पर्यावरण संरक्षण में पश्चिम रेलवे भी अपने तई दे रहा है कई योगदान

रतलाम स्टेशन व डीआरएम कार्यालय को ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल का मिला प्रमाणन

मुंबई। पर्यावरण के सुधार में रेलवे योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में यह नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग जैसे पर्यावरण अनुकूल उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिसमें पवन और सौर ऊर्जा शामिल हैं। भारतीय रेलवे ने 1,000 से अधिक स्टेशनों और 400 सेवा भवनों में लगभग 114 मेगावाट के सौर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किए हैं और इसकी 2030 तक शून्य शुद्ध कार्बन उत्सर्जक बनने की योजना है।

रेलवे स्टेशनों और सभी रेलवे प्रतिष्ठानों और भवनों (20,000 से अधिक) में परंपरागत प्रकाश व्यवस्था को एलईडी को बदला गया है। भारतीय रेलवे के सभी आवासीय क्वार्टरों को भी मई 2020 तक परंपरागत लाइटिंग को एलईडी में बदल दिया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे पर 2 स्टेशन और 3 कार्यालय भवन हैं जिनमें वडोदरा स्टेशन, रतलाम स्टेशन, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय – वडोदरा, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय – अहमदाबाद और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय – रतलाम शामिल हैं, जिन्हें इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) प्रमाणन मिला है।

प्लास्टिक कचरा निपटान के लिए स्टेशनों पर बॉटल क्रशिंग मशीन

ठाकुर ने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे को कम करने, उसे रीसाइकल करने तथा उसके निपटान के लिए पर्यावरण अनुकूल तरीके से कई पहल की है। प्लास्टिक कचरे के निपटान की इन पर्यावरण अनुकूल पहल को और अधिक बढ़ावा देने के लिए 400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर कुल 585 प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और पूरे भारतीय रेलवे पर और अधिक संख्या में इन मशीनों के संस्थापन की प्रक्रिया जारी है। पश्चिम रेलवे द्वारा अपने स्टेशनों पर कुल 99 प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीनें लगाई गई हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा अपने 5,117 कोचों में बायो टॉयलेट लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

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