किसान आंदोलन: कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान से विदेश मंत्रालय नाराज, कहा- दखल नहीं दें, रिश्ते बिगड़ सकते हैं

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर विदेश मंत्रालय ने सख्त ऐतराज जताया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय किसानों को लेकर कनाडा के नेताओं के बयान हमारे अंदरुनी मामलों में दखलंदाजी है, ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यह जारी रहा तो दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही भारत ने कनाडा के हाई कमिश्नर को भी तलब किया है।

ट्रूडो ने गुरुनानक जयंती के दिन भारत के प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि हालात चिंताजनक हैं। वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का शुक्रवार को 9वां दिन है। किसान कल सरकार के साथ होने वाली बैठक के लिए आज रणनीति तैयार कर रहे हैं। किसान भाइयों को आज दीदी यानी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का भी साथ मिल गया है। ममता बनर्जी ने कई किसान नेताओं से फोन पर बात की है और उनसे कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आपके आंदोलन में तृणमूल पूरी तरह साथ है।

किसानों के सपोर्ट में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ. मोहनजीत, चिंतक डॉ. जसविंदर और पत्रकार स्वराजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए हैं। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपना पद्मभूषण वापस करने का ऐलान किया था।

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