसके बाद इंदौर सहित कई शहरों से कॉल आने लगे। फोन करने वालों से पहले कुछ सवाल किए जैसे पीडि़त को क्या महसूस हो रहा है? फोन करने वालों से पहले कुछ सवाल किए जैसे दूरी को क्या महसूस हो रहा है, क्या उनमें कोरोना संबंधी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, इसके अलावा पीडि़त की उम्र क्या है, उसके साथ रहने वाले परिजनों की उम्र कितने हैं एवं सदस्यों की संख्या कितनी है, घर में कितने कमरे हैं? जिसमें कोरोना के लक्षण है उसे या साथ रहने वाले परिजनों को शुगर, हार्ड, किडनी, लीवर, दमा अस्थमा, टीवी जैसी कोई बीमारी है या नहीं, पीडि़त तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, शराब, आदि नशा करता है या नहीं? यह सारे सवाल पूछने के बाद मरीज के परिजनों को ऑक्सीजन नापने के लिए ऑक्सीमीटर लाने को कहा गया, वीडियो कॉलिंग पर मरीज का ऑक्सीजन लेवल, पल्स रेट चेक करने के बाद निर्णय लिया जाता कि कोविड संबंधित कौन-कौन सी जांच कराना है।

जब जरूरी मेडिकल जांचों से कंफर्म हो जाता है कि मरीज कोरोना पॉजीटिव है, उसे अलग कमरे में क्वॉरेंटाइन की सलाह देकर उनके परिजनों को मरीज को कौन-कौन सी दवा कब कैसे देना है के साथ डाइट चार्ट का कैसे इस्तेमाल करना है। यह सब जानकारी चैटिंग या फोन पर देते रहे। हर दिन सुबह से लेकर सोने के पहले तक सभी मरीजों की डेली मेडिकल अपडेट रिपोर्ट लेने के बाद उन्हें बताया जाता रहा कि अब कौन-सी दवा बंद करना है व कौन सी दवा लाना है।

इसके अलावा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि वह कतई डरे या घबराए नहीं, मरीज को अपनापन, भावनात्मक संबंधों का अहसास कराएं, मरीज से उनके मित्रों एवं पड़ोसी रिश्तेदारों से जो सकारात्मक सोच रखते हो उनसे फोन पर यह वीडियो कॉलिंग पर बात कराएं। उन्हें नेट के जरिए मोबाइल फोन पर कॉमेडी शो, गीत, फिल्में, भजन सुनने देखने को कहें। इस तरह दवाइयों एवं परिजनों के सहयोग से मरीज 15 दिन में कोविड-19 से मुक्त हो जाता।

अमेरिका से भी आया कॉल

डॉक्टर छजलानी जिन मरीजों का इलाज करते जो ठीक हो जाते वह दूसरों से अनुभव शेयर करते जो पीड़ित होते उन्हें मेरा मोबाइल नंबर दे देते फिर वह मुझसे संपर्क करते इस तरह साल भर में लगभग चार हजार परिवार मुझसे जुड़ते गए और उन्हें उपचार संबंधी ऑनलाइन परामर्श देता रहा। उनके ऑनलाइन उपचार से ठीक हुई तिलक नगर निवासी रश्मि व्यास ने बताया ना तो उन्हें हॉस्पिटल के चक्कर लगाना पड़े ना डॉक्टरों को बार-बार भारी-भरकम फिर देना पड़ी, घर पर ही उनके परिजनों को कोरोना से मुक्ति मिल गई।

एरोड्रम रोड निवासी एक अग्रवाल परिवार उनके घर के सभी 8 सदस्य कोरोना की चपेट में आ गए थे वह भी चैटिंग और मोबाइल पर डॉक्टर छजलानी के संपर्क में रहते हुए पूरी तरह ठीक हो गए। एक मरीज के इलाज पर अधिकतम 2 से 3 हजार रुपये ही खर्च हुए। एक परिवार तो ऐसा मिला जिसके बच्चे अमेरिका में रहते थे, फ्लाइट बंद हो गई थी। इस परिवार में दादा दादी माता पिता सभी कोरोना की चपेट में आ चुके थे उन्हें डॉक्टर छजलानी का नंबर मिला उन्होंने फोन पर संपर्क किया इन सभी का फोन पर इलाज शुरू किया गया आज वह सब स्वस्थ हैं।

कोरोना काल में जब अधिकांश चिकित्सकों ने अपनी फीस दोगुनी कर दी ऐसे में भी डॉक्टर छजलानी ने मरीज परिवारों के आग्रह पर सिर्फ एक बार मात्र हजार रुपये शुल्क लिया वह भी तब जब मरीज 8 महीने में ठीक हुआ या 4 सप्ताह में। यही कारण है कि ठीक होने वाले मरीजों के लिए डॉक्टर छजलानी किसी फरिश्ते से कम नहीं है।

’मूलत: महिदपुर के हैं निवासी’

डॉक्टर छजलानी मूलत: महिदपुर के निवासी हैं तथा पूर्व विधायक स्व आनंदीलाल छजलानी के पुत्र हैं।

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