नूरी खान ने कांग्रेस छोडऩे के फैसले को लेकर दी सफाई, बोलीं कमलनाथ के कहने पर निर्णय बदला

अब दावा किया : अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आवाज उठाती रहूंगी

उज्जैन, अग्निपथ। कांग्रेस नेता नूरी खान ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनके संकट के दौर में घर आकर समर्थन किया था। वे हमेशा मेरे साथ सुख: दुख में खड़े रहते हैं। कांग्रेस में उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जो आवाज उठाई थी, वह सही और आगे भी इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं से जबाव मांगती रहेंगी।

वे अपने समुदाय के लोगों के लिए आवाज उठा रही हैं। उधर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अब पार्टी के लिए नूरी खान परेशानियां खड़ी करते हुए भाजपा को सीधा लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यह आरोप कांग्रेस नेता लगाने लगे हैं।

उनका कहना है कि नूरी खान को कांग्रेस का प्रवक्ता बना रखा है। इसके अलावा भी उन्हें एक पद और दिया था। इसके बाद भी नूरी खान अल्पसंख्यक वर्ग की उपेक्षा करके कांग्रेस को परेशानी में डाल रही है। यह वह केवल अपनी मत्वकांक्षा को पूरा नहीं हो पाने की वजह से कर रही है। उन्हें बताना चाहिए कि अल्पसंख्यक वर्ग के लिए उन्होंने क्या किया है और कब -कब जमीन पर जाकर लड़ाई लड़ी है। वे हवाई नेता हैं। अल्पसंख्यक वर्ग का होने का लाभ उठाते हुए भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए विरोध की बात कह रही है।

इसलिए नूरी ने उठाई है आवाज

नूरी खान ने उत्तर विधानसभा के मद्देनजर अल्पसंख्यक वर्ग का कार्ड खेला है। बताया जाता है कि उज्जैन उत्तर विधानसभा में 50 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के वोट हैं। अभी ये वोट भाजपा और कांग्रेस में बंट जाते हैं। नूरी खान विधानसभा चुनाव भी लडऩे का सपना देख रही हैं। वे अल्प संख्यक समुदाय के वोटों को एकजुट करके टिकट की दौड़ में भी खुद को शामिल करना चाहती है। मुस्लिम समाज में इस समय एक भी ऐसा नेता नहीं है जिसके बैनर तले सभी मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर टिकट की बात कर सकें। चालीस साल से किसी भी मुस्लिम समाज के नेता को विधानसभा चुनाव लडऩे का मौका नहीं मिला है। पूर्व में गयूर कुरैशी, विधायक और सांसद रह चुके हैं।

अन्य नेताओं की राय

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पीसीसी सदस्य हॉफिज कुरैशी का कहना है कि बंटवारे के बाद जिन लोगों को भारत के संविधान में आस्था और भारत में भरोसा था, वे लोग भारत में रहे और बाकी लोग पाकिस्तान चले गए थे। इसी तरह से राजनीति में भी सबके पास च्वाइस रहती है। जिन अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने कांग्रेस को चुना उनके लिए कांग्रेस ने कई कार्यक्रम चलाए और कई लाभ भी अल्पसंख्यक समाज को मिले। इसलिए इस तरह के आरोप आज कांग्रेस पर लगाना बेवकूफी है।

इस्तीफा देना और इस्तीफा देकर वापस लेना उससे बड़ी बेवकूफी है। नूरी खान शादी करके आसाम चली गई हैं। इसके बाद भी कांग्रेस ने उन्हें पद देकर सम्मान किया है। इस तरह के आरोप लगाना उनकी सबसे बड़ी बेवकूफी है।

अल्पसंख्यक समाज के युवा कांग्रेस नेता अफसर पटेल का कहना है कि हम कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। पार्टी निर्णय करती है कि किसे कहां क्या जिम्मेदारी देना है। मुझे जब भी जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरी निष्ठा से निभाया है। पार्टी के नेता सभी धर्म समाज के लोगों को स्थान देती और उनकी योग्यता के मुताबिक उन्हें पद भी देती है। कांग्रेस में अल्पसंख्यक लोगों की बात को महत्व मिलता है।

अल्पसंख्यक समुदाय के कांग्रेस से जुड़े युवा नेता असफान अमान उल्ला खान का कहना है कि कांग्रेस में योग्यता और उनके योगदान के आधार पर सभी को महत्व और पद मिलता है। मेरे पिता का कांग्रेस का सचिव बनाया गया था। आज मैं उस पद की अभिलाषा करूंगा तो वह गलत है। मुझे संगठन मेरे काम और मेरी योग्यता के आधार पर पद और जिम्मेदारी मिलेगी। कांग्रेस पर इस तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है। नूरी खान प्रदेश स्तर की नेता हैं और उनकी टिप्पणीयां भी प्रदेश स्तर के नेताओं के खिलाफ होती हैं।

पूर्व पार्षद नाना तिलकर का कहना है नूरी खान को इस्तीफा ही नहीं देना चाहिए। क्योंकि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं। उनके पति भी कांग्रेस के टिकट से ही असम में विधायक चुने गए हैं। पार्टी के अंदर उतार -चढ़ाव का दौर आता रहता है। कभी सत्ता में रहते हैं तो कभी विपक्ष में रहते हैं। इसलिए ऐसे दौर के लिए राजनेताओं को हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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