गोवा की मांडवी नदी पर तैरते राजमहलों जैसे आधुनिक जुआघर

गोवा से लौटकर अर्जुनसिंह चंदेल

उज्जैन। सफेद रेत और नीले पानी वाले समुद्र के सुंदर किनारों के कारण पहचान बनाने वाले हमारे देश के गोवा को पूरी दुनिया में जाना जाता है। और इसे ‘रोम ऑफ द ईस्ट’ भी कहा जाता है। 450 वर्षों तक पुर्तगालियों द्वारा गोवा पर राज करने के बाद 19 दिसंबर 1961 को भारत सरकार ने इसे अपने कब्जे में लिया। 3702 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला गोवा राज्य देश का सबसे कम क्षेत्रफल वाला राज्य है और 2011 की जनगणना अनुसार 14 लाख 58 हजार 585 की आबादी के साथ जनसंख्या के मामले में भारत का चौथे नंबर का राज्य है।

महाभारत में गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र के नाम से हुआ है जिसका अर्थ है गाय चराने वालों का देश। वर्तमान में गोवा की आबादी लगभग 20 लाख के करीब होगी। इस आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हिंदू और 28 प्रतिशत ईसाई आबादी का है। इस आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन पर निर्भर है।

आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इस छोटे से राज्य गोवा को प्रकृति प्रदत्त सुंदरता का आनंद लेने के लिये वर्ष 2018 में 88 लाख पर्यटक गोवा आये जिसमें 10 लाख विदेशी थे। अतिथियों के स्वागत हेतु यहाँ 4000 होटल्स के साथ 10 हजार टैक्सियां है।

पूरे देश से गोवा में प्रतिदिन 80 हवाई जहाज आते हैं। 40 खूबसूरत बीच (समुद्र तट) वाले गोवा में कुछ अंतरर्राष्ट्रीय बीच भी है। गोवा एक ऐसी जगह है जहाँ आकर आपके मन को लगता है कि आप भारत में ना होकर विदेशी भूमि पर हैं। यहाँ के बीच आपको विदेश में होने का एहसास कराते हैं। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति गोवा का श्रृँगार करके अद्भुत स्वरूप प्रदान करती है जिसका अप्रतिम रूप शांतिप्रिय पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को बहुत भाता है।

गोवा का मुख्य उद्योग पर्यटन और लौह खनिज है। वैसे इसे मछली उद्योग के लिये भी जाना जाता है परंतु यहाँ की उत्पादित मछलियाँ स्थानीय बाजार में ही खप जाती है। गोवा का काजू सऊदी अरब, बिट्रेन और अन्य यूरोपीय देशों को भी निर्यात होता है।

गोवा की बात हो और वहाँ के कैसीनों का जिक्र ना हो यह संभव नहीं है। ‘कैसीनो’ शब्द का अर्थ होता है छोटे देश, विला, समर हाऊस, सामाजिक क्लब जहाँ आनंददायक गतिविधियाँ होती हो जैसे नृत्य, जुआ, संगीत खेल आदि। दुनिया का सबसे पहला कैसीनो इटली के वेनिस में स्थापित हुआ था जिसका नाम था रिसोट्टी। 1638 में ग्रेट काउंसिल ऑफ वेनिस द्वारा इसे स्थापित किया गया था।

परंतु 1774 में विरोध के बाद इसे बंद कर दिया गया था। भारत में जुआ अति प्राचीन खेल है इसे अक्षक्रीड़ा या अक्षद्यूत के नाम से भी जाना जाता है। ऋग्वेद में भी इसका उल्लेख है और महाभारत की द्यूत क्रीड़ा सर्वविदित है। वेदों के समय से आज तक यह लोकप्रिय है।

भारत के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में से मात्र 3 ही प्रदेश गोवा, सिक्किम और दमन में कैसीनों को कानूनी अनुमति है। भारत का सबसे बड़ा कैसीनों दमन में डॉल्फिन दमन के नाम से स्थित है। सिक्किम में दो कैसीनो है-कैसीनो सिक्किम और कैसीनो महाजोंग।

जुआ विषय भारत में एक राज्य का हिस्सा है और प्रत्येक राज्य अपने-अपने हिसाब से जुआ गतिविधि कानून बनाने के लिये स्वतंत्र है।

अब बात करते हैं गोवा के केन्द्र बिंदु बने कैसीनो की जिनका आकर्षण दुनिया भर के जुआ प्रेमियों को अपनी ओर खींच लाते हैं। 1999 में गोवा में तत्कालीन काँग्रेस सरकार ने सार्वजनिक जुआ कानून के तहत 1 कैसीनो और 5 सितारा होटलों को लायसेंस दिये थे। 2007 से 2012 के बीच 7 और लायसेंस जारी किये गये। गोवा की 50 प्रतिशत आबादी जुए की शौकीन है।

मकाऊ, साऊथ कोरिया, वियतनाम, नेपाल, सिक्किम से ज्यादा गोवा के कैसीनो लोकप्रिय हैं। वर्ष 2018-19 के दौरान गोवा सरकार को इन कैसीनो से 411.44 करोड़ की आय हुई थी। गोवा की राजधानी पणजी में 6 अपतटीय कैसीनो है जो शहर के बीच बहने वाली माण्डवी नदी में है अन्य 5 सितारा होटलों में हैं।

तैरते कैसीनो में प्रमुख डेलटिन रायले, बिगडैडी, प्राईड-1, प्राईड-2 आदि है। गोवा में मांडवी नदी में तैरते इन कैसीनो का वैभव किसी राजमहलों से कम नहीं है। 4-5 मंजिला 24 घंटे खुले रहने वाले यह कैसीनो अपनी ईमानदारी और अनुशासन के लिये भी जाने जाते हैं।

आलीशान फानूस और ईरान की कालीनों की सुंदरता देखते ही बनती है। कैसीनो में प्रवेश करने पर लगता ही नहीं कि हम भारत जैसे विकासशील देश के निवासी हैं। ऐसा लगता है हम स्वर्ग और कुबेर की नगरी में पहुँच गये हैं। आधुनिक लिबासों से महिलाएँ भी बिंदास होकर पुरुषों के साथ द्यूत क्रीड़ा करती है और रुपयों की तो जैसी बारिश होती हो। 2-4 लाख का तो कोई मूल्य ही नहीं है।

कैसीनो में हर तरह का जुआ होता है मांग पत्ता, हाजिर वर्ली, तीन पत्ती, पोकर, रूलेट, बिंगो और भी ना जाने क्या-क्या। अरबों की लागत से निर्मित इन कैसीनो में कम से कम 500 से लेकर 1000 तक कर्मचारी होते हैं। कैसीनो मालिक की प्रत्येक जुए में जीतने वाले से 5 प्रतिशत की राशि तय होती है।

जुआ खिलाने वाली अधिकांश नव यौवनाएँ रहती है। इन कैसीनो में प्रत्येक व्यक्ति का प्रवेश शुल्क 5000 रुपये है। प्रवेश करने वाला व्यक्ति इसके एवज में असीमित शराब का सेवन और शाकाहारी, मॉसाहारी भोजन का लुत्फ उठा सकता है। कैसीनो के जो पंजीकृत खिलाड़ी रहते हैं उनके आने-जाने का हवाई जहाज का किराया और 2 सितारा से लेकर 5 सितारा तक की होटलों में रुकने की व्यवस्था के साथ हवाई अड्डे से लाने और छोडऩे के अलावा कैसीनो तक आने-जाने की व्यवस्था कैसीनो मालिक करते हैं।

प्रत्येक कैसीनो वाला गोवा सरकार को लगभग 40 करोड़ प्रतिवर्ष का टैक्स देता है। कैसीनो में डाँस, आर्केस्ट्रा का भी आनंद उठाया जा सकता है। अपनी ईमानदारी के लिये प्रसिद्ध इन कैसीनो के कारण राज्य के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। श

राब की स्थिति तो यह है जो रायल स्टेज की बोतल यहाँ (उज्जैन) पर 1100 की है वह गोवा में मात्र 350 रुपये में उपलब्ध है, बीयर की टिन मात्र 75 रुपये की है यहाँ से 70 प्रतिशत कम दर पर गोवा में शराब उपलब्ध है। पर्यटकों के आकर्षण का यह भी एक बड़ा कारण है। गोवा से वापसी करने वाला यात्री हवाई जहाज में अपने साथ 5 लीटर शराब ला सकता है वैधानिक रूप से।

मध्यप्रदेश में अथाह जलराशि के स्त्रोत गाँधीसागर भोपाल का बड़ा तालाब जैसे अनेक खूबसूरत स्थान उपलब्ध है, काश! इनका भी इस तरह उपयोग किया जा सकता। जिससे पर्यटकों को आकर्षित कर सरकार को राजस्व मिलता और लाखों लोगों को रोजगार भी।

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