टेढ़ी नजरः खेल सामग्री का खेला, सफेदपोश पर दाग लगा न धेला

खेल हर जगह खेल झाबुआ,मेघनगर,थांदला हो या पेटलावद हर जगह का खेल बिगड गया। बेचारे छोटे व्यापारियों व जनशिक्षक, बीआरसी की होली बदरंग कर गया। पाडो की लड़ाई में बागड का नुक़सान,चोरी कर गया दाडी वाला पकडा गया मूंछ वाला।

जी हां मुख्यमंत्री के भगोरिया उत्सव में शामिल होने की मद मस्ती कुछ लोगों की शिकायत पर कमीशनर को कहने पर तत्त्काल जांच के चलते ऊपर से नीचे के अधिकरी ऊपर नीचे होने लगे। एसडीएम की जल्दबाजी में जांच बड़े को अभयदान दे गयी व छोटे जनशिक्षक निपट गये।खेल सामग्री का घोटाला एक स्कूल प्राथमिक पांच हजार व मिडिल स्कूल दस हजार इस हिसाब से कितने लोग हीरों बन गये तो कितने जीरो पर गये। वाह वाह खेल… कलेक्टर, डीपीसी सहित बड़े जिलास्तरीय नेता व सत्ता पक्षिय जन प्रतिनिधियों ने ऐसा तालमेल कर लिया कि सांप भी मर जाएं व लाठी नहीं टटूटे ।

क्या पूरे मामले में फर्म ही दोषी है? क्या पेटलावद मेघनगर ,थांदला ,झाबुआ के स्टेशनरी वालें ही चोर बाकी सब साहुकार ? वाह रे चरण वंदना करने वाले तंत्र जोरदार। अब आतें हैं निर्दोष बलि के बकरे सिर्फ दो बीआरसी क्यूं? पुरा बांस पोला ओर कहते दो जगह सडऩ लगी। फिर बीआरसी व डीपीसी सहित नेताओं व सत्ता पक्षियो के दबाव में में कुछ जनशिक्षक पर भी गाज। बेचारे मेघनगर के अमर सिंह भुरिया व रंभापुर के जसवंत सिंह नायक निलंबित रमभापुर सीएससी जसवंत नायक ने तों बीआरसी डीपीसी व बड़े वरिष्ठ के निर्देश का पालन किया फिर रंभापुर में एक ही सिएससी बल्कि दूसरा सीएससी तों कभी मेघनगर कभी रंभापुर जगह बदलता।

बड़े बड़े की गोदी में बैठने से तों कही शाय़द नहीं बच रहा वही मेघनगर उत्कृष्ट विद्यालय का सीएससी अमर सिंह भुरिया को जनजातीय विभाग ने दो हाथ में लड्डु थभा दिए। एक जनशिक्षक दुसरा रंभापुर होस्टल इनका भी बडे अधिकारी ने दो बार छात्रावास का प्रभार बदला जबकि यहां पदस्थ पूर्व सीएससी जो अपनी बीबी के नाम पूर्व में एक चिटफंड कंपनी में लिप्त लोगों के निशाने पर था उसका आज़ तक कुछ नहीं हुआ। सिर्फ पेटलावद ब्लाक में हाईस्कूल में तबादला।

यह खेला बड़े लोगों का, सस्पेंड छोटे सिर्फ कर्मचारी बड़े सप्लायर जो पर्दे के पीछे है पर न नकेल न जेल। प्रशासन आई गले आई बला टाल कर जि़ले के मुखिया ने अपने प्रभाव से अपनी कप्तानी बचाने के चक्कर में हर बार हो रही बदनामी के आवरण को बेदाग करने के चक्कर में जांच प्रतिवेदन आतें ही गरीब मास्टरों की होली बिगडवा दी। खुद कभी अपने अमले को नचा कर मनगढ़ंत तिथि से झाबूआ उत्सव मनवाया तो फिर भगोरिया में अपनी पीठ थपथपाने के चक्कर में मुख्यमंत्री की रैली व उत्सव में सहभागिता से छोटे निजी वयवसायी का भगोरिया फीका कर दिया। अब डीपीसी व शेष बीआरसी व सीएससी को अभयदान बाकी की होली बदरंग। खेल का खेला खेलने वाले सफेद पोस असल अपराधी है उन तक पहुचे जांच के हाथ तो होए दूध का दूध पानी का पानी।

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