गरीबों का अनाज बेचकर करोड़पति बना, ढाई साल में इंदौर में खरीदे 7 मकान

इंदौर, अग्निपथ। सरकार गरीबों को मुफ्त में अनाज दे रही है, लेकिन कुछ लोग उनके हक पर डाका डाल रहे हैं। इंदौर में एक ऐसा ही शख्स पुलिस के हत्थे चढ़ा है, जो गरीबों का हक मारकर करोड़पति बन गया।

इंदौर में एक व्यक्ति राशन की दुकान से मिलने वाले अनाज को पीस-पीसकर करोड़पति बन गया। गरीबों को चूना लगाकर उसने खुद का आटे का ब्रांड बना लिया और लॉकडाउन के बाद इंदौर में ही 7 मकान भी बना लिए। आरोपी मोहम्मद इमरान पिता बाबू खान अब पुलिस की गिरफ्त में है। बताया जा रहा है कि आरोपी कांग्रेस के एक बड़े नेता का दामाद है। जिसे बचाने के लिए वकीलों की टीम भी थाने पहुंची थी।

टीआई तहजीब काजी ने ऊषागंज इलाके से मोहम्मद इमरान को पकड़ा है। उसके पास से राशन के चावल के करीब 27 कट्टे जब्त किए गए। जो उसने अपने एजेंटों के माध्यम से गरीबों से खरीदे थे। यह अनाज राशन दुकानों से पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारकों को दिया जाता था।

इमरान ऐसे हुआ मालामाल

कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो सरकार ने गरीबों को फ्री अनाज देने का ऐलान किया। यहीं इमरान का शातिर दिमाग चला। उसने लॉकडाउन में एक गैंग बनाई, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। फिर पीएम गरीब कल्याण योजना में फ्री मिलने वाले सरकारी अनाज को गरीबों से खरीदना शुरू किया। इमरान ने 20 ऑटोवालों को एजेंट बनाकर रखा था, जो राशन दुकान के बाहर ही 15 से 16 रुपए किलो में गरीबों से सीधे गेहूं-चावल खरीद लेते थे। ऑटो से इन्हें ठिकाने पर लाते थे और इमरान अनाज पीसकर आटा बना देता था। इसके बाद पीसा हुआ अनाज, ब्रांड के नाम से दुकानों पर बेच देते थे। ढाई साल में इमरान ने कई टन माल को इधर-उधर किया और तीन थाना क्षेत्रों में करोड़ों की संपत्ति बना ली। पुलिस अब उसकी संपत्ति की जांच में जुटी है।

रिक्शा चालकों को देता था कमीशन

इमरान पेशे से आटा चक्की चलाता है। लॉकडाउन में कई लोगों ने गरीबों को मिलने वाला राशन खरीदकर उसे बेचा था। कुछ लोग रिक्शा से अनाज लेकर उसके पास आते थे। इस दौरान इमरान ने ऐसे रिक्शा चालकों को चिन्हित किया और उन्हें हर माह कमीशन और कुछ रुपए अलग से देने की बात कही। इसके बाद इमरान ने रिक्शा चालकों से दोस्ती कर अन्य रिक्शा वालों को भी इस बात के लिए राजी किया और उनसे अनाज खरीदने लगा।

आजाद नगर, ऊषागंज में बनाई प्रॉपर्टी

पुलिस के मुताबिक इमरान की प्रॉपर्टी को लेकर जानकारी निकाली जा रही है। पता चला है कि इस कारोबार से उसने ढाई साल में करीब सात मकान बना लिए। ये मकान आजाद नगर, ऊषागंज और खजराना सहित अन्य इलाके में होने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि वह हर माह लाखों रुपए का अनाज इधर से उधर करता था। वह छोटे दुकानदारों के साथ कुछ फैक्ट्रियों को भी आटा उपलब्ध करवा देता था। पुलिस उन लोगों की भी जानकारी निकाल रही है, जिन्हें इमरान माल सप्लाई करता था।

आजाद नगर, खजराना, चंदन नगर से आता था माल

पूछताछ में पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि वह रिक्शा चालकों की मदद से चंदन नगर, खजराना और आजाद नगर सहित अन्य इलाकों की दुकानों से माल की कालाबाजारी करता था। इसमें उसने कुछ महिलाओं को भी अपने साथ रखा था। पुलिस के मुताबिक उसके मोबाइल में कई रिक्शा वालों के नंबर भी मिले हैं, जिनकी गाडिय़ां जब्त कर उन्हें शासन की मदद से राजसात करवाया जाएगा।

पुलिस ने राशन दुकान की रैकी की, तब पकड़ाया इमरान

टीआई तहजीब काजी को इमरान द्वारा शासन के अनाज की कालाबाजारी करने की सूचना मिली थी। दो दिन पहले आजाद नगर और संयोगितागंज इलाके के बीच बनी शासकीय राशन दुकान पर पुलिस ने रैकी कर रिक्शा का पीछा किया। वह इमरान की आटा चक्की के बाहर आकर रूका। उसमें से कर्मचारी माल उतारकर चक्की में रखने लगे। जब पुलिस इमरान की दुकान पर पहुंची तो उससे माल का बिल और जानकारी मांगी, जिसे वह नहीं दे सका। इसके बाद उसे थाने लाकर पूछताछ की गई।

अब तक चार रिक्शा जब्त, एजेंटों ने अनाज लेना कबूल किया

पुलिस ने इस मामले में चार अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। शुरुआती जानकारी में एजेंटों ने शहर के चंदन नगर, आजाद नगर, मूसाखेडी, रावजी बाजार इलाके में रहने वाले गरीब वर्ग के लोगों और शासन की दुकानों से अनाज लेना कबूला है। जिसमें पुलिस ने मंजूर पुत्र मुख्तियार निवासी आरएनटी मार्ग, नसीम पुत्र अली हुसैन निवासी आजाद नगर और शाहरुख हुसैन पुत्र मंजूर हुसैन निवासी आरएनटी मार्ग को गिरफ्तार किया है। जिन वाहनों से सरकारी अनाज कलेक्ट किया जाता था, वो भी जब्त कर लिए हैं। वहीं पुलिस ने इस मामले में लिप्त महिला एजेन्टों की गिरफ्तारी भी की है।

शासन की फ्री गेहूं देने वाली स्कीम है गरीब कल्याण योजना

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ाया है। इस योजना के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभार्थियों को दिसंबर, 2022 तक 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से मुफ्त खाद्यान्न देना जारी रहेगा। पीएमजीकेएवाय के अब तक के छह चरणों में कुल 3.45 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है। अक्टूबर से दिसंबर तक पीएमजीकेएवाय के 7वें चरण में 44,762 करोड़ रुपए की अनुमानित सब्सिडी दी गई है। जिसे सातवें चरण में खाद्यान्नों का कुल आवंटन 122 एलएमटी होने की उम्मीद है। कोरोना काल में गरीबों की मदद करने के लिए इस योजना को नए तरीके से क्रियान्वित किया गया था।

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