कुंडालिया बांध मुआवजे में हुए फर्जीवाड़े में न्यायालय ने एक आरोपी को जेल भेजा

44 लाख का मुआवजा पाने के लिए चार साल पूर्व मृत व्यक्ति से फर्जी तरीके से खरीदी जमीन

सुसनेर, अग्निपथ। कुंडालिया बांध में मुआवजा देने और लेने में जितने खेल हुए है उसकी बानगी किसी से छुपी हुई नही है और इस तरह के प्रयास अभी भी लगातार सामने आते रहते हैं। अभी हाल ही में कुंडालिया बांध परियोजना में 200 करोड़ के मुआवजे के फर्जीवाड़े में लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज किया है। वही मीडिया में भी मामला उठाया था। जिसमे आरोपीगणो ने भूमि स्वामी की मृत्यु के 4 वर्ष बाद सन 2010 में मृतक को विक्रेता बताते हुए उस भूमि का अपने नाम से क्रय कर उसकी रजिस्ट्री करवाली और कुंडालिया बांध डूब में आई इस भूमि का लगभग 44 लाख का बीमा प्राप्त करने का प्रयास करने लगे थे।

मामले के प्रमुख आरोपी कालूराम रातडिय़ा को नलखेड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर अजाक्स न्यायालय आगर में पेश कर रिमांड की मांग की थी जिस पर न्यायालय द्वारा नलखेड़ा पुलिस को कालूराम का दो दिन का रिमांड दिया था। शुक्रवार को रिमांड खत्म होने पर नलखेड़ा पुलिस ने पुन: अजाक्स न्यायालय आगर में आरोपी कालूराम को पेश किया जहां से न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया है। अभी आरोपी की पत्नी एवं भाई उक्त मामले में फरार है। जिनकी गिरफ्तारी के भी प्रयास पुलिस द्वारा किये जा रहे है।

नलखेड़ा के ग्राम कोटड़ी की निवासी सोरम बाई पिछले काफी समय से आरोपीगण कालूराम रातडिय़ा पिता लक्ष्मीनारायण रातडिय़ा एवं उनकी पत्नी संतोष बाई रातडिय़ा के खिलाफ राजस्व, पुलिस एवं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से की थी। इसके साथ ही इनके द्वारा सिविल कोर्ट में भी एक वाद प्रस्तुत किया गया। पीडि़त सौरमबाई और उसके पति घीसू का कहना है कि भूमि स्वामी हरलाल जो पीडि़त के ससुर और पिता है उनकी मृत्यु 2006 में ही हो चुकी है और वे तभी से अपनी इस पुश्तेनी जमीन पर खेती करते चले आ रहे है।

पर जब यह भूमि कुंडालिया बांध डूब में आई तब उन्हें मालूम पड़ा कि इसका मुआवजा उनके नाम से ना होकर संतोष बाई पति कालूराम रातडिय़ा के नाम से आ रहा है तब उन्होंने प्रकरण में जांच की तो उन्हें मालूम पड़ा कि हमारी इस जमीन की रजिस्ट्री संतोष बाई ने अपने पति कालूराम रातडिय़ा के माध्यम से फर्जी रूप से करवा ली है।

क्योंकि 2010 में हुई रजिस्ट्री में मेरे पिता हरलाल को विक्रेता बताया गया है उनकी मृत्यु तो 2006 में ही हो गई थी और तभी से हम आरोपीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाही और रजिस्ट्री को निरस्त करवाने के लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं कोर्ट के चक्कर लगा रहे है। तत्कालीन आगर पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी के निर्देशन में और फिर सुसनेर एसडीओपी पल्लवी शुक्ला के द्वारा से की गई जांच के बाद अंतत: नलखेड़ा पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ 18 जून 23 को भा.द.स. की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी एवं 406 जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया था।

इस पूरे प्रकरण में पीडि़त पक्ष की सक्रियता रही कि समय रहते इस संबंध में आगर मालवा के पूर्व कलेक्टर रहे अवधेश शर्मा को पीडि़त पक्ष द्वारा इसकी लिखित सूचना देने के बाद शुरू में इनके द्वारा और फिर जिले के वर्तमान कलेक्टर कैलाश वानखेड़े द्वारा भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने एवं कोर्ट में मामला विचारधीन होने की जानकारी के चलते अभी तक आरोपी को मुआवजे का भुगतान नही किया गया था। बुधवार को पुलिस ने आरोपी कालूराम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा। जहां से उसे जेल भेज दिया गया

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