आबकारी और पुलिस से नहीं अब जिला कप्तान से अवैध शराब पर अंकुश की उम्मीद

जावरा। रतलाम जिले के जावरा और पिपलौदा विकासखण्ड में इन दिनों आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदार को शराब बेचने के लिए खुली छूट दे रखी है। दुकान से ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदार के आदमी खुलेआम अवैध अड्डों तक शराब पहुंचा रहे हैं। पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों की अनदेखी कर रहा है।

एक ओर जहां जनता पीने के पानी को लेकर तरस रही है तो दूसरी ओर पिपलोदा, जावरा, कालूखेड़ा, सुखेड़ा, ढोढर, रिंगनोद, बड़ावदा, ताल, हाटपिपलिया शराब दुकानों से लगभग 120 पंचायतों में शराब ठेकेदार अवैध तरीके से बिक्री करवा रहे है। शराब दुकान से डायरियों के माध्यम से ठेकेदार के लोग गांव – गांव तक शराब पहुंचा रहे है। जबकि शासन ने इन्हे सिर्फ तय दुकानों से शराब बेचने का लायसेंस दिया है। सूत्रों की माने तो गांव – गांव के अलावा देशी शराब दुकान पर विदेशी शराब भी बेची रही है। आबकारी विभाग की मिलीभगत एवं पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण हर तरफ अवैध शराब विक्रय का कारोबार दिन – प्रतिदिन बड़ता जा रहा है। बताया जाता है कि सत्तापक्ष के भी कुछ लोग जो शराब की बिक्री गांव – गांव तक करवा रहे हैं।

जिले के अंतिम छोर पर बसी तहसीलों में शराब माफियाओं का आतंक मचा हुआ है। हालांिक पिछले दिनों सोशल मीडिया के माध्यम से अवैध शराब विक्रय की हुई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने आबकारी उपनिरीक्षक को नोटिस जारी किया था। तहसील मुख्यालय पर पदस्थ जिम्मेदारों की मिलीभगत की वजह से शराब माफियओं के हौंसले बुलंद है। फिर भी ईमानदार जिला कप्तान से लोगों को उम्मीद है कि उनके द्वारा शराब माफियाओं कि नकेल कसी जाएगी।

कलेक्टर ने सहायक जिला आबकारी अधिकारी को दिया नोटिस

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से शराब बिक्री की शिकायतें प्राप्त होने के संबंध में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा सहायक जिला आबकारी अधिकारी आरसी बारोड़ को भी शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। इससे एक दिन पहले भी कलेक्टर ने अवैध शराब की बिक्री को लेकर आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक को नोटिस दिया था।

सहायक जिला आबकारी अधिकारी को दिए गए नोटिस में कलेक्टर द्वारा कहा गया है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से शराब विक्रय की शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिसके कारण अपराध हो रहे हैं। इस संबंध में विधायक ने भी शिकायत की है।

अवैध शराब का बिक्री से स्पष्ट होता है कि आपका प्रभावी नियंत्रण नहीं है तथा अवैध शराब विक्रय में प्रथम दृष्टया उनकी संलिप्तता है। उक्त कृत्य के लिए निलंबन एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को प्रेषित क्यों ने किया जाए। सहायक आबकारी अधिकारी को तीन दिन में इस नोटिस का जवाब देना है।

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