ठेकेदार पर मेहरबान अधिकारी, कलेक्टर फिर तय कर आए नई डेट लाईन

चिंतामण मंदिर में डेढ़ करोड़ का काम बना मजाक, पेनल्टी तक नहीं लगाई

उज्जैन, अग्निपथ। चिंतामण गणेश मंदिर में डेस्टिनेशन मैरेज प्रोजेक्ट के तहत कराए जा रहे निर्माण कार्य मजाक बनकर रह गए है। शुक्रवार को कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम निर्माण कार्य देखने मंदिर में पहुंचे और नए सिरे से डेट लाईन तय कर आए। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों और ठेकेदार के बीच तालमेल के अभाव में अब तय हुआ है कि 30 अप्रैल तक बचा हुआ काम समाप्त कर लिया जाएगा।

चिंतामण गणेश मंदिर में सभा मंडप विस्तार, पॉथ-वे, वीआईपी गेस्ट हाउस, संत निवास, विवाह शेड और शौचालय निर्माण के संयुक्त प्रोजेक्ट के लिए शासन से 1 करोड़ 80 लाख रूपए की स्वीकृति हुई थी। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के जरिए इस प्रोजेक्ट का टेंडर हुआ। 2019 के अंत में पी.जी. कंस्ट्रक्शन फर्म को निर्माण का ठेका 1.49 करोड़ रूपए में दिया गया था।

काम शुरू हुआ और इसके कुछ दिन बाद ही कोरोना का संक्रमण आ गया। लॉक डाउन खुलने के बाद दोबारा काम शुरू हुआ तो तत्कालीन आरईएस ईई आर.के. श्रीवास्तव और ठेकेदार के बीच मतभेद शुरू हो गए। दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे की शिकायतें की। इस विवाद की वजह से काम गति ही नहीं पकड पाया।

बमुश्किल 12 महीने में पूरे होने वाले निर्माण कार्य को लगभग 4 साल होने आ गए है। अब तक निर्माण कार्य अधूरा ही है। खास बात यह है कि आरईएस(ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) ने अब तक ठेकेदार पर किसी तरह की पेनल्टी भी नहीं लगाई है।

आरईएस ईई सुनील शर्मा ने बताया कि कार्य समाप्त होने के बाद अधीक्षण यंत्री कार्यालय से पेनल्टी तय होगी। शर्मा ने बताया कि कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने 30 अप्रैल तक शेष बचा मार्बल फ्लोरिंग का काम पूरा करने को कहा है, इस अवधि तक काम पूर्ण कर लिया जाएगा।

मंगलनाथ-कालभैरव भी पहुंचे कलेक्टर

कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने शुक्रवार को मंगलनाथ में यूडीए द्वारा निर्मित किए जा रहे शिखर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर के सामने अवैध अतिक्रमण को हटाने के साथ ही पूजन के लिए आवश्यक शेड व ओटलों का निर्माण करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कलेक्टर कालभैरव मंदिर पहुंचे और यहां चल रहे निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।

यहां कलेक्टर ने कहा है कि मंदिर के आसपास इस तरह से निर्माण किया जाए, जिससे यहां खुला स्थान अधिक छूटे। मंदिर आने व जाने के लिए संकीर्ण मार्गो को चौड़ा किया जाए। स्मार्ट सिटी द्वारा कालभैरव मंदिर के डेवलपमेंट प्लान का भी प्रदर्शन किया गया।

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