भाई ही निकला हत्यारा

कुछ ही घंटों मे पुलिस ने किया अंधे कत्ल का पर्दाफाश

झाबुआ, अग्निपथ। जिले की पेटलावद पुलिस ने पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के निर्देशन में कुछ ही घंटों के भीतर एक अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए हत्या को अंजाम देने वाले मृतक के भाई और पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। यह हत्या देवर-भाभी के अवैध संबंध के परिणाम स्वरूप हुई थी।

13 दिसंबर 2021 को सारंगी पुलिस चौकी पर पहुंचकर फरियादी सोनू निवासी उनालुपाड़ा ने पुलिस को सूचित किया कि उसका भाई दिनेश रात्रि मे करीब 9 बजे घर से खेत पर सिंचाई के लिए गया था जो सुबह तक घर नहीं लौटा।

इस पर गांववालों ने तलाश की तो भाई दिनेश की टोपी खेत में बने उसके स्वयं के कुंए में तैर रही थी। फरियादी ने पुलिस को आशंका जताई कि उसके भाई की मौत कुएं में डूबने से हुई होगी। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कुएँ से बरामद किया ओर मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया साथ ही एक फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची।

मृतक का शरीर दे गया हत्या की गवाही

घटना की सूचना के बाद पुलिस की टीम जिसमें एफएसएल यूनिट, डाग युनिट, फिंगरप्रिंट यूनिट भी शामिल थी। घटनास्थल पर पहुंची और घटनास्थल का बारिंकी से मुआयना किया और कुएं से शव को निकाला गया। चूंकि घटना एक अंधा कत्ल था इसलिए फॉरेंसिक अधिकारी डॉ. आर एस मुजाल्दा को सुबह से ही सक्रिय कर दिया गया।

एफ एसएल टीम को घटनास्थल की परिस्थितिया घटना के संदेहास्पद होने का अहसास करा रही थी। यह संदेश विश्वास मे तब बदल गया जब दिनेश के शव पर चोट के निशान देखे गये। घटनास्थल पर सारे तकनीकी और जरूरी साक्ष्य जुटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया और पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल से करवाया गया।

मृतक दिनेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण होमो साइडल नेचर का होना बताया गया। तकनीकी और अन्य साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस के पास फरियादी सोनू पर शक करने की कई वजह और सवाल थे जैसै घटनास्थल कुआं और सोनू का घर पास ही है, अगर कुछ हुआ होगा तो सोनू को आवाज क्यों नहीं सुनाई दी ?

मृतक की पत्नी आखिर मृतक से दूर क्यों रह रही थी?

खुद फरियादी के रूप में पुलिस के पास पहुंचे सोनू ने पुलिस से कुंए में डूबकर दिनेश की मौत की आशंका क्यों जताई? हत्या की आशंका क्यों नहीं जताई? एफ एसएल जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ मौके से बरामद साक्ष्य भी सोनू के खिलाफ इशारा कर रहे थे।

पूछताछ में टूट गया सोनू, कबूली हत्या की बात

पुलिस की सभी टीमों ने घटनास्थल की परिस्थितियों से पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता को अवगत करवाया। पुलिस अधीक्षक ने कडिय़ों को जोडक़र कुछ सवाल सोनू से करने के निर्देश दिये। इन सवालों के सही जवाब देने से सोनू बचता रहा और पुलिस को घुमाने की कोशिश करता रहा। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की सोनू ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और पुलिस को बताया कि उसके अपनी भाभी सुमित्रा (मृतक दिनेश की पत्नी) के साथ अवैध संबंध बन गये थे जिसकी जानकारी मृतक दिनेश को हो गई थी।

इसके चलते घर में हुए विवाद के बाद सुमित्रा दिनेश के घर से चली गयी थी, लेकिन उसके संबंध सुमित्रा से जारी रहे। सुमित्रा लगातार सोनू से कहती थी कि जब तक दिनेश है तब तक वह उसके साथ नहीं आ सकती। दिनेश रूपी कांटा जब रास्ते से हटेगा तभी वह सोनू के साथ रहने घर आ जायेगी।

सोनू ने सुमित्रा के उकसावे पर और हमेशा के लिए उसे पाने के लिए घटना के दिन खेत पर पहुंचकर पहले अपने भाई दिनेश से विवाद किया और फिर उसके सिर पर पहले पत्थर और अधमरा होने पर फावड़े से सिर पर वार किये और फिर दिनेश को कंधें पर उठाकर कुंए में फेंक दिया, सुबह आकर पुलिस चौकी पर कहानी गढ़ते हुए सूचना दी।

पुलिस ने मामले में सोनू पिता केसू बंजारा और सुमित्रा पति दिनेश बंजारा निवासी उनालुपाड़ा को गिरफ्तार कर लिया है एवं आरोपी की निशानदेही पर घटना से संबंधित विभिन्न साक्ष्यों को जप्त किया गया।

जब्त की गई सामग्री

आरोपी सोनू के खून आलुदा कपड़े, घटना स्थल पर पड़ा खून, आलुदा मिट्टी, सादा मिट्टी घटना में प्रयुक्त पत्थर,घटना में प्रयुक्त फावड़ा।

सराहनीय योगदान के लिए पुरस्कृत होगी यह पुलिस टीम

झाबुआ के पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने कुछ ही घंटों मे इस अंधे कत्ल का खुलासा करने वाली टीम की प्रशंसा करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की है। इस अंधे कत्ल को सुलझाने में एसडीओपी पेटलावद सोनू डावर, थाना प्रभारी पेटलावद निरी. संजय रावत, एफएसएल अधिकारी आर.एस. मुजाल्दा, फिंगर प्रिंट दिनेश रावत, डॉग हेन्डलर 394 प्रकाश, चौकी प्रभारी सारंगी अशोक बघेल, सउनि आनंदीलाल चौहान, प्रआर. 293 दिनेश, आर. 366 कमल, आर. 667 महिपाल, मआर 654 कलम चौहान, 23 भूपेन्द्र एवं सैनिक 74 मंजीत शामिल थे।

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