अद्भुत महिमा हैं स्वप्रकट माँ अन्नपूर्णा कामाख्या शक्तिपीठ सेमलिया की

2 वर्षो से अनवरत चल रहा अखंड महायज्ञ

एक देश, एक धर्म, एक रंग में रंगे सारा संसार, आज दुनिया सनातन धर्म के सामने नतमस्तक, विधर्मियो पर चले देशद्रोह का मुकदमा- महामंडलेश्वर मदुसुदनानंद जी महाराज
रतलाम, अग्निपथ। सारे विश्व में भारत देश की महिमा एक विश्वगुरु के रूप में रही हैं यदि इसका श्रेय यहां की भूमि पर स्थित प्राचीन देवी देवताओं के स्वप्रकट स्थानों एवम गुरुकुलो को दिया जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। इसी कड़ी में एक प्राचीन शक्तिपीठ मध्यप्रदेश राज्य अंतर्गत रतलाम जिले के ग्राम सेमलिया में स्थित हैं जिसे माता अन्नपूर्णा कामाक्षा शक्तिपीठ मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। जो एक टेकरी पर स्थित हैं।

कहा जाता हैं की वर्षो पहले यहां विराजित माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्वप्रकट हैं और माता अन्नपूर्णा द्वारा अपने विराजने का स्थान भी स्वयं पड़ोस के ग्राम निवासी व्यक्ति को स्वप्न में आकर बताया गया था। शक्तिपीठ की महिमा यह भी हैं यहां आने पर तकनीकी साधन दिशा सूचक कंपास की सुई भी शून्य हो जाती है नजदीकी ग्राम वासियों का कहना है की स्थानीय वासियों को संबंधित टेकरी पर अक्सर स्वत: प्रज्वलित दीपक की रोशनी चलती हुई दिखाई देना एक आम बात सी लगती थी एवं माता अन्नपूर्णा द्वारा संबंधित व्यक्ति के स्वप्न में संबंधित टेकरी पर विराजमान करना दर्शाया गया था तब से माता अन्नपूर्णा यहां विराजित हैं।

110 बीघा में फैले इस शक्तिपीठ के पीठाधीश महामण्डलेश्वर मधुसुदनानंद जी महाराज हैं जिनके द्वारा 2 वर्षो से समस्त जनप्राणी हित सहित विश्वहित, देशहित एवं सनातन धर्म हित में अनवरत महायज्ञ किया जा रहा हैं इसी दौरान देश के विभिन्न क्षेत्र से लगभग 20 लाख देशवासी शक्तिपीठ स्थित माता जी का दर्शन लाभ सहित आशीर्वाद प्राप्त कर नि:शुल्क रुद्राक्ष लाभ ले चुके हैं। यहाँ तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठालाल, अरुण गोविल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित देशभर के संतो का आगमन हो चूका है। इस पवित्र भूमि पर पिछले 2 वर्षो से अनवरत भण्डारा भी चल रहा है।

धर्म पर उंगली उठाना बंद करे अधर्मी

महामंडलेश्वर मधुसूदनानन्द जी महाराज ने कामाख्या शक्तिपीठ पर आयोजित आईएफउब्ल्यूजे के वार्षिक अधिवेशन के दौरान पत्रकार वार्ता में पत्रकार साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ विधर्मियो ने धर्म पर उंगली उठाना एक खेल समझ लिया है। जिनके बाप दादाओ का इतिहास नहीं है वह हमसे हमारे इतिहास पूछने की गलतियां कर बैठे हैं। संपूर्ण विश्व में धर्म सिर्फ एक ही और वह हे सनातन धर्म, बाकी सिर्फ मत हो सकते है। धर्म नहीं।

महाराज ने यह भी कहा कि अगर कोई इस विषय में खुले मंच से चर्चा करना चाहता हो तो मैं उसे चुनौती देता हूं कि देश के किसी भी एक कोने पर संपूर्ण मत के लोगों को एवं सनातन धर्म के लोगों को एकत्रित करें जहा सुप्रीम कोर्ट के माननीय जस्टिज महोदय की टीम भी मौजूद हो और देश के शिर्ष नेता भी मौजूद रहे। और फिर वहा अपने अपने इतिहास पर चर्चा कर ले अगर हिम्मत है तो इस पर प्रकार की परिचर्चा के बाद साबित करें कि वह श्रेष्ठ है, अन्यथा वे स्वयं सनातन धर्म और भगवा को स्वीकार करें और भविष्य में अनर्गल बातें छोड़ सनातन धर्म के प्रचार के लिए जुट जाएं।

देश और समाज में पत्रकारो का बड़ा योगदान

मधुसुधनानंद जी महाराज ने आगे कहा कि पत्रकार परिस्थिति को बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। एक पत्रकार ही है जो समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य कर सकता है आज देश में पत्रकारो संतो और ऐसे राजनेताओ की आवश्यकता है जो सनातन धर्म पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले विधर्मियो को बेनकाब करें और देश और धर्म के खिलाफ बोलने वाले इस प्रकार के लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।

सनातन धर्म का अपना हजारों वर्षों का इतिहास है जो तथ्य और प्रमाण के आधार पर है उस पर कुठाराघात किसी भी स्थिति में अब सहन नहीं किया जा सकेगा। समय आ गया है संतो को देश की कमान संभालने में सहयोग करना पड़ेगा।

रतलाम जिले के ग्राम सेमलिया में मां अन्नपूर्णा शक्तिपीठ पर तीन दिवसीय आयोजित इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के वार्षिक सम्मेलन के दौरान महामंडलेश्वर श्री मधुसूदनानंद जी महाराज ने सभी आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें यज्ञ आहुति के लिए आमंत्रित किया साथ ही विश्व कल्याण एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ उन्हें आशीर्वाद दिया।

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