मां नर्मदा के आंचल में अथाह जलराशि में बसा है सैलानी आइलैंड

यात्रा से लौटकर अर्जुन सिंह चंदेल की कलम से

ईश्वर ने विश्वकर्मा की सहायता से इस सृष्टि को संवारने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। अनगिनत तरीके से सुंदर फूल, पौधे, जीव-जंतु, प्रकृति प्रदत्त सुंदर झरने, मनोहारी पहाड़, सुंदर वन, जंगल, नदियां, तालाब ऐसी अनमोल चीजें विधाता ने मनुष्य को उपहार में दी है।

विधाता के इस नेक कार्य को कलयुग में विश्वकर्मा के वंशज अर्थात हमारे अभियंता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। यदि आप अभियंताओं की अदभुत परिकल्पना को साकार होते हुए देखना चाहते हैं और यदि भागमभाग की भरी जिंदगी में थोड़ा सुकून चाहते हो तो चले आइये मध्यप्रदेश के बड़वाह से मात्र 23 किमी दूर जयंती माता रोड पर घने जंगलों से गुजरते हुए मां नर्मदा के आंचल में अथाह जल राशि के बीच मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा बनाए गये सैलानी आईलैंड रिसोर्ट में।

यकीन मानिये हमारे प्रदेश में इतनी सुंदर जगह की कल्पना भी अधिकांश लोगों के दिमोग में भी नहीं होगी। औंकारेश्वर बांध के ऊपर जमा हुए मां नर्मदा के अथाह जल के बीच सवा दो एकड़ के एक टापू पर इसे बसाया गया है। एकांत स्थान में बसाये गए इस अदभुत संसार में पहुंचने के लिए आपको बोट में बैठकर जाना होता है।

वहां पहुंचते ही पर्यटन विकास निगम मध्यप्रदेश के कर्मचारियों का आत्मीय स्वागत आपका मन मोह लेगा। खूबसूरत हरियाली, रंग-बिरंगे फूल और सुंदर पौधों से निर्मित बगीचों की सुंदरता आपका मन मोह लेगी। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखकर आप अपना सारा तनाव भूल बैठेंगे। पर्यटन विकास निगम ने यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए वातानुकूलित कमरे भी बनाये हैं। जिनकी गैलरी में से आप मां नर्मदा के दर्शन कर सकते हैं। साथ ही ऐसा लगता है कि आतिथ्य देवा भव: की परंपरा का निर्वाह करने हेतु मां नर्मदा का जल आपके चरण पखारने को आतुर है।

सैलानी आईलैंड रिसोर्ट से सूर्यास्त और सूर्योदय का अप्रतिम नजारा दिखाई देता है। मेरा ऐसा मानना है कि इस नजारे को सौभाग्यशाली मनुष्य ही निहार सकते हैं। पर्यटकों के लिए यहां पर मनोरंजन के भी साधन उपलब्ध हैं, जो पर्यटक यहां पर रूकते हें वह व्हालीबाल, क्रिकेट का भी लुत्फ उठा सकते हैं। बच्चों के लिए यहां बहुत-सी गतिविधियां हैं।

कैरम के साथ झूले, चढऩे वाली नेट, साथ ही जंगलों में चलायी जाने वाली ४ पहियां गाड़ी चलाने का लुत्फ भी आप ले सकते हैं। सैलानी आईलैंड पर ही वातानुकूलित भोजनालय भी है, जिसमें चारों और पारदर्शी शीशे लगे हैं। जिसकी वजह से आप भोजन करते समय भी नर्मदा की स्वच्छ जलराशि को निहार सकते हैं। भोजनालय में पर्यटन विकास निगम द्वारा प्रशिक्षित कुशल खानसामों द्वारा वेज एवं नानवेज लजीज भोजन बनाया जाता है। सुंदर डाइनिंग हाल में भोजन के समय आपको असीम आनंद की प्राप्ति होगी।

सैलानी आइलैंड का चेक-इन समय दोपहर १२ बजे का है और चेक आउट समय भी दोपहर १२ बजे का ही है। यहां निगम के सुंदर इंटीरियर से सुसज्जित कमरों का किराया लगभग 7 हजार रुपए प्रतिदिन होगा, जिसमें ब्रेक फास्ट नि:शुल्क रहता है। कोलाहल और प्रदूषण से दूर यह जगह प्रकृति की गोद में जा बसने जैसा अहसास और अनुभूति आपको देगी।

आइलैंड का सौंदर्य

जरूरी नहीं है कि आप वहां रूकने ही जाएं। आप घूमकर आइलैंड का सौंदर्य देखकर भी आ सकते हैं। इसके लिए आपको मात्र 260 रुपए चुकाने होंगे, जो मोटर बोट के आने-जाने का संधारण खर्च है। आप चाहें तो दिन में ११ से ३ बजे के बीच वातानुकूलित रेस्टोरेंट में दिन का खाना भी खा सकते हैं शुल्क अदा करके।

मेरी तो इस सैलानी आइलैंड रिसोर्ट की दूसरी यात्रा थी। पहली यात्रा में ही मैं तात्कालीन प्रबंधक नितिन कटारे के मधुर व्यवहार और आत्मीय आथित्य सत्कार से इतना प्रभावित हुआ था कि दिल का एक टुकड़ा उन्हीं के पास रह गया था। जो अभी तक उनके पास है। उनकी लगन और मेहनत ने इस सैलानी रिसोर्ट को और सजाया और संवारा है। महाराष्ट्र के दो ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पश्चात लौटने बड़वाह से गुजरते वक्त साथी मित्रों को इसे दिखाने का लोभ छोड़ नहीं सका और गाड़ी का स्टेयरिंग घुमा दिया सैलानी आइलैंड की ओर।

मित्र नितिन तो अभी ग्वालियर में पदस्थ हैं परंतु उन्होंने फोन कर भोजन की सारी व्यवस्थाएं जमा दी। पहुंचने पर बोट वाले पहले से ही हमारा इंतजार कर रहा था। उस पर बैठकर हम आइलैंड के किनारे पर पहुंचे जहां बैटरी से चलने वाली गाड़ी हमारा इंतजार कर रही थी। स्वागत कक्ष में सैलानी के वर्तमान युवा प्रबंधक महेंद्र जी ने हमारा आत्मीय सत्कार किया। युवा प्रबंधक से मिलकर दिल को अच्छा लगा और उम्मीद जागी कि सैलानी की खूबसूरती और प्रबंधन में अैर चार चांद लगेंगे।

महेंद्र जी ने हम सभी साथियों को लाजवाब भोजन करवाया, जिसके स्वाद से आत्मा तृप्त हुई। भोजन कर थोड़ी देर सैलानी की खूबसूरती का आनंद लेकर और सूर्यास्त का मनोहारी दृश्य अपने-अपने नेत्रों में कैदकर महेंद्र जी से बिदाई लेकर और सैलानी की छबि दिल में संजोकर अपनी उज्जयिनी के लिए रवाना हो गए।

जय महाकाल।

Next Post

विद्युत विभाग का स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को लूटने की साजिश- विधायक परमार

Sun Jan 24 , 2021
उज्जैन। संपूर्ण प्रदेश सहित उज्जैन में भी स्मार्ट विद्युत मीटर लगाए जा रहे हैं और जिस से मनमाने तरीके से मीटर खराब हो जाने पर उसका शुल्क, ग्राहकों से वसूला जाएगा। लाइन लॉस से भी वहां के संबंधित मीटरों पर विद्युत शुल्क बढ़ जाएगा और उसकी खपत उन मीटरों में […]