कालिदास समारोह अब होना संभव नही

तैयारी के लिए समय की कमी के चलते नहीं हो पाएगा समारोह

उज्जैन, अग्निपथ। देवप्रबोधनी एकादशी पर आयोजित होने वाले अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन इस बार 23 नवंबर से आयोजित होना संभव नही दिख रहा। शुक्रवार को चुनाव आयोग से अनुमति मिल गई है, लेकिन अवकाश होने के कारण समय कम बचा है। लिहाजा समारोह आयोजित होना संभव नही है। हालांकि अकादमी निदेशक इस मामले में कलेक्टर व अन्य अधिकारियों से संपर्क कर रहे है।

मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, कालिदास संस्कृत अकादमी और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 23 से 29 नवंबर तक आयोजित होने वाले सप्त दिवसीय 66 वें अभा कालिदास समारोह के लिए अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में ही चुनाव आयोग से अनुमति के लिए पत्र भेजा था। इधर अनुमती मिलने के इंतजार में लंबा समय निकल गया। इसके बाद 17 नवंबर को रात में चुनाव आयोग से अकादमी निदेशक गोविंद गंधे को पत्र मिला है, जिसमें चुनाव आयोग ने कहा है कि कालिदास समारोह का आयोजन होता है तो कोई आपत्ति नही है।

सीधे तौर पर आयोग ने आयोजन करने की सहमति दे दी है, लेकिन इन सब के बावजूद अब शासन-प्रशासन और अकादमी के पास सप्त दिवसीय आयोजन करने के लिए समय नही बचा है। कारण है जो 3-4 दिन का समय शेष है। इस दौरान प्रतिदिन के संध्याकालिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न प्रतियोगिताएं, व्याख्यान, सारस्वत आयोजन, परिसंवाद, शोध पत्रों का वाचन, कवि समवाय जैसे आयोजन होंगे। इसके लिए देशभर से अतिथि विद्वान आते है। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन, वादन नृत्य और संगीत के कार्यक्रम में जाने-माने कलाकारों को बुलाया जाता है। इसकी सूचना पूर्व से ही दी जाती है।

इस बार अनुमति नही होने से कार्यक्रम चयन के लिए केंद्रीय समिति की बैठक भी नही हुई है। दूसरी परेशान यह है कि हाल ही में विधान चुनाव संपन्न हुए शनिवार रविवार के अवकाश के बाद 20 नवंबर सोमवार को शासकीय कार्यालय खुलने के बाद ही अधिकारियों से चर्चा हो सकेगी। इसके बाद तो मात्र 1 दिन का समय शेष रह जाएगा। ऐसे में निश्चित है कि आयोजन होना मुश्किल है। मामले को लेकर अकादमी के निदेशक गोविंद गंधे ने बताया कि 17 नवंबर को आयोग का पत्र मिला है।

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