सिंहस्थ महापर्व 2028 को अब लगभग 6 वर्ष बचे हैं। सिंहस्थ 2016 को बिदा किये लगभग 6 वर्ष होने को आये। लब्बोलबाब यह है कि इंतजार के 12 वर्षों में से आधा समय निकल चुका है आधा बचा है। 6 वर्ष इतनी जल्दी बीते गये कि पता ही नहीं चला। […]

स्थापना दिवस पर विशेष दैनिक अग्निपथ ने अपनी विकास यात्रा के आज 32 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं। 1 दिसंबर सन् 1989 को अग्निपथ का प्रथम अंक प्रकाशित हुआ था। अग्निपथ के पुरोधा और संस्थापक देश के मूर्धन्य पत्रकार मेरे स्वर्गीय पिताजी ठाकुर शिवप्रताप सिंह जी दुर्भाग्यवश अग्निपथ के इस […]

‘विध्वंस के बिना नहीं विकास’ यह प्रकृति का नियम है और शायद अनादि काल से चला आ रहा यह निगम आज भी शाश्वत है। बीते दिनों प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के सामने वर्षों पुराने मकानों को मंदिर परिसर विस्तार के लिये जमींदोज कर दिया गया। हालांकि स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा […]

मध्यप्रदेश विधानसभा के लिये हुए मतदान की आज तीसरी वर्षगांठ है। वर्ष 2018 में आज ही के दिन यानि 28 नवंबर को हमने हमारे विधानसभा क्षेत्रों के प्रथम नागरिकों के चयन हेतु मतदान किया था। मध्यप्रदेश के अलावा चार अन्य राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम की विधानसभाओं के लिये भी […]

आधुनिकता के इस दौर में सभी क्षेत्रों में आमूल-चूल परिवर्तन के साथ ही भारतीय समाज को भी अपनी संस्कृति, संस्कारों को समय के साथ कदम-ताल कराकर चलना होगा तभी भविष्य के सामाजिक, पारिवारिक रिश्तों का ताना-बाना जड़ों से जुडक़र रह पायेगा अन्यथा आने वाले समय में भौतिकवाद की इस अंधी […]

भारत के पंत प्रधान नरेन्द्र मोदी जी ने गुरुनानक जयंती पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर पूरे किसानों के साथ 138 करोड़ भारतीयों को भी उपहार दिया है। भारत कृषि प्रधान देश है देश की आबादी ग्रामों में बसती है और देश में ग्रामों की संख्या […]

एक अनहोनी आशंका के साये में 5 दिवसीय दीपोत्सव का प्रारंभ आज से हो रहा है। शायद यह पहला अवसर होगा जब प्रभा (ज्योति) पर तिमिर (अंधकार) भारी रहेगा। बुझे हुए मन से 138 करोड़ भारतीय, हिंदू धर्म के अनुयायियों के साथ इस ऊर्जा के प्रतीक पर्व को मनाते हैं। […]

किसी समय एक पवित्र पेशे और पत्रकारिता धर्म के कारण पत्रकारों को समाज के हर वर्ग में बड़े मान-सम्मान के साथ देखा जाता था। देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने से लेकर सन् 1947 में मिली आजादी के बाद एक नये भारत के निर्माण में पत्रकारों की महती […]

यह सिर्फ मेरे ही वतन हिंदुस्तान में ही हो सकता है कि प्रजातंत्र में जनता के नुमाइन्दे और कलयुगी राजा-महाराजाओं की व्यस्तता के कारण विगत 8 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े मऊ-रतलाम रेलखंड पर यात्री रेलगाडिय़ों का परिचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। देश को गौरवान्वित करने […]

  बीते दस दिनों से समाचार पत्र और टी.वी. अफगानिस्तान के समाचारों से ही सराबोर हैं। वहाँ की दिल दहला देने वाली घटनाओं के चित्रण और दिखाने के लिये संचार माध्यमों में होड़ सी मची हुई है। कहीं कोई अफगानी महिला अपनी दिल के टुकड़े दूध पीते बच्चे को उछालकर […]