छात्र संगठन के विरोध के बाद बड़ौद थाना प्रभारी को हटाया

छात्रों ने फूंका थाना प्रभारी एवं तहसीलदार का पुतला

बड़ौद, अग्निपथ। लम्बे समय से विवादों से जुड़े रहे बड़ौद थाना प्रभारी को हटाने की मांग को लेकर मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। इस दौरान छात्रों के साथ कथित मारपीट करने के खिलाफ थाना प्रभारी और तहसीलदार का पुतला फूंका। मामला बढ़ता देख आगर जिला पुलिस कप्तान ने बड़ौद थाना प्रभारी विवेक कनोडिय़ा को हटा दिया है। उनकी जगह सोयत थाना प्रभारी को बड़ौद का चार्ज भी दिया गया है।

दरअसल सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में आगर रोड पर शासकीय महाविद्यालय के सामने छात्रों द्वारा हाईवे पर स्पीड ब्रेकर बनाने एवं बेरीकेड्स लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। मामले को शांत कराने पहुंचे थाना प्रभारी विवेक कनोडिय़ा एवं तहसीलदार अनिल कुशवाह छात्रों के सामने आग बबुला हो गये। आरोप है कि दोनों छात्रों के साथ अभद्रभाषा का उपयोग करते हुए मरपीट करने लगे।

दोनों अधिकारी की उक्त घटना कैमरे में कैद हो गई। विडियो में थाना प्रभारी छात्र को मारते हुए एवं तहसीलदार छात्र को धक्का देते देखे गये। मारपीट एवं अभद्रता से आहत छात्र संगठन पदाधिकारियों द्वारा पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर तुरंत थाना प्रभारी को हटानें की मांग की गई थी। मंगलवार तक किसी प्रकार की कार्रवाईं नहीं होने से खफा छात्रों द्वारा मंगलवार दोपहर में आलोट रोड चौराहे पर थाना प्रभारी एवं तहसीलदार का पुतला फूंका एवं बुधवार से भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी।

मामला बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी कनोडिय़ा को बड़ौद से हटा दिया गया। जैसे ही उक्त जानकारी छात्रों को लगी उन्होंने थाना परिसार के सामने आतीशबाजी कर अपना हर्ष व्यक्त किया। हालांकि छात्र नेताओं का कहना है कि जब तक तहसीलदार बड़ौद पर भी कार्यवाहीं नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अब देखना यह है कि प्रशासन छात्रों की इस एक और मांग को मानता है या फिर छात्र कोई बड़ा आंदोलन करते है।

हमारी एक मांग पुरी हुई है किंतु जब तक तहसीलदार पर भी कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। – युवराजसिंह कनासिया, छात्र नेता

चक्काजाम की सूचना मिलने पर कॉलेज के सामने विरोध कर रहे छात्रों को समझाने पहुंचे थे। छात्र मानने को तैयार नहीं थे। चक्काजाम के कारण लोगों को परेशानी हो रही थी। तहसीलदार साहब के आदेश के बाद छात्रों को सडक़ से हटाया गया था। मैंने किसी से मारपीट नहीं की।
– विवेक कनोडिय़ा, तत्कालीन थाना प्रभारी बड़ौद

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