कोरोना ने लोगों को आयुर्वेद से जोड़ा: रामनाथ कोविंद

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अभा आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन मेें राष्ट्रपति ने की शिरकत

उज्जैन, अग्निपथ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने यहीं से शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन के नवनिर्मित भवन का वर्चुअल लोकार्पण किया। इसके पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सभा स्थल पर पहुंचे। राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने पर पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। इसके बाद राष्ट्रपति का स्वागत वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने किया। राष्ट्रपति के साथ प्रथम महिला सविता कोविंद भी मंच पर राष्ट्रपति के साथ पहुंची।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सर्वहितकारी आयुर्वेद का परम्परागत ज्ञान हमारे पास है। यह हमारा सौभाग्य है, परन्तु आज का समय शोध एवं अनुसंधान का, प्रमाणन का और गुणवत्ता का है। यह समय आयुर्वेद के ज्ञान को अधिकाधिक गहराई से समझने, वैज्ञानिक कसौटी पर कसकर खरा उतरने तथा वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी मापदण्डों को परिमार्जित कर विश्व को देने का है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि उज्जयिनी में आयोजित अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वे अधिवेशन में आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि अभी हाल ही में गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेन्टर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन की स्थापना से यह पुष्टि होती है कि विश्व अब हमारी पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों को स्वीकार करने के लिये तैयार है।

हजारों वर्ष पहले ही लिख चुके हैं विधान

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि आज से हजारों वर्ष पहले चरक संहिता में कहा गया था कि भोजन करने से पहले हाथ, पैर व मुंह धोना आवश्यक है। ऐसा करने से शारीरिक स्वच्छता बनाये रखने के साथ-साथ बीमारी से भी बचा जा सकता है। हमारे ऋषियों ने महामारी से बचने के तरीके भी बताये हैं जो आधुनिक विज्ञान द्वारा प्रमाणित है।

कोविड-19 महामारी के दौरान आयुर्वेद की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद से जुड़े व्यक्तियों से यह अपेक्षा है कि वे आयुर्वेद के संरक्षण और विस्तार के समक्ष उपस्थित नीतिगत बाधाओं को दूर करें और जन-सामान्य में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ायें। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जीवन का परम उद्देश्य है सुखी जीवन जीना और दीर्घायु प्राप्त करना। आयुर्वेद इस ध्येय को प्राप्त करने का एक सरल मार्ग है।

इसके पूर्व मंच पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर नानू कावरे, सांसद अनिल फिरोजिया, मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, वैद्य राकेश शर्मा, वैद्य रणजीत पौराणिक मौजूद थे।

आयुर्वेद के सहारे रोग से लड़ाई को मजबूत मिली-राज्यपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा के आदिपुरूष धन्वंतरि, सुश्रुत और चरक के द्वारा दी गई शिक्षा में आदमी स्वस्थ कैसे रह सकता है, यह बताया गया है। उन्होंने कहा कि सुश्रुत ने प्लास्टिक सर्जरी की खोज की। राज्यपाल ने कहा कि कोविड के दौरान जिस तरह भारत ने आयुर्वेद के सहारे रोग से लड़ाई को मजबूत बनाया, वह प्रशंसनीय है। भारत में आयुर्वेद का विकास हो, यह सारे विश्व के लिये आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को अनुसंधान कर प्रामाणिकता प्रदान की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि वनों से मिलने वाली जड़ी-बूटियों की पहचान रखने के मामले में वनवासी भाईयों को अधिक महारत हासिल है, इसका उपयोग करना चाहिये।

आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता-मुख्यमंत्री

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा का प्राचीन इतिहास रहा है। दुनिया को जीने का एक नया सन्देश आयुर्वेद और आध्यात्म के माध्यम से मिलता है। आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। उन्होंने कहा कि मैं किसी पैथी का विरोधी नहीं हूं, किन्तु आयुर्वेद जीवन पद्धति को ऐसा बनाता है, जिससे रोग न हो। योग के साथ-साथ आयुर्वेद की दवाओं से वात, पित्त, कफ का एक संतुलन बना रहता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि हम क्या आहार लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान मप्र के एक करोड़ घरों में त्रिकटु काढ़ा वितरित किया गया। भारतीय चिकित्सा पद्धति से कोई बेहतर पद्धति नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के अधिकारी ही आयुर्वेद चिकित्सकों को क्लिनिक खोलने की अनुमति दें, इस पर भी निर्णय होगा।

महाकाल मंदिर में पूजन के लिए पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।
महाकाल मंदिर में पूजन के लिए पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।

धन्वंतरि महाविद्यालय के नये भवन का वर्चुअल लोकार्पण

कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय के नये भवन का वर्चुअल लोकार्पण किया। लगभग 20 करोड़ की लागत से बने इस आधुनिक भवन के निर्माण से आयुर्वेद शिक्षण, प्रशिक्षण और उपचार की सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। अभा आयुर्वेद महासम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड एवं वैद्य बनवारीलाल गौड़, वैद्य मनोज जोशी, वैद्य राकेश शर्मा वैद्य जयप्रकाश नारायण व वैद्य गोपालदास मेहता को आयुर्वेद महर्षि सम्मान से विभूषित किया गया। इस अवसर पर अमृत कुंभ नामक स्मारिका का विमोचन राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल द्वारा किया गया एवं प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की गई।

राष्ट्रपति को दी भावभीनी विदाई

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के उज्जैन से रवाना होने पर भावभीनी विदाई दी गई। राष्ट्रपति श्री कोविंद के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रपति की पत्नी श्रीमती सविता कोविंद, पुत्री सुश्री स्वाति कोविंद, मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान भी रवाना हुए। हेलीपेड पर राष्ट्रपति श्री कोविंद को प्रदेश के वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया ने विदाई दी। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वरूण कपूर, संभागायुक्त संदीप यादव, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल भी उपस्थित थे।

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