महाकालेश्वर मंदिर पहुंच मार्गों पर जाम

भोग आरती के बाद बढ़ी भीड़, 250 रु. टिकट धारियों का प्रवेश 4 नंबर गेट से

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार और 15 अगस्त दो दिवसीय अवकाश के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एक बार फिर उमड़ी। हालत यह थे कि मंदिर प्रशासन को बार-बार व्यवस्थाएं बदलना पड़ रही थीं। वहीं महाराष्ट्र और गुजरात के श्रद्धालुओं का आगमन होने लगा है। ऐसे में आगामी दिनों में भी भीड़ की चहलकदमी बनी रहने की संभावना है। महाकालेश्वर मंदिर पहुंच मार्गों पर जाम की स्थिति दिनभर बनी रही। लोगों को जाम से बाहर निकलने के लिए आधा घंटा से अधिक समय खर्च करना पड़ा।

श्रावण मास समाप्त होने के बाद भीड़ का दबाव कम हो गया था। लेकिन रविवार को सुबह 10.30 बजे की भोग आरती के बाद एकाएक श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे लगी। श्रद्धालुओं का दबाव इतना अधिक हो गया कि मंदिर प्रशासन को सामान्य श्रद्धालुओं की लाइन को विभाजित कर बीच बीच में प्रोटोकाल श्रद्धालुओं के साथ भेजना पड़ रहा था।

सुबह से ही मंदिर परिसर को बंद कर दिया गया था। कुछ देर के लिए मंदिर प्रोटोकाल को बंद भी करना पड़ा। लगभग 40 मिनट तक प्रोटोकाल पाइंट बंद रहा। इसके बाद फिर से इसे चालू कर दिया गया था। दो दिवसीय अवकाश होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ रही है। वहीं महाराष्ट्र और गुजरात में श्रावण माह की शुरुआत हो चुकी है। लिहाजा यहां के बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंच रहे हैं।

कार्तिकेय मंडपम से सीधे बाहर निकाला

दोपहर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सीधे कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवाते हुए बाहर निकाला। यह क्रम लगातार चलता रहा। कार्तिकेय मंडपम से दर्शन ठीक तरह से नहीं होने के कारण हालांकि श्रद्धालुओं में रोष भी दिखाई दिया। गणपति मंडपम में प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं का दर्शन चलता रहा।

1500 रु. की टिकट कम पड़ी

मंदिर प्रशासन द्वारा गर्भगृह से दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंडे पुजारियों के मार्फत 1500 रु. की विशेष दर्शन टिकट से दर्शन करने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शनिवार को तो इन श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में तो दिखाई दी। लेकिन रविवार को तो भारी भीड़ गर्भगृह से दर्शन को जुटी दिखाई दी। मंदिर गर्भगृह का गलियारा लगातार दोपहर 1 बजे तक भरा हुआ दिखाई दिया।

ज्ञातव्य रहे कि 16 पुजारी और 22 पुरोहितों में से प्रत्येक को 1500 रु. की 6 विशेष दर्शन टिकट से दर्शन करवाने की पात्रता प्रदान की गई है। लेकिन इनके तीन अन्य प्रतिनिधियों के लिए टिकट की व्यवस्था नहीं किये जाने से उनके श्रद्धालु वापस जा रहे हैं।

मंदिर पहुंच मार्गों पर जाम

रविवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर जाम की स्थिति देखी गई। महाकाल दर्शन के लिए इंदौर व अन्य जगहों से आए दर्शनार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । हरिफाटक ब्रिज से चार पहिया वाहन की रोक होने के कारण श्रद्धालुओ को जंतर मंतर वाले मार्ग पर जाना पड़ा ।

जंतर-मंतर वाला रोड छोटा होने से वाहनों की आवाजाही में दिक्कत हुई जिससे वहां लंबा जाम लग गया । भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए यातायात पुलिस ने हरि फाटक ब्रिज से चार पहिया वाहनों को आगे जाने से रोक दिया । इसी कारण लंबा जाम लग गया, जिसमें लोग काफी समय तक फंसे रहें ।

250 रु. की दर्शन व्यवस्था 4 नंबर गेट से

श्रावण मास में अत्याधिक श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ को देखते हुए सामान्य और 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकटधारी श्रद्धालुओं को दो कतारों में चारधाम से प्रवेश करना पड़ रहा था। लेकिन शंख द्वार से दोनों को एक ही लाइन में लगाकर टनल से कार्तिकेय मंडप से गणपति मंडपम में पहुंचा कर दर्शन करवाये जा रहे थे। इससे 250 रु. टिकटधारियों को पैसे देने के बावजूद अधिक चलना पड़ रहा था। मंदिर प्रशासन ने रविवार को व्यवस्था में बदलाव करते हुए 5 नंबर गेट पर स्थित लड्डू प्रसाद काउंटर और टिकट काउंटर को फिर से शुरू करवा दिया। यहां पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कतार में लगे हुए दिखाई दिए। इनको बड़ा गणपति मंदिर के सामने से 4 नंबर गेट से प्रवेश दिया जाता रहा।

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