प्रशासक ने दिया आश्वासन, पुजारी ने भी भांग शृंगार में आ रही मुश्किलों से कराया था अवगत
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर मे एक सप्ताह से अधिक समय से भगवान का भांग श्रंृगार नहीं हो पा रहा है। एडीएम और मंदिर प्रशासक को दैनिक अग्निपथ संवाददाता और एक पुजारी ने इस परेशानी से अवगत कराया तो उन्होंने इसकी व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। संभवत: उनके बीना जाने से पूर्व इसकी व्यवस्था कर दी जाएगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन संध्या आरती से पूर्व भांग का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। भांग श्रृंगार करवाने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी हुई है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आगामी 2 महीने तक के लिए भांग श्रृंगार की अग्रिम बुकिंग कर दी गई है। लेकिन अभी तक विगत एक सप्ताह से अधिक समय से भगवान महाकाल का भांग श्रंृगार नहीं हो पा रहा है। जिन पुजारियों का भांग श्रंृगार का दिन था, उन्होंने किसी तरह से मावे का और चंदन का श्रंृगार कर परंपरा को निर्वहन करने का प्रयास किया। यहां तक की विगत 2 दिन जुगाड़ कर भगवान महाकाल का श्रृंगार भांग से किया गया। लेकिन प्रतिदिन भांग का श्रंृगार संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि भांग घोटे की दुकानें लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी हुई हंै और किसी तरह से जुगाड़ कर व्यवस्था जुटानी पड़ रही है।
एडीएम ने दिया आश्वासन
जानकारी में आया है कि मंदिर के एक पुजारी एडीएम और मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी को भांग मिलने में आ रही परेशानियों से अवगत करा चुके हैं लेकिन कोरोना मरीजों की व्यवस्था में लगातार हाजिर होने के चलते हैं उनको समय नहीं मिल पा रहा है। दैनिक अग्निपथ संवाददाता ने भी उनको भांग का श्रृंगार करने के लिए भांग उपलब्ध करवाने का निवेदन किया था। जिस पर उन्होंने उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
इनका कहना
भगवान महाकाल को भांग श्रृंगार के लिए भांग उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करने के लिए कुछ करता हूं। – नरेन्द्र सूर्यवंशी, एडीएम और महाकालेश्वर मंदिर समिति प्रशासक महाकाल मंदिर
प्रशासक पद फिर होगा खाली
जानकारी में आया है कि उज्जैन एडीएम और महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक नरेद्र सूर्यवंशी आज बीना के लिए रिलीव होंगे। उनको वहां के कोविड प्रभारी की अतिरिक्त जवाबदारी दिए जाने की खबर है। संभवत: आज सुबह बीना के लिए निकलेंगे। लेकिन एक बार फिर से महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक का पद खाली रह जाएगा। श्री सूर्यवंशी द्वारा प्रशासक रहते लॉकडाउन के दौरान पिछले सावन भादौ मास की सवारी को परंपरा का पालन करवाते हुए आसानी से निकाला गया था। दशहरे पर भी उनके द्वारा फ्रीगंज के दशहरा मैदान तक बिना किसी व्यवधान के सवारी को पहुंचाया गया था। उनके जाने के बाद पुन: यह पद खाली हो जाएगा। कलेक्टर को एक बार फिर इस पद पर बैठाने के लिए किसी योग्य अधिकारी का चयन करना होगा।