बडऩगर/रुनिजा, अग्निपथ। प्रतिभाएं किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है। बस उन्हें सही मार्गदर्शन व सही मंच मिलना चाहिए। यदि ऐसी प्रतिभा ग्रामों में निवास करती हो और वह भी लडक़ी होकर कराटे चैम्पियन हो तो उसका महत्व और बढ़ जाता है।
हम बात कर रहे है ऐसे ही ग्रामीण परिवेश में पली – बढ़ी खेल कराटे में 4 बार राष्ट्रीय एवं दो बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश व देश का नाम गौरवांवित कर चुकी शालिनी पाटीदार की, जो ग्राम मौलाना तहसील बडऩगर जैसे छोटे से कृषि प्रधान ग्राम के कृषक आनंदीलाल पाटीदार व राजूबाई पाटीदार की बड़ी पुत्री है।
अपने माता – पिता, गांव व अपने प्रशिक्षक अमजद खान व धर्मेंद्र कवाडय़िा का नाम रोशन करने वाली शालिनी ने अपनी कहानी बयां करते हुए बताया कि उसने सर्वप्रथम खेल कराटे की शुरुआत लता देवी विद्यालय बडऩगर से की। माता-पिता ने मेरा हौंसला बढ़ाया और मुझे खेल कराटे में देश के लिए पदक जीतने के लिए प्रोत्साहित किया। शालिनी एमएमए फाइट क्लब बडऩगर में ही अपने कोच के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।
वर्तमान में कॉलेज स्टूडेंट होकर भी शालिनी दो हजार से भी ज्यादा बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे चुकी है। युवा एवं खेल कल्याण विभाग के जिला अधिकारी ओ.पी. हारोड़ एवं ब्लॉक समन्वयक नंदकिशोर नागर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत शालिनी का सम्मान कर प्रोत्साहित किया जाएगा।