मेरी यूरोप यात्रा : भाग-4; दुनिया भर की ब्रांडेड चीजों के शोरूम एक ही गाँव ‘‘इंगोल्स्तद’’ में

अर्जुनसिंह चंदेल

गणेश रेस्टोरेन्ट में मनमाफिक अदरक चाय मिल जाने पर शरीर में नयी ऊर्जा का संचार हो गया थोड़ी गुफ्तगू के बाद बाहर निकले इस बीच हमारा वीडियो कोच भी हमें लेने आ गया था। शाम के 5 बज चुके थे महिलाएँ भी छोटी-मोटी खरीदी कर वापस आ गयी थी। हम लोग होटल के लिये रवाना हो गये। कोच में से ही जर्मनी के इस वैभवशाली शहर का दीदार किया।

रास्ते से प्रदर्शनी में भाग लेने वाले साथियों को लिया और होटल पहुँचे इस बीच 28 मार्च की शाम के 7 बजे गये थे। सभी साथी अपने-अपने कमरों में पहुँच गये। जिसे पेग लेने थे उसने पेग लिये, रात्रि का खाना होटल से मात्र 200 मीटर दूर स्थित भारतीय ताज रेस्टोरेन्ट में ही था जहाँ बार भी था रात्रि 8 बजे सभी लोग खाना खाने पहुँच गये।

भारत के पंजाब प्रांत के पंजाबियों द्वारा वहाँ बीते 8 वर्षों से रेस्टोरेन्ट संचालित किया जा रहा था जहाँ सभी ने दाल मखनी, पनीर की सब्जी, चावल का आनंद लिया। माँसाहारियों के लिये चिकन की व्यवस्था थी। सबने छककर भोजन का आनंद लिया वापस होटल पहुँचकर सभी जल्दी सो गये।

हाँ एक बात तो आपको बताना भूल ही गया पूरे यूरोप में बाजार सुबह 6-7 बजे के बीच चालू हो जाते हैं और शाम को 6 बजे पूरी तरह बंद हो जाते हैं। सडक़ों पर शाम 6 बजे के बाद गहरा सन्नाटा पसर जाता है सिर्फ रेस्टोरेन्ट और होटल ही चालू रहते हैं वह भी 11 बजे तक। सूर्य का उजाला भी लगभग 8 बजे तक रहता है। अंधेरा बहुत देरी से होता है। यात्रा के दो दिन 27-28 मार्च हो चुके थे।

29 की सुबह सभी लोग देरी से उठे हमें निर्देश दिये गये कि 9:30 पर होटल से निकलना है। होटल की लॉबी में पहुँचकर पहले दिन की तरह ही नाश्ते में आयटमों का ढेर लगा हुआ था। अपने राम ने ब्रेड आमलेट, फ्रूटस और कार्न फ्लेक्स दूध, ज्यूस पर ज्यादा ध्यान फोकस किया और पेट को पूरा भर लिया ताकि वह लंच की माँग ना करे। सुबह दस बजे हम लोग प्रदर्शनी स्थल के लिये रवाना हुए क्योंकि हम जिस होटल में थे वह 27 किलोमीटर दूर थी।

साथियों को प्रदर्शनी की जगह छोडक़र हमारा वीडियो कोच न्यूर्मबर्ग से लगभग 30 किलोमीटर दूर जर्मनी के एक बड़े आकर्षण वहाँ के बाबरिया प्रांत में स्थित संस्कृति से भरपूर इंगोल्स्तद ग्राम पहुँचा जहाँ दुनिया भर के अग्रणी ब्रांडों के 110 से अधिक शोरूम है जो पूरे साल बिक्री के लिये उपलब्ध हैं। डगलस, बोगनेर, पूमा, एडीदास, वूलरिच जैसे कई और लक्जरी फैशन और लाईन स्टाइल के स्त्री-पुरुषों के कपड़ों सहित सभी सामान खरीदे जा सकते हैं। इंगोल्स्तद के एल्पाइन किचन में शरदकालीन आकाश के नीचे भोजन करे या इंडोचाइन में दक्षिण पूर्व एशिया के जायके का आनंद ले।

सोमवार से शनिवार तक खुला रहने वाला यह गाँव, व्यक्तिगत खरीदी हैड्स फ्री शॉपिंग, कॉम्प्लिमेंट्री वाई-फाई सहित व्यक्तिगत सेवाओं की एक श्रृृंखला प्रदान करता है। इंगोल्स्तद गाँव में मुफ्त पार्किंग और इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग पाइंट है। लगभग चार घंटे घूमने और महिलाओं द्वारा कुछ खरीददारी के बाद हम लोग पूरे न्यूर्मबर्ग का चक्कर लगाते हुए प्रदर्शनी स्थल से अपने साथियों को लेते हुए होटल पहुँच गये।

रात्रि भोजन ताज रेस्टोरेन्ट में ही था। तीन दिवीसय यूरोपियन पाउडर कोटिग प्रदर्शनी का भी समापन हो चुका था और जर्मनी में लगभग तीन दिन रहने के बाद यहाँ से विदा लेने की घड़ी नजदीक आ गयी थी। अगले दो दिनों के लिये हमें चेक गणराज्य के प्राग शहर के लिये प्रस्थान करना था। रात्रि को ही टूर आपरेटर द्वारा बता दिया गया था कि सुबह जल्दी निकलना है सभी लोगों को सुबह 7:30 पर होटल की लॉबी में ब्रेकफास्ट हेतु पहुँचना है 9 बजे वीडियो कोच प्राग के लिये रवाना हो जायेगा।

30 मार्च की सुबह सभी लोग जल्दी उठकर होटल में नाश्ते के लिये पहुँच गये। निर्धारित समय पर वीडियो कोच चेक गणराज्य के प्राग के लिये रवाना हो गया क्योंकि रास्ते में हमे कार्लोवी वैरी देखनी थी जहाँ स्वास्थ्य की देवी हायजिएला के दर्शन जो करने थे।

…शेष अगले अंक में

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