पुजारी पुरोहितोंं की 1500 की जगह 750 रुपए गर्भगृह दर्शन रसीद करने की दरकार

Mahakal mawa shringar shiv navratri 21 02 22

आनलाइन होकर स्कैनिंग होने की भी जरूरत

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को तो ऑनलाइन होकर 750 रु. की रसीद काटी जा रही है। लेकिन एक ही जगह पर दो नियम चल रहे हैं। पुजारी और पुरोहितों की सीधे 1500 रु. की रसीद काटी जा रही है। जबकि एक व्यक्ति के लिये 750 रु. की रसीद काटी जाना चाहिये। इससे श्रद्धालुओं के साथ बारगेनिंग की संभावना भी बन जाती है।

जबकि एक यजमान के लिये इनकी 750 रु. की दान की रसीद काटे जाने की सुविधा भी प्रदान कर रखी है। इस तरह से दो अलग अलग व्यवस्थाएं चल रही हैं। एक के लिये नियम अलग, तो दूसरे के लिये अलग….।

महाकालेश्वर मंदिर में दो अलग अलग नियम चल रहे हैं। आम श्रद्धालुओं के लिये गर्भगृह दर्शन के लिये अलग तो पुजारी पुरोहितों के यजमान के लिये अलग। जहां एक ओर आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिये आनलाइन स्कैनिंग करवा कर टिकट प्राप्त करना पड़ रही है, वहीं पुजारी पुरोहितों के यजमानों के लिये सीधे 4 नंबर काउंटर पर रखे कट्टे से टिकट फाड़ी जा रही है। वह भी सीधे 1500 रु. की।

जबकि आम श्रद्धालुओं को 750 रु. की टिकट दी जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है। यह तो मंदिर प्रशासन ही जानें। वहीं 3 हजार की लघुरूद्राभिषेक रसीद से तीन यजमानों को गर्भगृह ले जाया जा सकता है। यजमान पूछता है तो उसको बताया जाता है कि 1500 रु. की टिकट कटवाई है। अब यजमान को तो इस बात की जानकारी नहीं है कि 1500 रु. में कितने लोगों को साथ ले जाया जा सकता है।

दान की रसीद 750 रु. की

पुजारी पुरोहितों के लिये मंदिर प्रशासन ने एक यजमान को गर्भगृह में ले जाने के लिये 750 रु. की दान रसीद कटवाने की सुविधा प्रदान कर रखी है। यदि एक यजमान के लिये एक 750 रु. की रसीद काटने की व्यवस्था की जाय तो इसमें पारदर्शिता को लाया जा सकता है। इससे यजमानों की गिनती करना भी आसान हो जायेगा।

यजमानों के न तो फोटो और न ही आधार कार्ड

महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी पुरोहितों को जो ऑफलाइन गर्भगृह दर्शन टिकट की सुविधा दे रखी है। इसमें न तो यजमानों के फोटो होते हैं और न ही आधार कार्ड देखा जाता है। पुजारी पुरोहितों के कहने पर काउंटरकर्मी टिकट फाड़ देता है। इसमें पारदर्शिता बनाये रखने के लिये यजमानेां के फोटो भी टिकट पर होना जरूरी है। ताकि इसका दुरुपयोग न हो पाये।

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