ऐसी दर्शन व्यवस्था: बाहर श्रद्धालु घूम-घूम कर हो रहे परेशान, ना कोई होर्डिंग- ना नोटिस बोर्ड

ऐसी दर्शन व्यवस्था: बाहर श्रद्धालु घूम-घूम कर हो रहे परेशान, ना कोई होर्डिंग- ना नोटिस बोर्ड

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण कार्य के चलते प्रवेश व्यवस्था कुछ दिनों पहले ही बदली गई है। प्रशासनिक भवन के सामने से होकर श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करना पड़ रहा है। लेकिन इस व्यवस्था की जानकारी श्रद्धालुओं को नहीं होने के कारण स्थानीय और बाहर से आने वाले श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। विडंबना है कि पूछताछ काउंटर मंदिर परिसर के अंदर मंदिर प्रशासन ने स्थापित कर रखा है। जिसपर पूछताछ करने के लिए कोई नहीं आ रहा है।

कुछ माह पहले ही मंदिर के निर्गम गेट के पीछे विस्तारीकरण कार्य के चलते शंखद्वार और फैसिलिटी सेंटर के पीछे के द्वार से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर मंदिर के प्रशासनिक भवन के सामने के फैसिलिटी सेंटर और कचरा गेट से वीआईपी और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धारियों का प्रवेश शुरू किया गया था। वहीं सामान्य श्रद्धालुओं को पूर्व की तरह बड़ा गणेश मंदिर के सामने के बेरिकेड से प्रवेश दिया जा रहा है। लेकिन बड़ा गणेश मंदिर की लाइन में मंदिर प्रशासन ने कोई होर्डिंग या बोर्ड नहीं लगा रखे हैं। जिसके चलते श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध नहीं होने के चलते वह इधर उधर हार फूल वालों से पूछते हुए उनके चंगुल में फंस जाते हैं और कभी कभार धोखाधड़ी का शिकार भी हो जाते हैं। वहीं प्रशासनिक भवन के आसपास भी मंदिर प्रशासन ने ऐसा कोई नोटिस बोर्ड या हार्डिंग आदि नहीं लगा रखे हैं जिसके चलते श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध हो सके। ऐसे में श्रद्धालु किसी तरह से ठोकर खाता हुआ और लोगों से पूछता हुआ मंदिर में प्रवेश कर भगवान महाकाल के दर्शन कर रहा है। आश्चर्य की बात है कि बाहर के श्रद्धालु तो ठीक स्थानीय श्रद्धालुओं को भी इस बात की सही तरह से जानकारी नहीं है कि मंदिर में वीआईपी, 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धारी और सामान्य श्रद्धालु का प्रवेश कहां से है।
इधर आ गए तो उधर जाना मुश्किल
बाहर से आने वाले अधिकांश श्रद्धालुओं को इस बात की जानकारी है कि बड़ा गणेश मंदिर की लाइन से वीआईपी, 250 और सामान्य श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है। ऐसे में वह इस ओर से दर्शन करने के लिए पहुंच जाते हैं। तो उनको जानकारी मिलती है कि वीआईपी और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धारियों का प्रवेश प्रशासनिक भवन की ओर से है। लिहाजा निर्माण कार्य मंदिर के आगे भी बिखरे होने के चलते किसी तरह से लोगों से पूछताछ कर प्रशासनिक भवन की ओर पहुंचते हैं और यहां पर भी ठोकर खाते हुए किसी तरह से भगवान महाकाल के दर्शन कर लेते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि फिलहाल जब तक महाकालेश्वर मंदिर के त्रिवेणी संग्रहालय के पास बने द्वार (महाकाल पथ) से श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू नहीं हो जाता है, तब तक श्रद्धालुओं को ऐसे ही भगवान महाकाल के दर्शन के लिए ठोकर खा कर इधर-उधर घूमना पड़ेगा।

पूछताछ काउंटर मंदिर के अंदर

श्री महाकालेश्वर मंदिर में अधिकारियों की नासमझी के चलते पूछताछ काउंटर को मंदिर परिसर में लगाया गया है। यहां पर एक कर्मचारी को एक शिफ्ट में ड्यूटी करने के लिए लगाया गया है। लेकिन मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर ना तो पूछताछ काउंटर स्थापित किया गया है और ना ही किसी तरह के नोटिस बोर्ड अथवा होर्डिंंग आदि लगाए गए हैं। ऐसे में भगवान महाकाल के भरोसे श्रद्धालु दर्शन कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। जोकि मंदिर की अच्छी छवि लेकर नहीं जा रहे हैं।

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