सेनेटाइजर घोटाला : कोरोना काल में छिडक़ाव के लिए साढ़े 14 लाख का भुगतान, आया कितना रिकॉर्ड नहीं

जिन तारीखों में जावक रजिस्टर में बांटा सेनेटाइजर, उन तारीखों में वाहनों की लॉगबुक में नहीं इंट्री

धार, अग्निपथ। शहर में वर्ष 2020-21 में कोरोनाकाल के वक्त आपदा को अवसर बनाकर सेनेटाइजर के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया। लेकिन जितना सेनेटाइजर क्रय करना फाइलों में बताकर भुगतान किया गया, उतनी मात्रा में सेनेटाइजर पहुंचा ही नहीं। सूचना का अधिकार में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर आईटीआई एक्टिवीस्ट सुनील सावंत ने खुलासा किया है।

प्रेसवार्ता में शुक्रवार को सावंत ने कहा कि अंकित बिल्डकॉन 35, मयूर नगर गली मूसाखेड़ी इंदौर की फर्म से नगर पालिका ने 20 जून 2020 को सोडियम हाईपोक्लोराइड खरीदा था। यह सोडियम हाईपोक्लोराइड का इस्तेमाल सेनेटाइजर के रूप में शहर में छिडक़ाव के लिए किया गया। नपा ने 35 हजार लीटर सोडियम हाईपोक्लोराइड दवाई 41.30 रुपए प्रति लीटर की दर से अंकित बिल्डकॉन से क्रय किया।

इसके बदले 14 लाख 45 हजार 500 रुपए का फर्म को भुगतान करवाया गया। सावंत ने प्रेसवार्ता में कहा कि इस खरीदी के बाद जुलाई से लेकर नवंबर-2020 तक नपा ने लॉगबुक में ट्रैक्टर व फायर बिग्रेड से छिडक़ाव करना बताया।

इसलिए है घोटाले का आरोप

सावंत ने बताया कि लॉगबुक में सेनेटाइजर को ट्रैक्टर व फायर बिग्रेड को इश्यू करना बताया। लेकिन उन वाहनों के नंबर लॉगबुक में नहीं डाले गए। जुलाई, अगस्त और सितंबर तक नियमित छिडक़ाव लॉगबुक में दर्शाया है। सावंत ने कहा जिन तारीखों में नपा ने लॉगबुक में सेनेटाइजर छिडक़ाव करना दर्शाया है, उन तारीखों में शहर में बारिश हो रही थी।

कृषि विभाग द्वारा जारी बारिश मापक सूची भी उन्होंने प्रेस से साझा की है। जिससे घोटाले के आरोप पुख्ता होते है। उन्होंने बताया कि नपा की स्टोर शाखा द्वारा इस मामले में आधी-अधूरी जानकारी वर्तमान में उपलब्ध करवाई। जबकि इसमें 35 लाख रुपए तक सेनेटाइजर खरीदी होने का अनुमान है। सावंत ने कहा कि जितनी मात्रा में सेनेटाइजर खरीदा गया है, उसकी आवक-जावक का मिलान नहीं है।

वाहनों के लॉगबुक में इंट्री नहीं

सावंत ने खुलासा करते हुए बताया कि जिन माह में स्टोर द्वारा ट्रैक्टर और फायर बिग्रेड से छिडक़ाव होना दर्शाया गया है। उन्हीं तारीखों में का मिलान ट्रैक्टर और फायर बिग्रेड वाहन में नहीं हो रहा है। न तो फायर बिग्रेड की लॉगबुक में उन माह में छिडक़ाव होने की इंट्री है और न ही ट्रैक्टर की लॉगबुक में इसकी इंट्री होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी पूर्व सीएमओ व स्टोर कीपर पर कार्रवाई की मांग की है।

लोकायुक्त को भेजी शिकायत

इस सेनेटाइजर घोटाले के अलावा आरटीआई कार्यकर्ता सावंत ने पेंचवर्क के नाम पर की गई डामर खरीदी और वर्ष-2021-20 व 2020-21में लेबर इंडस्ट्रीज भोपाल से जर्म कीलर साल्यूशन खरीदी की शिकायत लोकायुक्त सहित सीएम व प्रमुख सचिव को की है। इसमें बताया कि जर्म कीलर सॉल्यूशन खरीदी के स्टॉक रजिस्टर में इंट्री है, लेकिन खतौनी खर्च रजिस्टर में स्टोर कीपर पुनीत तिवारी द्वारा खर्च किए गए साल्यूशन की इंट्री दर्ज नहीं की गई है।

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