भारत हाऊसिंग सोसायटी में चुनाव से पहले धांधली

नियम प्रत्येक सदस्य को एक प्लाट का, छह भूखंड वाले का फार्म स्वीकृत

उपायुक्त ने आपत्ति किया अनदेखा, बचाव में बोले पति को अपात्र किया

उज्जैन,अग्निपथ। शहर की बहुचर्चित भारत हाउसिंग को आपरेटिव सोसायटी के दो दशक बाद होने जा रहे चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे। वजह नियम विरुद्ध तरीके से आधा दर्जन प्लाट कब्जाने वाले उ मीदवार के खिलाफ आपत्ति होने पर भी उसे निरस्त नहीं करना है। खास बात यह है कि धांधली की जानकारी होने पर भी जिम्मेदार दोषी को बचाते हुए उसका बचाव कर रहे है।

उल्लेखनीय है भारत हाऊसिंग सोसायटी में करीब 1100 सदस्य है। करीब 20 वर्ष से बिना बोर्ड के चल रही है सोसायटी के 7 जून को चुनाव है। उम्मीदवारों के नामाकंन फार्म जांच कर निरस्त करने का बुधवार को अंतिम दिन था। यह देख कुछ सदस्यों ने चुनाव में खड़ी हुई वैशाली पति अरुण बराल के नामांकन पर आपत्ति उठाई। उन्होंने बराल दंपत्ति द्वारा जोड़-तोड़ से सोसायटी की कॉलोनियों में आधा दर्जन प्लॉट लेना बताया।

बावजूद सहकारिता उपायुक्त ओपी गुप्ता ने आपत्ति को दरकिनार कर बराल को डायरेक्टर बनाने का रास्ता साफ कर दिया। अब सदस्यों में चर्चा है कि जो बिना पद के नियम सोसायटी के प्लाटों को हथिया कर भू माफिया बन रहे है वह पद मिलने पर क्या करेंगे। याद रहे भारत हाउसिंग ने प्रगति नगर, तुलसीनगर, गायत्रीनगर आदि कॉलोनी काट रखी है।

यह है नियम

सहकारिता विभाग के नियमानुुसार कोई भी सदस्य सोसायटी की कॉलोनियों में एक ही भूखंड ले सकता है। लेकिन बराल दंपत्ति ने प्रगति नगर में भूखंड पंजीकृत कराया। फिर वैशाली बराल ने तुलसी नगर में दो प्लाट लिए। प्रशासक ने नियम विरुद्ध खरीदे प्लाट का पंजीयन निरस्त करने के लिए भी विभाग को लिखा।

तुलसी नगर में गड़बड़ी

सोसायटी सूत्रों के अनुसार तुलसीनगर की जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट कचहरी को देखते हुए कई सदस्य भूखंड बेचने के इच्छुक थे। ऐसे में अरुण बराल ने पर्चियों पर करीब दो दर्जन प्लॉट के सौदे कर लिए। अब सोसायटी उच्च न्यायालय से जीत गई। ऐसे में बराल दंपत्ति सोसायटी पर कब्जा कर भूखंडों को करोड़ों में बेचने की तैयारी कर रहा है।

17 सदस्यों के नाम भी दो प्लॉट

सोसायटी सदस्य निलिमा अरुण जैन, उर्मिला प्रसाद तोतला, सुमित्रा भगवानदास बलदुआ, कृष्णदेवी यगेंद्रदेव आर्य, लता संतोष माहेश्वरी, सुषमा काले, सुदर्शन मोहनसिंह भाटिया, सुभाष लपालीकर, संतोष व्योहार, प्रकाश निगम, राजेंद्र प्रसाद व्यास, पुष्पा पति हेमंत भवालकर, विलास डेंगले, सुनील श्रीवास्तव, राधेश्याम श्रीवास्तव, ज्योति श्रीवास्तव व राजेंद्र प्रसाद व्यास को भी दोहरे भूखंड मालिक बताया गया है। विभाग को इनके नियम विरुद्ध खरीदे प्लाट का पंजीयन निरस्त करने के लिए लिखा गया है।

इनका कहना

अरुण बराल को आपत्ति के पूर्व ही अपात्र घोषित कर दिया था। चुनाव नियमानुसार हो रहे है। चुनाव के बाद गलत होगा तो कार्रवाई करेंगे।

-ओपी गुप्ता,उपायुक्त सहकारिता विभाग

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